चंडीगढ़: कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही उथल-पुथल के बीच, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के अधिकार को बार-बार कम करने के प्रयासों को अब खत्म किया जाना चाहिए.
उनकी यह टिप्पणी नवजोत सिंह सिद्धू की उस घोषणा के बाद आई है कि वह बातचीत के लिए यहां मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात करेंगे.
जाखड़ ने यह भी कहा कि राज्य के महाधिवक्ता और राज्य पुलिस प्रमुख के चयन पर लगाए जा रहे ‘आक्षेप’ वास्तव में मुख्यमंत्री की ‘ईमानदारी पर सवाल’ उठा रहे हैं.
सिद्धू ने पुलिस महानिदेशक और राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं.
जाखड़ ने ट्वीट किया, ‘बहुत हो गया. मुख्यमंत्री के अधिकारों को बार-बार कमतर करने के प्रयासों को समाप्त करें. एजी और डीजीपी के चयन पर लगाए जा रहे आक्षेप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की ईमानदारी/ क्षमता पर सवाल उठा रहा है जिन्हें परिणाम देने के लिए लाया गया है. अब समय दृढ़तापूर्वक अपनी बात कहने और कठिन स्थिति को सुलझाने का है.’
Enough is enough. Put an end to attempts to undermine the authority of CM time and again. Aspersions being cast on selection of AG & DGP is actually questioning the integrity/competence of CM and Home Minister to deliver results. It’s time to put the foot down and clear the air.
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) September 30, 2021
मुख्यमंत्री पद के लिए जाखड़ दौड़ में सबसे आगे थे लेकिन पार्टी ने बाद में चन्नी को चुना.
सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के बाद, जाखड़ ने पूर्व क्रिकेटर पर कटाक्ष किया था और कहा था, ‘यह सिर्फ क्रिकेट नहीं है!’
जाखड़ ने ट्वीट किया था, ‘इस पूरे ‘प्रकरण’ में जिस बात से समझौता किया गया है, वह है कांग्रेस नेतृत्व द्वारा (निवर्तमान?) पीसीसी अध्यक्ष पर व्यक्त किया गया विश्वास. इस प्रकार विश्वास को तोड़े जाने को, भले ही उसके पीछे कितना भी बड़ा समर्थन हो, सही नहीं ढहराया जा सकता जिसके कारण उससे ‘उपकृत होने वाला’ एक विचित्र हालात में पहुंच गया है. ‘
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