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Tuesday, 7 May, 2024
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किसानों और उनके परिवार पर टिप्पणी को लेकर किसान समूहों ने की जेपी दलाल को बर्खास्त करने की मांग

भाषण में किसानों, उनकी पत्नियों और बेटियों पर हमला करने के बाद कृषि मंत्री और भाजपा नेता जेपी दलाल को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी का कहना है कि उनका इशारा केवल 'स्वयंभू' नेताओं की तरफ था.

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गुरुग्राम: हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने किसान नेताओं, उनकी पत्नियों, बेटियों और बहुओं पर टिप्पणियों से राज्य में किसान संगठनों, खाप पंचायतों और विपक्षी नेताओं को नाराज़ कर दिया है जिसके बाद अब उन्हें माफी और इस्तीफे की मांग का सामना करना पड़ रहा है.

दलाल द्वारा लक्षित किसान नेताओं ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-2021 में दिल्ली की सीमाओं पर एक साल लंबे आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसे अंततः निरस्त करना पड़ा.

रविवार को लोहारू निर्वाचन क्षेत्र में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता दलाल ने जनता को उन किसान नेताओं से सावधान रहने की सलाह दी जो “अपने स्वार्थ के लिए आंदोलन के लिए उकसाते हैं”.

दलाल ने कहा, “वो यहीं बेकार बैठे रहते थे. मैं उन सभी को जानता हूं. अब, अगर मैं बोलूंगा, तो वो कहेंगे कि मैं उनके बारे में बुरा बोलता हूं. उनकी अपनी पत्नियां उनकी बात नहीं सुनती हैं और वे किसानों के रक्षक होने का दावा करते हैं. मैं उन सबको जानता हूं. इनमें से किसी पर तीन तो किसी पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं. किसी की बहू भाग गई है तो किसी की बेटी और वे आपके नेता होने का दावा करते हैं.”

उन्होंने लोगों से यह पहचानने को कहा कि उनके साथ कौन है और कौन लोगों को बेवकूफ बनाकर फायदा उठा रहा है, “तुम्हें भी उनके बारे में सब पता है. वे कहते हैं कि मैं बोलने से खुद को रोक नहीं सकता. क्यों? क्या मैंने किसी से कोई अनुचित लाभ लिया है? मुझे क्यों नहीं बोलना चाहिए?”

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दलाल ने सोमवार को अपने मेटा अकाउंट पर अपने भाषण का एक वीडियो साझा किया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और माफी मांगने के साथ-साथ उन्हें भाजपा-जननायक जनता पार्टी के राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की गई है.

दिप्रिंट ने दलाल से फोन पर सवाल पूछने के लिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

हरियाणा बीजेपी के प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि दलाल के शब्द आम किसानों के लिए नहीं बल्कि कुछ “स्वयंभू” किसान नेताओं के लिए थे.

शर्मा ने दिप्रिंट से कहा, “ये तथाकथित किसान नेता खेती भी नहीं करते हैं, लेकिन उनकी पूरी आजीविका किसान आंदोलनों से चलती है. यही कारण है कि वे किसानों को भड़काते रहते हैं. मंत्री सिर्फ किसानों को ऐसे स्वयंभू नेताओं के खिलाफ चेतावनी दे रहे थे.”

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने गुरुवार को करनाल में प्रदर्शन किया और दलाल को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा. दिप्रिंट के पास दस्तावेज़ की एक प्रति है.

ज्ञापन में कहा गया है, ”आपके मंत्रिमंडल के एक मंत्री जे.पी. दलाल ने लोहारू में एक भाषण के दौरान आंदोलनरत किसानों पर ऐसी घृणित और अशोभनीय टिप्पणी की जिसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. कोई भी बहू और बेटियों पर टिप्पणी को उचित नहीं ठहरा सकता. हम इस ज्ञापन में मंत्री द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा को पुन: प्रस्तुत करने में भी सहज महसूस नहीं कर रहे हैं.”

इसमें आगे कहा गया, “दलाल के बयान के खिलाफ लोगों में नाराज़गी की भावना व्याप्त है और इसके कारण आपकी सरकार की हर जगह आलोचना हो रही है. हमें आज करनाल में विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इस ज्ञापन के माध्यम से हम दलाल को कैबिनेट से बर्खास्त करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं.”

प्रदर्शन के बाद दिप्रिंट से बात करते हुए, राष्ट्रीय स्तर पर नरेश टिकैत के नेतृत्व वाले बीकेयू के जिला अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से, उनके संगठन ने मंत्री के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई नहीं किए जाने पर आंदोलन शुरू करने की धमकी दी थी.

साल भर चले किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भी दलाल को हरियाणा कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की.

संगठन ने गुरुवार को एक बयान में मंत्री की टिप्पणी की कड़ी निंदा की. इसने कहास “जे.पी. दलाल के बयान न केवल किसान आंदोलन के कार्यकर्ताओं को अपमानित करते हैं, बल्कि उससे भी अधिक, उनकी टिप्पणी महिलाओं की गरिमा को कम करती है.”

मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेता और हरियाणा की पूर्व मंत्री किरण चौधरी, जो तोशाम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं, ने मंत्री के बयान को बेहद शर्मनाक और राजनीतिक नेता के लिए अशोभनीय बताया.

गुरुवार को दिप्रिंट से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि किसी राजनीतिक नेता को किसान नेताओं के परिवार की महिला सदस्यों या किसी अन्य पर इस मामले में टिप्पणी करना शोभा नहीं देता है.

उन्होंने आरोप लगाया कि दलाल विवादास्पद बयान देने के आदी हैं और उन्होंने दिल्ली विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौत पर भी असंवेदनशील टिप्पणी की थी.

दलाल की टिप्पणी पर फोगाट खाप पंचायत ने चरखी दादरी में बैठक की और उनके बयान की निंदा की.

गुरुवार को दिप्रिंट से बात करते हुए पंचायत के अध्यक्ष बलवंत फोगाट ने कहा कि खाप ने दलाल से माफी की मांग की है.

फोगाट ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम खट्टर को सोचना चाहिए कि उन्होंने किस तरह के लोगों को अपनी सरकार में विधायक और मंत्री बनने के लिए चुना है. हम एक हफ्ते तक इंतजार करेंगे और अगर मंत्री माफी नहीं मांगते हैं या सीएम उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं, तो हम इस मुद्दे पर सर्व खाप पंचायत की बैठक बुलाएंगे.”


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दलाल की आलोचना

एक अन्य किसान संगठन राष्ट्रीय किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष, प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने दिप्रिंट को बताया कि मंत्री की टिप्पणियों से उनकी हताशा का पता चलता है क्योंकि “लोग भाजपा-जेजेपी सरकार के खिलाफ थे”.

दलाल को बर्खास्त करने की मांग करते हुए भारूखेड़ा ने कहा, “हरियाणा के लोग भाजपा-जेजेपी सरकार से तंग आ चुके हैं और उन्होंने आने वाले चुनावों में उन्हें जड़ से उखाड़ने का फैसला किया है. यही कारण है कि इसके नेता नाराज़ हैं.”

हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि जिम्मेदारी वाले पदों पर बैठे लोगों को बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए और भाषा में मर्यादा बनाए रखनी चाहिए.

हुड्डा ने दिप्रिंट को बताया, “हमारी समृद्ध भारतीय और हरियाणवी संस्कृति हमसे अपेक्षा करती है कि हम सभी की बहनों और बेटियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें, लेकिन जिस तरह से दलाल ने राजनीतिक कुंठाएं निकालने के लिए महिलाओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की हैं, वह अकल्पनीय और अस्वीकार्य है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि किसान अपनी जायज़ मांगों को लेकर तीन साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी बात सुनने के बजाय, भाजपा-जजपा नेता उन्हें अपमानित करने के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. हुड्डा ने दलाल से माफी की मांग की है.

इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) नेता अभय सिंह चौटाला ने भी दलाल की टिप्पणियों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने दलाल के भाषण का वीडियो एक्स पर शेयर करते हुए इसे बीजेपी का ‘किसान विरोधी और महिला विरोधी चेहरा’ बताया.

चौटाला ने लिखा, “कृषि मंत्री का बयान बहुत शर्मनाक है. ये BJP का असली किसान विरोधी व महिला विरोधी चेहरा है. जब BJP काले कानून लाई, किसानों पर लाठी चलाई तब किसान संगठनों ने BJPके घुटने टिका दिए थे. फिर भी ये किसान नेताओं व संगठनों का अपमान करने से बाज़ नही आ रहे. चुनावों में किसान इनका हिसाब करेंगे.”

धनखड़ खाप पंचायत ने भी बुधवार को झज्जर में अपनी बैठक में दलाल से सार्वजनिक माफी की मांग की.

गुरुवार को दिप्रिंट से बात करते हुए धनखड़ खाप के अध्यक्ष युद्धबीर सिंह धनखड़ ने कहा, “जे.पी. दलाल एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और मंत्री पद पर बैठे हैं. ऐसे पद पर बैठा व्यक्ति दूसरों की पत्नियों और बेटियों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करता है, जो खापों को स्वीकार्य नहीं है. मैंने झज्जर जिले के कादियान खाप और गुलिया खाप के प्रतिनिधियों से बात की है और उन्होंने भी दलाल की टिप्पणियों पर गुस्सा व्यक्त किया है.”

उन्होंने कहा, “हम उनसे सार्वजनिक माफी की मांग करते हैं, अन्यथा हम भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए सर्व खाप पंचायत की बैठक बुलाएंगे.”

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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