scorecardresearch
Friday, 29 November, 2024
होमराजनीतिमहाराष्ट्र में भाजपा से मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच एकनाथ शिंदे ने की महायुति की सत्ता साझेदारी बैठक रद्द

महाराष्ट्र में भाजपा से मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच एकनाथ शिंदे ने की महायुति की सत्ता साझेदारी बैठक रद्द

एनसीपी के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि महायुति 2 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह की योजना बना रही है, लेकिन अगर तब तक सत्ता साझेदारी को अंतिम रूप नहीं दिया जाता है, तो इसे 4 दिसंबर तक के लिए टालना पड़ सकता है.

Text Size:

नई दिल्ली/मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महायुति के तीन प्रमुख नेताओं — एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच गुरुवार को हुई बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई रहीं, लेकिन चर्चा का विषय सिर्फ एक ही था — शिवसेना नेता का निराश चेहरा.

दिप्रिंट को जानकारी मिली है कि बावजूद इसके कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना अपने नेता को फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहती है, गुरुवार की बैठक के बाद, यह तो तय हो गया कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से होगा, जिसने 288 विधानसभा सीटों में से 132 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जनादेश हासिल किया है.

भाजपा सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के तीन राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ शाह की बैठक के दौरान शिवसेना को इस बारे में जानकारी दी गई. शुक्रवार को शिंदे ने मुंबई में महायुति नेताओं की एक बैठक रद्द कर दी, जो कैबिनेट बर्थ पर विचार-विमर्श करने के लिए निर्धारित थी. महायुति सूत्रों ने बताया कि उन्होंने सतारा जिले में स्थित पैतृक गांव, दारे जाने की योजना बनाई है.

अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक नेता ने दिप्रिंट को बताया, “कल एकनाथ शिंदे के चेहरे से साफ पता चल रहा था कि वे इस फैसले से खुश नहीं हैं और उसके बाद आज अचानक अपने गांव चले जाना यह दिखाता है कि वे नाराज़ हो सकते हैं, लेकिन, वे अंततः इस फैसले को स्वीकार करेंगे.”

उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति नेताओं की बैठक तभी सार्थक होगी जब भाजपा अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करेगी.”

एनसीपी सूत्र ने बताया कि महायुति 2 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह की योजना बना रही थी, लेकिन अगर तब तक सत्ता-साझेदारी को अंतिम रूप नहीं दिया जाता है, तो इसे 4 दिसंबर तक के लिए टालना पड़ सकता है, जो कि अगला शुभ दिन है.

शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक नेता ने पुष्टि की कि शुक्रवार को मुंबई में दोपहर 2 बजे होने वाली महायुति नेताओं की बैठक रद्द कर दी गई है.

शिवसेना नेता ने कहा, “यह सच है कि शिंदे साहब ने बहुत मेहनत की और चुनाव में महायुति सरकार का चेहरा थे. इसलिए, उनका निराश होना स्वाभाविक है, लेकिन, गुरुवार की बैठक के बाद जो तस्वीरें सामने आईं, उनके अनुसार हम हमेशा से शिंदे साहब को मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत रहने के लिए जानते हैं. कोई नहीं जानता कि वे क्या सोच रहे हैं, इसलिए बेहतर है कि इस पर ज्यादा ध्यान न दिया जाए.”

शिंदे के सीएम रहने के दौरान, वे पूरे प्रशासन को साथ लेकर कभी-कभी दारे गांव में कुछ दिन बिताते थे.


यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र के नतीजों का स्पष्ट संदेश — जनता समृद्धि चाहती है, पापाजी की जागीर नहीं


दिल्ली की बैठक में क्या हुआ

बीजेपी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के अगले सीएम हो सकते हैं. सूत्रों में से एक ने कहा, “बैठक के दौरान सत्ता-साझेदारी व्यवस्था पर चर्चा हुई. कुल मिलाकर, कैबिनेट बर्थ के फॉर्मूले पर चर्चा हुई, लेकिन मुंबई में तीनों दलों के बीच बैठकों के दौरान बारीकियों पर चर्चा की जाएगी.”

23 नवंबर को बीजेपी ने 288-सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और अब तक का सबसे अच्छा स्ट्राइक रेट दर्ज किया, जिसमें उसने 148 सीटों पर चुनाव लड़ा और 88.5 प्रतिशत के प्रभावशाली स्ट्राइक रेट के साथ 132 सीटें जीतीं.

अभियान को पूरी तरह से फडणवीस के चेहरे के लिए तैयार किया गया था, जो 2014 से 2019 तक और फिर 2019 में तीन दिनों के लिए सीएम रह चुके हैं. इस संदर्भ में, महाराष्ट्र में पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगर बीजेपी सीएम का पद छोड़ती है या फडणवीस के योगदान को नज़रअंदाज करती है तो यह कार्यकर्ताओं को गलत संदेश देगा.

2022 में जब शिंदे के नेतृत्व में महायुति सरकार पहली बार सत्ता में आई थी, तब पार्टी नेतृत्व ने फडणवीस को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए कहा था, जबकि वे सरकार से बाहर रहना चाहते थे.

भाजपा सूत्र के अनुसार, शिवसेना ने 14 विभागों की मांग की है. गुरुवार रात हुई बैठक में शिंदे, फडणवीस, पवार और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा शामिल हुए.

पार्टी सूत्र ने बताया, “दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के दौरान, अमित शाह जी ने इस व्यवस्था को मंजूरी दे दी कि मुख्यमंत्री भाजपा से होगा और दो उपमुख्यमंत्री होंगे, प्रत्येक सहयोगी शिवसेना और एनसीपी से एक-एक.”

पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि एनसीपी ने नौ कैबिनेट बर्थ और तीन जूनियर मंत्री स्लॉट की मांग की है.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, भाजपा शनिवार को अपने विधायकों की बैठक कर सकती है और मुख्यमंत्री पद के लिए अपना नेता नियुक्त कर सकती है.

पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए शिवसेना के साथ भी बातचीत कर रही है कि शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल हों, ताकि न केवल गठबंधन में समग्र एकता का सकारात्मक संदेश जाए, बल्कि उन्हें यह भी महसूस न हो कि उन्हें “अकेला छोड़ दिया गया है”.

नेता ने कहा, “देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और जब पार्टी ने उनसे पार्टी के हित को ध्यान में रखते हुए उपमुख्यमंत्री के रूप में काम करने की अपेक्षा की, तो उन्होंने इसका पालन किया. एकनाथ शिंदे के उपमुख्यमंत्री बनने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. इन मुद्दों को सुलझाने के लिए अभी भी बातचीत चल रही है.”

शनिवार को नतीजों के तुरंत बाद, शिवसेना ने सीएम पद के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया था और उसके सांसद नरेश म्हास्के, जो शिंदे के करीबी माने जाते हैं, ने भाजपा से महाराष्ट्र में बिहार मॉडल का पालन करने के लिए कहा था. 2020 में भाजपा ने जनता दल (यूनाइटेड) से अधिक सीटें जीतने के बावजूद नीतीश कुमार को सीएम पद दिया था.

पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर पूरे राज्य में महाआरती की, जबकि शिंदे ने बुधवार तक चुप्पी साधे रखी, जब उन्होंने यह कहकर पद छोड़ने की इच्छा जताई कि वे भाजपा नेतृत्व के फैसले को अंतिम मानेंगे.

शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के एक नेता ने कहा, “हम समझते हैं कि भाजपा किस ओर जा रही है. अगर हमें इतना बड़ा जनादेश मिलता तो भी हम सीएम पद नहीं छोड़ते.”

दूसरी ओर, अजित पवार की एनसीपी ने नतीजों के तुरंत बाद स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में समर्थन देने में कोई आपत्ति नहीं है.

महाराष्ट्र भाजपा इकाई के एक नेता ने कहा कि महायुति शपथ ग्रहण समारोह से पहले कैबिनेट में सत्ता साझा करने के सभी समीकरणों को सुलझाना चाहती है, ताकि बाद में कोई उलटफेर न हो.

उन्होंने कहा कि चार प्रमुख विभागों — गृह, वित्त, राजस्व और शहरी विकास — में से दो भाजपा के पास रहने की संभावना है, जबकि एक-एक सहयोगी दलों के पास जाएगा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र, झारखंड के नतीजे दिखाते हैं भारत में चुनाव टेनिस मैच जैसे होते हैं : कार्ति चिदंबरम


 

share & View comments