नई दिल्ली: कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने बिहार विधानसभा चुनाव में हुए हंगामे और विपक्ष के विधायकों की कथित पिटाई की निंदा करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि पुलिस को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने की ताकत देने के प्रावधान वाला विधेयक संवैधानिक सिद्धांतों पर हमला है तथा यह प्रदेश में ‘पुलिस राज’ कायम करने का प्रयास भी है.
विपक्षी दलों ने एक साझा बयान जारी कर बिहार में मंगलवार के घटनाक्रम को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा एवं जदयू पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने दावा किया कि बिहार में ‘काले कानून’ के माध्यम से पुलिस को ‘एक सशस्त्र मिलिशिया’ में बदला जा रहा है ताकि सत्ता के सामने सच बोलने वालों को दबाया जा सके.
बिहार विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘तेरी तानाशाही और तेरे अत्याचार का हिसाब करेगा, आंदोलन में बहा लहू का एक एक कतरा इंसाफ करेगा.’
उन्होंने शायराना अंदाज में लिखा युवाओं की जवानी बर्बाद करने वाले, वक्त तेरा भी गणित ठीक करेगा.बेरोजगारों पर लाठियां चलाने वाली निर्दयी, समय युवाओं का भी आएगा.’ तेजस्वी से इसके साथ विधान सभा के कई वीडियो भी शेयर किए हैं साथ ही चोटिल हुए लोगों की फोटो भी साझा की है.
तेरी तानाशाही और तेरे अत्याचार का हिसाब करेगा
आंदोलन में बहा लहू का एक एक कतरा इंसाफ़ करेगा
युवाओं की जवानी बर्बाद करने वाले, वक्त तेरा भी गणित ठीक करेगा
बेरोजगारों पर लाठियाँ चलाने वाले निर्दयी, समय युवाओं का भी आएगा pic.twitter.com/1uTrEm8vk9— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 24, 2021
इस साझा बयान पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के शांतनु सेन, द्रमुक, शिवसेना, राजद और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं.
विपक्षी दलों ने कहा, ‘हम संवैधानिक सिद्धांतों पर हमले की निंदा करते हैं. हम हर भारतीय से आग्रह करते हैं कि वह लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ खड़ा हो.’
गौरतलब है कि पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अभूतपूर्व स्थित देखने को मिली. विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई.
विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इसे लेकर विधानसभा में हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित करनी पड़ी.