हैदराबाद: हैदराबाद में बॉलीवुड फिल्म ब्रह्मास्त्र के प्रचार कार्यक्रम के आखिरी मिनट में रद्द होने को भारतीय जनता पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता से जोड़ा जा रहा है. भाजपा दक्षिणी राज्य में पैठ बनाने के प्रयास कर रही है.
पिछले शुक्रवार को रामोजी फिल्म सिटी में होने वाले इस इवेंट का प्रचार टॉलीवुड स्टार जूनियर एन. टी. रामा राव कर रहे थे. उन्हें जूनियर एनटीआर के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने अगस्त में हैदराबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
गणेश चतुर्थी समारोह और कानून-व्यवस्था के मुद्दों के बीच कम समय में भारी सुरक्षा तैनात करने में असमर्थता का हवाला देते हुए पुलिस ने इस इवेंट को अनुमति देने से इनकार कर दिया. इसके बाद प्री-रिलीज़ कार्यक्रम रद्द कर दिया गया और इवेंट की जगह एक छोटी प्रेस मीट आयोजित की गई. जिसमें जूनियर एनटीआर और जाने-माने निर्देशक एस.एस. राजामौलि ने भाग लिया. राजामौलि के पिता और प्रसिद्ध तेलुगु पटकथा लेखक वी. विजयेंद्र प्रसाद राज्यसभा के सदस्य हैं.
कथित तौर पर प्रसाद को ‘रजाकर फाइल्स’ की कहानी लिखने की वजह से साथ लिया जा रहा है. यह एक ऐसी फिल्म है जिसे भाजपा अगले साल तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले देखना चाहती है. पटकथा लेखक राज्यसभा के लिए भाजपा के उम्मीदवारों में से एक थे, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें उनके नामांकन पर बधाई दी थी.
अगस्त में शाह ने मीडिया बैरन रामोजी राव से मुलाकात की थी, जो प्रभावशाली कम्मा समुदाय से आते हैं. राव को तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का करीबी माना जाता है. कम्मा के साथ भी ऐसा ही हैं. उसी महीने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हैदराबाद में अभिनेता नितिन और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज से मुलाकात की थी.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह अब होता रहेगा. आने वाले हफ्तों में पार्टी के शीर्ष नेताओं के और हस्तियों से मिलने की उम्मीद है.
भाजपा के तेलंगाना के प्रवक्ता किशोर पोरेड्डी ने दिप्रिंट को बताया, ‘सेलिब्रिटीज या मशहूर लोगों से मिलने की यह कवायद लंबे समय से है. जिलों और मंडलों में भी हम जाने-माने लोगों से मिलते रहते हैं. यह नेटवर्किंग के बारे में ज्यादा है. जब कोई पार्टी अलग-अलग समुदाय या लोगों से बेहतर संबंध बनाए रखती है – चाहे वह प्रशंसक हो या अनुयायी – यह पार्टी के लिए फायदेमंद होता है.’
हालांकि, जूनियर एनटीआर के साथ शाह की मुलाकात को ‘शिष्टाचार मुलाकात’ बताया गया था क्योंकि केंद्रीय मंत्री ने ब्लॉकबस्टर फिल्म आरआरआर में अभिनेता के प्रदर्शन की सराहना की थी. लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बैठक के राजनीतिक पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी के संस्थापक एन टी रामाराव के पोते जूनियर एनटीआर हमेशा से टीडीपी के समर्थक रहे हैं और उन्होंने पहले इसके लिए प्रचार भी किया है.
राजनीतिक विश्लेषक नागेश्वर राव ने दिप्रिंट को बताया,‘परिस्थितियों को देखते हुए, ऐसा लगता है कि इवेंट को अनुमति नहीं मिलने का केसीआर (तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव) और भाजपा के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता से कुछ न कुछ लेना-देना तो है. हालांकि यह कहना मुश्किल है कि क्या यह सही कारण है और अगर ऐसा नहीं भी है, तो भी बीजेपी इसे इसी तरह पेश करेगी.’
उन्होंने कहा, ‘यह इवेंट शहर के बाहरी इलाके में एक जगह पर किया जाना था. ऐसा नहीं है कि इस तरह के आयोजनों में कानून और व्यवस्था की गड़बड़ी का इतिहास रहा हो. हर कोई कार्यक्रम स्थल में नहीं जा सकता. एक निमंत्रण होना चाहिए.’
राव ने आगे कहा कि अगर शाह आरआरआर से इतने प्रभावित थे तो उन्हें टीम के अन्य सदस्यों से भी मिलना चाहिए था. वह कहते हैं, ‘यह किसी से छिपा नहीं है कि शाह-जूनियर एनटीआर बैठक के पीछे नंदामुरी (एनटीआर के परिवार) के प्रशंसकों और तेलंगाना में तेलुगु देशम के अनुयायियों के लिए एक राजनीतिक संदेश छिपा है. भाजपा सकारात्मक धारणा बनाने की कोशिश कर रही है.’
भाजपा के वरिष्ठ नेता गुडूर नारायण के अनुसार, ‘राजनीतिक बदले’ की कार्रवाई के चलते हैदराबाद कार्यक्रम को रद्द किया गया है.
उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘इस कार्यक्रम में एनटीआर थे. उन्होंने शाह और राजामौलि के पिता प्रसाद से मुलाकात की, जो भाजपा द्वारा मनोनीत राज्यसभा सदस्य हैं. हाल के दिनों में टॉलीवुड अभिनेताओं के साथ भाजपा की बैठकों ने टीआरएस सरकार में घबराहट पैदा कर दी है. वे समझ गए थे कि टॉलीवुड सरकार से नाखुश है और एक विकल्प की तलाश कर रहा है – जो कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा है. इसलिए इवेंट को करने से रोक दिया गया.’
टीआरएस के एक वरिष्ठ नेता ने इवेंट के रद्द होने के पीछे किसी भी तरह की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘हम इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वे किससे मिल रहे हैं या वे क्या कर रहे हैं. यह कानून-व्यवस्था का मामला था. हमें राज्य के लोगों का समर्थन प्राप्त है और इसे लेकर हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं.’
अपनी ‘मिशन साउथ’ योजना में भाजपा ने अपना ध्यान तेलंगाना पर डाला हुआ है. जहां उसने दो विधानसभा उपचुनावों में जीत और पिछले दो सालों में ग्रेटर हैदराबाद नगर चुनावों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया था. अब वह यहां अपने लिए जमीन हासिल करना चाहती है.
अपने शीर्ष नेताओं से राज्य का लगातार दौरा करने से लेकर सक्रिय कैडर आधार को मजबूत करने तक, भाजपा 2023 में होने वाले चुनावों में सत्तारूढ़ टीआरएस के कड़े प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरने की हर संभव कोशिश कर रही है.
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सिर्फ शिष्टाचार मुलाकातों से ज्यादा?
उधर जूनियर एनटीआर के करीबी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि वह तेजी से बढ़ते फिल्मी करियर के बीच किसी भी राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने के इच्छुक नहीं हैं.
निजामाबाद जिले के रहने वाले टॉलीवुड फिल्म के नायक नितिन के साथ नड्डा की मुलाकात ने उनके और भाजपा के बारे में भी अटकलें लगाई हैं.
बैठक में शामिल होने वाले एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘नितिन और मिताली राज दोनों मोदी के शासन के बारे में बहुत सकारात्मक हैं और वे दोनों मोदी की फिर से जीत के पक्ष में थे. नितिन ने नड्डा से यह भी कहा कि अगर राज्य में कोई ‘सामाजिक गतिविधि’ होती है, तो वह इसका हिस्सा बनने के लिए तैयार होंगे.’
उन्होंने कहा, ‘जब ये लोग सकारात्मक होंगे, तो उनका प्रशंसक आधार भी हमारे साथ जुड़ जाएगा. ऐसा नहीं है कि हम उन्हें वोट शेयर दिलाने के लिए कहते हैं… धारणा बनाना भी महत्वपूर्ण है. और इससे पार्टी को बढ़ावा मिलता है. और यह सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं है. नितिन की फिल्में हिंदी में भी डब की जाती हैं और टीवी पर देखी जाती हैं. सोशल मीडिया पर भी दर्शकों की संख्या काफी है.’
भाजपा विधान परिषद के पूर्व सदस्य रामचंदर राव ने दिप्रिंट को बताया कि बिजनेस इंडस्ट्री, फिल्में, खेल, कला और संस्कृति की ‘प्रसिद्ध हस्तियों’ के साथ कई और बैठकें आयोजित की जानी हैं.
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में ‘बाहुबली’ स्टार प्रभास से मुलाकात की थी और फिल्म की सफलता के लिए अभिनेता को बधाई दी थी.
राजनीतिक विश्लेषक राव ने कहा कि भाजपा फिल्म उद्योग की सेलिब्रिटी स्थिति को भुनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया, ‘सिनेमा के नायकों की व्यक्तिगत छवि, उनका प्रशंसक आधार – भाजपा इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है. कश्मीर फाइल्स से लेकर रजाकार फाइल्स तक फिल्मों का इस्तेमाल करने का प्रयास किया गया है. इतिहास को इस तरह पेश किया जा रहा है कि यह भाजपा के लिए अच्छा काम करे.
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