जम्मू/कश्मीर: जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहले चुनाव का एलान बुधवार को किया गया. राज्य निर्वाचन आयुक्त के के शर्मा ने बताया कि जिला विकास परिषद चुनाव (डीडीसी), पंचायत और स्थानीय निकाय उप-चुनाव होंगे. 28 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा और 22 दिसबंर को अंतिम चरण की वोटिंग होगी. जम्मू कश्मीर में आठ चरण का मतदान होगा. मतदान का समय सुबह 7 बजे से दोपहर दो बजे तक रहेगा.
राज्य चुनाव आयुक्त के के शर्मा ने बताया कि राज्य में खाली पड़े सरपंच और पंचायत सीटों के चुनाव भी एक साथ कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के माध्यम से होगा, जबकि कोविड-19 रोगियों, वरिष्ठ नागरिकों और शारीरिक रूप से अस्वस्थ रोगियों के लिए पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कराए जाने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
यही नहीं इस दौरान चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि पहली बार इस चुनाव में पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी डीडीसी चुनाव में अपने मतों का उपयोग कर सकेंगे. साथ ही उन्होंने यह बी बताया कि अभी तक ये शरणार्थी लोकसभा चुनाव में ही मतदान कर पाते थे. राज्य के किसी भी चुनाव में इन्हें मत देने का अधिकार प्राप्त नहीं था.
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शर्मा ने यह भी बताया कि 1 जनवरी, 2020 को सरपंच और पंच चुनावों के लिए अपडेट की गई मतदाता सूची का इस्तेमाल डीडीसी चुनावों के लिए किया जाएगा.
बता दें कि डीडीसी चुनावों की घोषणा के साथ ही बुधवार 4 नवंबर से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. पहले चरण के चुनाव के लिए पहली औपचारिक अधिसूचना गुरुवार को जारी की जाएगी.
केके शर्मा ने बताया कि अर्बन लोकल बॉडी के चुनाव 228 सीटों के लिए होगा जबकि 280 सीटें डीडीसी के लिए चिन्हित की गई हैं. बता दें कि एक जिले में 14 क्ंस्टीट्यूएंसी की पहचान की गई है.
मीडिया से बातचीत के दौरान चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि जिला विकास परिषद के चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को पांच लाख रुपये की राशि चुनाव प्रचार के लिए खर्च करने की अनुमति दी गई है जबकि सरपंच पद के उम्मीदवार एक लाख रुपये और पंच पद के उम्मीदवार 50 हजार रुपये की राशि चुनाव प्रचार में खर्च कर सकेंगे.
बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में कोई चुनाव होने जा रहा है.
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(अज़ान जावेद के इनपुट्स के साथ)