चंडीगढ़: बेरोजगार कॉलेज शिक्षिका बलविंदर कौर की कथित आत्महत्या पर बढ़ते राजनीतिक विवाद के बीच, उनके परिवार ने पंजाब सरकार के इस वादे के बाद गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया कि वह उनकी पांच वर्षीय बेटी को 18 साल की होने पर नौकरी देगी.
माना जाता है कि बलविंदर ने शनिवार को रूपनगर शहर में एक नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली थी, जहां से इस सप्ताह की शुरुआत में उनका शव बरामद किया गया था.
वायरल हो रहे एक कथित सुसाइड नोट में, उन्होंने अपनी पारिवारिक समस्याओं का हवाला दिया, लेकिन यह भी लिखा कि सहायक प्रोफेसर के रूप में चयनित होने के बावजूद उनके बेरोजगार होने के लिए पूरी तरह से पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस दोषी हैं. हाथ से लिखे गए इस नोट पर खून की बूंदें थी और उनके नाम का हस्ताक्षर भी किया गया था.
बलविंदर की बेटी को नौकरी के “लिखित आश्वासन” की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब के मुख्यमंत्री और आप नेता भगवंत मान को आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से भी “बड़ा धोखेबाज” करार दिया.
उन्होंने गुरुवार को लिखा, “उन्होंने बलविंदर कौर की बेटी को लिखित (आश्वासन) दिया है कि जब भी वह पात्र होगी उसे सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी. 13 साल बाद वह 18 साल की हो जाएगी! आपको शर्म आनी चाहिए मान साहब – आप आत्महत्या करने वाली बलविंदर कौर को नौकरी नहीं दे सके और अब आप उसकी 5 साल की बेटी को पाल रहे हैं. इस सदी का धोखा!!”
बलविंदर ‘1158 सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन फ्रंट’ के सदस्य थे, जो सरकारी कॉलेजों में नौकरियों की मांग को लेकर पिछले दो महीनों से आनंदपुर साहिब में AAP के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार शिक्षकों का एक संघ था.
मामला सामने आने के बाद से बलविंदर के परिवार और कई राजनेताओं ने बैंस के इस्तीफे और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उनके परिवार ने पहले मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था.
जबकि रोपड़ पुलिस ने बलविंदर के पति और ससुर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है, लेकिन मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है.
दिप्रिंट ने इस विषय पर प्रश्नों के लिए फोन कॉल और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से बैंस से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
आप के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने शनिवार को सोशल मीडिया पर कहा कि बलविंदर का “दुर्भाग्यपूर्ण निधन” “उनके पति की प्रताड़ना के कारण” हुआ.
1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन फ्रंट के सदस्य, बलविंदर के परिवार के साथ, रोपड़ सिविल अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जहां उनका शव रखा गया था. उन्होंने बैंस के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की और बलविंदर के परिवार के सदस्यों ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर मामले में कार्रवाई की मांग की थी.
1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन फ्रंट के नेता रोहित डिगरा ने गुरुवार को दिप्रिंट को बताया कि उनके परिवार ने सरकार के साथ जो ‘समझौता’ किया है, उससे वे ‘निराश’ हैं. डिगरा ने कहा, “हमें पुलिस ने बताया था कि शिक्षा मंत्री का नाम घटना की दैनिक डायरी रिपोर्ट में होगा, लेकिन हमें यह भी बताया गया कि तकनीकी समस्या के कारण दैनिक डायरी रिपोर्ट हमें नहीं सौंपी जा सकती.”
डिगरा ने कहा, “बुधवार और गुरुवार की मध्यरात्रि को, रोपड़ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने परिवार के सदस्यों के साथ बंद कमरे में बातचीत शुरू की और वादा किया कि वे कौर की पांच वर्षीय बेटी को नौकरी देंगे जब वह वयस्क हो जाएगी. परिवार सहमत हो गया और आज दोपहर में कौर का अंतिम संस्कार कर दिया. यह निराशाजनक है क्योंकि जिस तरह बलविंदर अपनी आखिरी सांस तक हमारे साथ खड़ी रहीं, उसी तरह परिवार को भी आगे खड़ा रहना चाहिए था.”
पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला और अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ-साथ कई किसान संगठन भी रोपड़ विरोध में शामिल हुए थे.
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नियुक्तियों पर विवाद
बलविंदर उन 1,158 सहायक प्रोफेसरों और पुस्तकालयाध्यक्षों में से एक थी, जिन्हें पंजाब सरकार ने 2021 में राज्य भर के सरकारी कॉलेजों में सेवा देने के लिए नियुक्त किया था. ये चयन उन कुछ महीनों के दौरान हुए थे जब कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री थे.
हालांकि, नियुक्तियों को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कई याचिकाओं के माध्यम से इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि चयन प्रक्रिया के दौरान कई नियमों की अनदेखी की गई थी.
अगस्त 2022 में, अदालत ने नियुक्तियों को रद्द कर दिया और 1158 सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन फ्रंट के सदस्य तब से नई पोस्टिंग की मांग कर रहे हैं.
इस बीच, बलविंदर का मामला एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया है.
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने शनिवार को बैंस के तत्काल इस्तीफे और गिरफ्तारी की मांग की, जबकि भाजपा के सिरसा ने रविवार को कहा कि आप सरकार की ‘उदासीनता’ “एक निर्दोष जीवन की हानि” के लिए जिम्मेदार थी.
विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने एक्स पर शनिवार को लिखा, “पंजाब के शिक्षा मंत्री @harjotbains पर एक महिला प्रोफेसर को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और गिरफ्तार किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री @BhagwantMann, जिनके पास गृह विभाग भी है, को कुशलतापूर्वक कार्य करना चाहिए और भूमिगत होने से पहले पुलिस को शिक्षा मंत्री को उठाने के लिए कहना चाहिए. यह @AAPPunjab सरकार के लिए अपना निष्पक्ष रुख प्रदर्शित करने का समय है.
विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने भी बलविंदर के परिवार से मुलाकात की. मजीठिया ने मंगलवार को अकाली समर्थकों के साथ रोपड़ एसएसपी के कार्यालय का दौरा किया और बैंस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
आरोपों के जवाब में, AAP के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कांग ने एक लंबा बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि “गिद्ध साम्राज्य” ने उनकी मौत के आसपास एक झूठी कहानी प्रचारित की थी.
उन्होंने लिखा, “पूरा ‘गिद्ध’ साम्राज्य, जैसा कि मैं उपयुक्त रूप से उनका उल्लेख करूंगा, ने एक कथित सुसाइड नोट के आधार पर बेशर्मी से झूठे आख्यानों का प्रचार किया है, जो @harjotbains को निशाना बना रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “ऐसे समय में, हमें सहानुभूति और करुणा में एकजुट होना चाहिए और इस घटना से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करनी चाहिए और यह गरिमापूर्ण चिंतन का समय है, चरित्र हनन और झूठे आरोपों की राजनीति का नहीं.”
(संपादन: अलमिना खातून)
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