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Thursday, 7 November, 2024
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नेशनल हेराल्ड मामले में ED ने सोनिया, राहुल को भेजा समन, कांग्रेस ने कहा- ED का दुरुपयोग कर रही है मोदी सरकार

ईडी वर्तमान में एजेएल और वाईआईएल के कामकाज में शेयर होल्डिंग पैटर्न और वित्तीय लेनदेन के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारियों की भूमिका की जांच कर रहा है.

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नई दिल्ली: इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने बुधवार को हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेजा है. इसे एजेंसी ने इस मामले को साल 2015 में बंद कर दिया था.

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने जानकारी देते हुए बताया कि सोनिया गांधी 8 जून को ईडी के दफ्तर जाएंगी.

वहीं, कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा है कि बीजेपी सरकार नेशनल हेराल्ड अखबार को दबाने के लिए ईडी का प्रयोग कर रही है.

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाले ने कहा, ‘1942 में नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया, उस समय अंग्रेजों ने इसे दबाने की कोशिश की, आज मोदी सरकार भी यही कर रही है और इसके लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है. ईडी ने हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस दिया है.’

उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘क्या आपने कभी किसी अपराधी को यह कहते हुए देखा है कि मैं अपराधी हूं? वे (सोनिया-राहुल गांधी) इससे इनकार करेंगे. दस्तावेज सबूत हैं. अगर चार्जशीट दायर की जाती है, तो आप इसे रद्द करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, लेकिन उन्होंने जमानत मांगी. इसका मतलब है कि वे दोषी हैं.’

बता दें कि संघीय एजेंसी ने इस साल अप्रैल के महीने में कांग्रेस वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से हेराल्ड मामले में मनी लॉन्डिरिंग केस में पूछताछ करने के बाद यह कदम उठाया है.

एजेंसी ने तब दोनों कांग्रेस नेताओं के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया. नेशनल हेराल्ड एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के स्वामित्व में है. खड़गे जहां वाईआईएल के सीईओ हैं, वहीं बंसल एजेएल के प्रबंध निदेशक हैं.

ईडी वर्तमान में एजेएल और वाईआईएल के कामकाज में शेयर होल्डिंग पैटर्न और वित्तीय लेनदेन के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारियों की भूमिका की जांच कर रहा है.

वाईआईएल के प्रमोटरों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं.

बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने धोखाधड़ी की और धन का दुरुपयोग किया, वाईआईएल ने सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान करके 90.25 करोड़ रुपए वसूलने का अधिकार हासिल किया, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था.

उन्होंने इससे पहले दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी. स्वामी की याचिका पर वाईआईएल के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत एक नया मामला भी दर्ज किया.


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