हिटलर के द्वारा किया गया नरसंहार और आपातकाल के बीच की गई समानता द्वितीय विश्व युद्ध के पीड़ितों के दर्द को नीचा दिखाती है।
नई दिल्लीः कांग्रेस पर हमला करने के लिए केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को एक नए मुद्दे के रूप में आपातकाल की बरसी का इस्तेमाल करते हुए इंदिरा गाँधी की तुलना जर्मन हिटलर एडोल्फ़ हिटलर से कर डाली, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लाखों लोगों का नरसंहार किया था।
जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “जिन तरीकों से इंदिरा गाँधी ने मौलिक अधिकारों को समाप्त करके राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार करवा लिया था और ठीक उसी तरह हिटलर ने भी खुद को जर्मनी का तानाशाह बना लिया था, इन दोनों तरीकों में समान्तर समानताएं थीं।“
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 43 मिलियन ट्वीटर फॉलोवरों को ट्वीट करके लिंक साझा की और ऐसा करके उन्होंने ‘द इमरजेंसी रिविजिटेड’ नामक तीन भागों वाली श्रृंखला के तहत जेटली के द्वारा की गई टिप्पणियों का समर्थन किया।
25 जून 1975 की मध्यरात्रि से ठीक पहले ही तत्कालीन इंदिरा गाँधी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जो की 21 महीने तक चली।
मीडिया पर लगाया गया प्रतिबंध, विरोधी और विपक्षी दलों के सदस्यों की गिरफ्तारी, नागरिक स्वतंत्रता (मौलिक अधिकारों) का दमन और जबरन नसबंदी के कारण आपातकाल को आधुनिक भारतीय इतिहास की सबसे काली अवधियों में से एक माना जाता है।
हालांकि, उस आघात की बावजूद भी जो आज भी आपातकाल से पीड़ित लोगों को बार बार याद आता है, जेटली द्वारा इंदिरा और हिटलर के बीच की गई तुलना बिलकुल सटीक नहीं है। इसके विपरीत, 21 महीने के आपातकाल का दौर और हिटलर के तहत किया गया नरसंहार और मानवाधिकारों के हनन के बीच समानताएं द्वितीय विश्वयुद्ध के पीड़ितों के दर्द को नीचा दिखाती हैं।
इतिहास पर एक नजर डालने के लिए, यहाँ पर प्रस्तुत हैं हिटलर के शासन के कुछ तथ्यः
64 मिलियन – द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुनिया भर में करीब 64 मिलियन लोग मारे गए थे। संदर्भ के लिए, ब्रिटेन की वर्तमान जनसंख्या 66.5 मिलियन है।
6 मिलियन – होलोकॉस्ट के तहत (आदेश पर) नाजी शासन में हिटलर के निजी अंगरक्षकों के रूप में विशेष सुरक्षा बलों द्वारा 6 मिलियन यहूदियों की हत्या कर दी गई थी।
1.5 मिलियन – 1.5 मिलियन बच्चों की हत्या की गई थी।
7 मिलियन – 1.3 मिलियन यहूदियों सहित सोवियत संघ के 7 मिलियन नागरिकों की हत्या की गई थी। (आँकड़े कुल 6 मिलियन यहूदियों की हत्या में शामिल हैं)।
5 मिलियन – होलोकॉस्ट के दौरान 5 मिलियन गैर-यहूदी लोगों की हत्या की गई।
इस नरसंहार में युद्ध में गिरफ्तार किये गए सोवियत के कैदी, यहोवा के साक्षी, समलैंगिक, विरोधी पुरोहित वर्ग, साम्यवादी, समाजवादी, असामाजिक लोग, खानाबदोश, स्लाव, पोलैंड के लोग, रोम के लोग, अफ्रीकन-जर्मन लोग और शारीरिक तथा मानसिक रूप से विकलांग लोग शामिल थे।
1,00,000 – पुरुषों को समलैंगिक होने के लिए गिरफ्तार किया गया। उन समलैंगिकों को पीटा गया, उनके अंडकोष पानी में उबाले गए और टूटे हुए झाड़ू द्वारा उनसे गुदा मैथुन किया गया। इन्हें अक्सर एसएस द्वारा आग्नेयास्त्र प्रशिक्षण के लिए लक्षित अभ्यास के रूप में उपयोग किया जाता था।
300,000 – 400,000 – लोगों को नसबंदी के लिए मजबूर किया गया। नसबंदी का सामान्य तरीका फैलोपियन ट्यूबों की शुक्रवहानली को काट कर हटाना और बंध लगाना था।
4.30 बजे – जब एकाग्रता शिविरों में कैदियों के लिए काम शुरू होता था।
22 – 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत के बाद हिटलर द्वारा आक्रमण किए गए देशों की संख्या।
200 अरब रिचमार्क – युद्ध शुरू होने से पहले 1938 में रीच के आधिकारिक तौर पर स्वीकृत ऋण, जो लगभग 80 अरब डॉलर से अधिक होगा।
25000 – 10 मई 1933 की रात को नाजी छात्र संगठनों, प्रोफेसरों और पुस्तकालयाध्यक्षों द्वारा जलाई गई पुस्तकों की संख्या। जिसमें कुछ किताबें अल्बर्ट आइंस्टीन और सिगमंड फ्रायड सहित यहूदी लेखकों की थी। ये किताबें की विचारधारा नाजियों को उनकी अपनी विचारधारा से अलग करती थी और इसलिए इनको “पढ़ा नहीं जाना चाहिए।”
3,600 – ‘लोकप्रिय ज्ञान और प्रचार मंत्रालय’ के प्रमुख जोसेफ गोएबेलस द्वारा पर्यवेक्षित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की संख्या। 4 अक्टूबर 1933 को रैह प्रेस लॉ ने कहा कि सम्पूर्ण पत्रकारिता को “मूलतः रूप से साफ” होना चाहिए।
400 – हिटलर के रैह के बारह वर्षों के दौरान यहूदियों को निशाना बनाने के लिए जारी किए गए अलग-अलग नियम। इन नियमों ने समुदाय के सदस्यों पर व्यापक रूप से प्रतिबंध लगाए गए, जिसमें वह कौन से पालतू जानवर रख सकते हैं और क्या वह सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा में भाग ले सकते हैं या नहीं जैसी चेजें शामिल थीं।
अपने शासनकाल के दौरान हिटलर ने प्रेस विनिमय, भाषण की स्वतंत्रता, कोनसी बीमारी कानूनी ’बीमारी’ थी, से संबंधी कानूनों में बदलाव कर दिया और 1935 के न्यूरेमबर्ग (नस्लीय) कानून पेश किए जिसमें यहूदियों को जर्मन नागरिकता के साथ विवाह करने और यौन संबंध स्थापित करने पर रोक लगाई थी।
Read in English : Yes, Indira’s Emergency was a shame, Mr Jaitley, but invoking Adolf Hitler is facetious