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Thursday, 19 December, 2024
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रेडियो पर जिंगल्स, होर्डिंग्स, टीवी पर विज्ञापन- शिंदे सरकार का 143 करोड़ रुपये का प्रचार अभियान

शिंदे सरकार इस अभियान को 31 मार्च तक चलाएगी. इसके तहत सभी विभागों की 15 योजनाओं और परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. ये विज्ञापन, समाचार पत्रों, टीवी चैनल, रेडियो आदि पर जारी किए जाएंगे.

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मुंबई: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने अपनी योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यालय में अपने पहले छह महीनों की उपलब्धियों को जनता के सामने लाने के मकसद से 143 करोड़ रुपये की लागत के साथ, विभिन्न मिडिया प्लेटफार्मों पर चलाये जाने वाले एक विशेष प्रचार अभियान की योजना बनाई है.

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार यह अभियान 31 मार्च तक चलेगा और इसमें सभी संचार माध्यमों – अखबारों में पहले पन्ने और जैकेट विज्ञापनों से लेकर टैलीविजन पर दिखाए जाने वाले विज्ञापन तथा स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, हवाई अड्डों, बस स्टॉप और रेलवे पर लगे होर्डिंग्स तक – में सरकारी विज्ञापन प्रकाशित होंगे.

सात फरवरी को जारी किए गए इस प्रस्ताव की एक प्रति दिप्रिंट के पास भी उपलब्ध है.

मुख्यमंत्री कार्यालय (चीफ मिलिन्स्टर्स ऑफिस-सीएमओ) में कार्यरत एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘‘इस अभियान की योजना मुख्य रूप से इस सरकार के पहले छह महीनों में किए गए कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए बनाई गई है. सभी सरकारें अलग-अलग पैमानों पर इस तरह के अभियान चलाती रहती हैं.’’

सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘‘यह सब विभाग की पहले से बनाई जा रही योजना का हिस्सा है. हम अलग-अलग अवसरों – जैसे कि आजादी का अमृत महोत्सव या बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती और अन्य विषयों पर भी विशेष अभियान चलाते रहते हैं. सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों की जानकार के लिहाज से ये अभियान महत्वपूर्ण होते हैं.’’

महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार पिछले साल 30 जून को तब सत्ता में आई थी, जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) – ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस का गठबंधन – सरकार को गिराने के लिए की गई एक बगावत का नेतृत्व किया था. उसके बाद वर्तमान विधानसभा में शिवसेना के 56 विधायकों में से 40 के साथ पार्टी से अलग हुए शिंदे गुट ने सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया था.

हालांकि महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव के लिए 2024 में वोट डाले जायेंगें, मगर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का अहम चुनाव इसी साल होना निर्धारित है.

महाराष्ट्र सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय (डीजीआईपीआर) के प्रमुख जयश्री भोज ने इस बारे में टिप्पणी के लिए किये गए दिप्रिंट के कॉल और टेक्स्ट मैसेजे का जवाब नहीं दिया. उनकी प्रतिक्रिया मिलने पर इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.


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15 योजनाएं, परियोजनाएं पर रहेगा फोकस 

प्रस्ताव के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार सभी विभागों में चल रही 15 योजनाओं और परियोजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेगी. डीजीआईपीआर की गणना के अनुसार इनमें से प्रत्येक योजना से संबंधित विज्ञापनों के निर्माण और प्रसार के लिए लगभग 9.57 करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता होगी.

इस 15 योजनाओं और परियोजनाओं में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के विस्तार के लिए ‘मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट’, सेवरी-न्हावा शेवा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक परियोजना, मुंबई, पुणे और नागपुर की मेट्रो रेल परियोजनाएं, मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण, सार्वजनिक स्वास्थ्य में बुनियादी ढांचा, और वरिष्ठ नागरिकों एवं शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए चलायी जा रहीं योजना के साथ-साथ किसानों, कौशल विकास, शिक्षा, सिंचाई, राहत और पुनर्वास से संबंधित योजनाएं शामिल हैं.

इस अभियान के तहत शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार विभिन्न भाषाओं के 268 अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन देगी. साथ ही, चौदह मराठी टेलीविजन चैनल, जिनमें पांच समाचार-संबंधी और नौ मनोरंजन चैनल शामिल हैं, आठ दिनों की अवधि के दौरान दिन में छह बार 30-30 सेकंड के सरकारी विज्ञापन चलाएंगे.

इसी तरह, दूरदर्शन के मराठी चैनल सह्याद्री, एक अन्य मराठी टीवी चैनल और ऑल इंडिया रेडियो भी इन सरकारी विज्ञापनों को आठ दिनों तक चलाएंगे. इसके अलावा, राज्य सरकार 60 एफएम रेडियो स्टेशनों पर 30 सेकंड के ऑडियो जिंगल्स भी जारी करेगी.

सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, शिंदे सरकार की योजना महाराष्ट्र में चलाये जा रहे 30-विषम सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को भी शामिल करने की है.

इसके अलावा, ये सरकारी विज्ञापन मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे और नागपुर में बस स्टेशनों पर लगे होर्डिंगस को भी कवर करेंगे.

साथ ही, ये सरकारी विज्ञापन मुंबई, पुणे और नागपुर के हवाई अड्डों, राज्य के तमाम बस स्टैंडों और राज्य भर के रेलवे स्टेशनों पर लगे एलईडी स्क्रीन पर भी नजर आयेंगें. सोशल मीडिया पर पेड पोस्टिंग, ओटीटी प्लेटफॉर्म, फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से भी यह अभियान लगभग 30-40 दिनों तक चलाया जायेगा.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(अनुवाद: रामलाल खन्ना | संपादन: अलमिना खातून)


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