नई दिल्ली: पिछले हफ्ते पंजाब पुलिस द्वारा की गयी उनकी गिरफ्तारी को ‘अपहरण का एक कृत्य’ करार देते हुए, दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने बुधवार को बताया कि 40-50 से अधिक पुलिसकर्मी उन्हें इस तरह गिरफ्तार करने आए थे जैसे कि वह कोई ‘आतंकवादी’ हों.
दिप्रिंट के साथ बात करते हुए बग्गा ने कहा कि वह पंजाब, जो अब आप पार्टी द्वारा शासित है, में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, ड्रग माफिया और ‘खालिस्तानी अलगाववादियों’ के मुद्दों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के सामने अपनी आवाज उठाते रहेंगे और उनसे ‘कठिन’ सवाल पूछते रहेंगे.
बग्गा ने कहा, ‘वे मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करना जारी रख सकते हैं, भले ही वे 1,000 एफआईआर दर्ज करा दें, फिर भी मैं अपनी आवाज उठाना जारी रखूंगा.’
बग्गा को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 6 जुलाई तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान किए जाने के बाद, पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष आदेश गुप्ता और पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा द्वारा बुधवार को उनका दिल्ली भाजपा मुख्यालय में जोरदार स्वागत किया गया. उनके खिलाफ पंजाब में कथित तौर पर भड़काऊ बयान देने, धार्मिक शत्रुता को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है.
पंजाब पुलिस द्वारा बग्गा को अपने साथ ले जाये जाने के बाद, दिल्ली पुलिस ने बग्गा के साथ मारपीट और अपहरण के आरोप में ‘अज्ञात व्यक्तियों’ के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद हरियाणा पुलिस के एक दस्ते ने कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस की टीम को रोका. अंतत: दिल्ली पुलिस उन्हें अपने साथ राजधानी वापस ले आई. बता दें कि दिल्ली पुलिस भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है और पंजाब पुलिस राज्य की आप सरकार के दायरे में आती है. हरियाणा पर शासन करने वाली भाजपा उस राज्य की पुलिस की भी प्रभारी है.
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‘भगवंत मान को स्वतंत्र रूप से काम करने दें’
पंजाब पुलिस द्वारा 6 मई को की गई उनकी गिरफ्तारी को याद करते हुए बग्गा ने कहा, ‘बिना वारंट के गिरफ्तारी अपहरण होता है’.
उन्होंने कहा, ‘40-50 से अधिक भी पंजाब पुलिस के जवान इस तरह से मुझे गिरफ्तार करने आए जैसे कि मैं कोई आतंकवादी था. मैं बिल्कुल डरा नहीं हूं और सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा. केजरीवाल चाहे तो 1,000 प्राथमिकियां दर्ज कर सकते हैं, लेकिन मैं सवाल पूछना जारी रखूंगा.‘
पिछले महीने, आप नेता सनी अहलूवालिया ने बग्गा के खिलाफ कथित रूप से ऐसे भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट करने के लिए शिकायत दर्ज की थी, जिनमें पार्टी प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ‘धमकियां’ भी शामिल थी. मोहाली (पंजाब) के साइबर सेल में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 505 (सार्वजनिक रूप से शरारत करने वाले बयान देना), 505-2 (शत्रुता पैदा करने या उसे बढ़ावा देने वाले बयान) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि उनका ट्वीट फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘अगर केजरीवाल हिंदुओं से माफी नहीं मांगते हैं, तो मैं उन्हें नहीं छोडूंगा नहीं इसका मतलब यह नहीं था कि मैं उन्हें मारना चाहता था.’
1990 के दशक में जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर आधारित इस फिल्म को कई भाजपा शासित राज्यों में कर-मुक्त किये जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा इस फिल्म के खिलाफ टिप्पणी के लिए उनकी काफी आलोचना की गई थी.
जब उन्हें (बग्गा को) यह बताया गया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों द्वारा भी विवादास्पद टिप्पणियों और ट्वीट के लिए कई सारे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की ऐसी ही घटनाएं हुई हैं, तो बग्गा ने अपनी पार्टी का बचाव किया. उनका कहना था, ‘भाजपा सब कुछ कानून के दायरे में रह कर करती है.‘
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा उन्हें इस वजह से गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया था, क्योंकि उन्होंने केजरीवाल से पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों (कथित तौर पर बेअदबी की घटनाओं के संदर्भ में) के खिलाफ कार्रवाई करने, राज्य में ‘ड्रग माफिया’ और ‘खालिस्तानी अलगाववादियों’ पर लगाम लगाने जैसे इस साल के विधानसभा चुनाव, जिसे आप ने भारी अंतर से जीता था, से पहले किये गए वादों के संबंध में सवाल पूछे थे.
उन्होंने कहा, ‘जब पंजाब पुलिस मुझे गिरफ्तार करने में लगी थी, तभी आतंकवादी उस राज्य में हमले की योजना बना रहे थे. केजरीवाल को लगता है कि वह कानून और बी.आर.अम्बेडकर से भी बड़े हैं. केजरीवाल को मेरी सलाह है कि वह थोड़ी अक्लमंदी दिखाएं और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को स्वतंत्र रूप से काम करने दें.’
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