चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की करनाल सीट से लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई सीट, राज्य की 5 महत्तवपूर्ण सीटों पर आज सबकी नजर होगी.
एग्जिट पोल और चुनावों के दौरान भी यह कहा जा रहा था कि खट्टर के नेतृत्व में भाजपा हरियाणा का चुनाव जीत जाएगी. हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं.
राज्य की कुछ सीटें काफी महत्वपूर्ण हैं. दिप्रिंट ने हरियाणा की 5 सीटों का विश्लेषण किया है. गुरूवार को 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है.
करनाल
करनाल पंजाबी बहुल विधानसभा है. राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर यहां से चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के तरलोचन सिंह और जनजनायक जनता पार्टी के तेजप्रताप यादव मैदान में हैं. तेजप्रताप यादव को बीएसएफ से निकाल दिया गया था.
यादव ने लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ने की कोशिश की थी. लेकिन चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था.
इसके अलावा सिंह कांग्रेस के स्थानीय नेता हैं. लेकिन खट्टर के मुकाबले वो काफी कमजोर हैं.
गढ़ी सांपला किलोई
जाट बहुल क्षेत्र से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा दो बार विधानसभा पहुंच चुके हैं. 2009 के मुकाबले 2014 में हुड्डा की जीत का मार्जिन कम हुआ था. अब देखना यह होगा कि इस बार क्या होगा.
हुड्डा लोकसभा चुनाव में सोनीपत से चुनाव हार गए थे. इसलिए यह चुनाव उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है.
उचाना कलां
पूर्व सांसद और जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. यह भी जाट बहुल क्षेत्र है. दुष्यंत पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवीलाल के पड़पौते हैं.
इस सीट पर चौधरी बिरेंद्र सिंह काफी मजबूत हैं. बिरेंद्र सिंह पहले कांग्रेस में थे लेकिन बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए थे. फिलहाल मोदी के नेतृत्व में वो केंद्र में मंत्री हैं.
टोहाना
जाट बहुल क्षेत्र में तोहाना एक और महत्वपूर्ण सीट है. इस सीट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के खिलाफ जेजेपी के देवेंद्र बबली और कांग्रेस के दो बार के विधायक परमवीर सिंह मैदान में है.
बराला इस सीट पर सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. लेकिन बबली इस सीट पर बराला को काफी टक्कर देते हुए दिख रहे हैं. 2014 में बराला ने आईएनएलडी के निशान सिंह को 7 हजार वोटों से हराया था. बबली उस समय तीसरे स्थान पर रहे थे.
बराला की जीत भाजपा में उनके स्थान को और बढ़ाएगी.
नारनौद
भाजपा के महत्वपूर्ण जाट नेता और राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जेजेपी से राम कुमार गौतम चुनावी मैदान में है. कांग्रेस से बलजीत सिंह मैदान में हैं.
गौतम ने 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. वह उस समय तीसरे स्थान पर रहे थे. अभिमन्यु ने आईएनएलडी के राज सिंह को 5500 वोटों से हराया था.
अगर कैप्टन अभिमन्यु इस सीट से हार गए तो यह सत्तारूढ़ पार्टी के लिए काफी बुरा होगा.
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