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Saturday, 21 December, 2024
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अलीपुरद्वार से हटाए जाने के बाद पूर्व CEA अशोक लाहिड़ी बालुरघाट से बने बीजेपी कैंडीडेट

प्रेसीडेंसी कॉलेज के स्नातक, 70 वर्षीय बंगाली अर्थशास्त्री लाहिड़ी को शुरू में अलीपुरद्वार से मैदान में उतारा गया था लेकिन विरोध के चलते अब उन्हें बालुरघाट से टिकट दिया गया है.

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कोलकाता: भाजपा ने आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी को दक्षिण दिनाजपुर के बालुरघाट निर्वाचन क्षेत्र से टिकट देकर फिर से मैदान में उतारा है.

चुनाव के पांचवे से आठवें चरण के लिए 13 उम्मीदवारों की सूची मंगलवार को जारी की गई जिसमें उनके नाम की घोषणा की गई. जिला इकाई में पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद लाहिड़ी को अलीपुरद्वार के लिए उम्मीदवार के रूप में हटा दिए जाने के ठीक पांच दिन बाद यह कदम उठाया गया है.

बालुरघाट निर्वाचन क्षेत्र एक अर्धशहरी सीट है जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को करीब 39,000 वोटों से बढ़त मिली थी. प्रेसीडेंसी कॉलेज के स्नातक, 70 वर्षीय बंगाली अर्थशास्त्री लाहिड़ी को शुरू में अलीपुरद्वार से मैदान में उतारा गया था जहां पार्टी को 2019 में लगभग 38000 वोटों से बढ़त मिली थी . उनकी जगह पर बालुरघाट में सुमन कांजीलाल को लाया गया है जो बीजेपी के ज़िला सचिव हैं और उन्होंने लाहिड़ी की उम्मीदवारी का विरोध किया था.

उम्मीदवारों की इस ताजा लिस्ट में भाजपा के मटुआ सांसद सांतनु ठाकुर के बड़े भाई सुब्रत ठाकुर का नाम भी शामिल हैं.

सुब्रत वर्तमान में उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर में अखिल भारतीय मटुआ महासंघ के प्रमुख हैं. वह उत्तर 24 परगना जिले की गायघाटा सीट से चुनाव लड़ेंगे. यह सीट जिले 80 प्रतिशत मटुआ आबादी वाली चार अनुसूचित जाति वाली सीटों- बागड़ा, बोंगांव उत्तर, बोंगांव दक्षिण और गायघाटा में से एक है.


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भाजपा लाहिड़ी को लेकर क्यों उत्सुक है

इस चुनाव में भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस दोनों को ही आंतरिक कलह और कैंडीडेट्स के विरोध को लेकर परिशानियों का सामना करना पड़ा है.

लाहिड़ी, जिन्होंने पार्टी सूत्रों के अनुसार, दक्षिण बंगाल और कोलकाता या हावड़ा के पास किसी सीट को दिए जाने का अनुरोध किया था, को बीजेपी की इस लिस्ट का काफी सशक्त कैंडीडेट माना जा रहा है. कहा ये भी जा रहा है कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है उन्हें राज्य का अगला वित्त मंत्री बनाया जा सकता है.

एक टॉप बीजेपी नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमें अपने पूर्व सीईए अशोक लाहिड़ी को सुरक्षित सीट पर खड़ा करना पड़ा क्योंकि अगर हम सत्ता में आते हैं तो हमें उनकी जरूरत होगी. अगर हम सरकार बनाने में सक्षम होते हैं तो उन्हें वित्त मंत्री बनाया जा सकता है. राजनेता उम्मीदवारों के अलावा हमें कुछ एकेडमिक रूप से विश्वसनीय बंगाली चेहरों को भी रखने की जरूरत है.

बालुरघाट उत्तर बंगाल का सबसे बड़ा वितरण केंद्र है. जिन मुख्य वस्तुओं का यहां कारोबार किया जाता है उनमें चावल, जूट, गन्ना, मछली और तिलहन शामिल हैं. कभी वाममोर्चा की सहयोगी रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) का गढ़ माने जाने वाले बालुरघाट में 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी अपनी पैठ बढ़ाती जा रही है और लगातार अपनी स्थिति को मज़बूत कर रही है.

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