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Monday, 23 December, 2024
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दशहरा रैली: बाम्बे HC ने उद्धव गुट को BMC के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका में संशोधन की अनुमति दी

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना ने दादर क्षेत्र के पार्क में रैली करने की अनुमति के लिए बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

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मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले, शिवसेना के गुट को मुंबई के प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार करने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना ने दादर क्षेत्र के पार्क में रैली करने की अनुमति के लिए बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

एक सिविक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के इनपुट पर समारोह की अनुमति नहीं दी है, जो कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने को लेकर चिंतित हैं.

न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने कहा कि वह शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करेगी. अदालत ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की याचिका के विरोध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े से संबंधित विधायक सदा सर्वंकर की याचिका पर भी सुनवाई करेगी.

लेकिन अब, जब से पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच विभाजित हो गई है, उत्सव का दावा करने के लिए हाथापाई शुरू हो गई है.

ठाकरे धड़े की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अस्पी चिनॉय ने अदालत को बताया कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बृहस्पतिवार की सुबह एक आदेश जारी किया है जिसमें पांच अक्टूबर को रैली करने की अनुमति के अनुरोध वाले उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया है.

चिनॉय ने कहा, ‘‘बीएमसी ने अपने आदेश में केवल इतना कहा है कि वे संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण आवेदन को खारिज कर रहे हैं क्योंकि दूसरे धड़े (शिंदे के पक्ष) ने भी इसके लिए आवेदन किया है.’’

इसके बाद उन्होंने बीएमसी के फैसले को चुनौती देने के लिए अपनी याचिका में संशोधन का अनुरोध किया.

बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मिलिंद साठे ने इसका विरोध किया और कहा कि याचिका अनावश्यक है क्योंकि इसमें केवल बीएमसी से उनके आवेदन पर निर्णय लेने का अनुरोध किया गया था और ऐसा किया गया है.

पीठ ने हालांकि कहा कि याचिका में अदालत से अनुमति देने का अनुरोध किया गया है. अदालत ने कहा, ‘‘हमारी समझ से यह एक व्यापक अर्जी है. इसलिए हम याचिकाकर्ता को इसमें संशोधन की अनुमति देते हैं.’’

ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपनी याचिका में कहा था कि पार्टी उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए विवश हुई क्योंकि बीएमसी ने रैली के लिए अनुमति से संबंधित अगस्त में दिए गए उनके आवेदनों पर फैसला नहीं किया है.

सर्वंकर ने अपनी याचिका में दावा किया कि अगर उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर कोई आदेश जारी किया तो इससे ‘वास्तविक शिवसेना का प्रतिनिधि कौन’, के मुद्दे पर जारी विवाद में अड़चन आएगी. मुंबई के दादर से विधायक सर्वंकर ने अपनी याचिका में कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट से हैं जो ‘शिवसेना के मुख्य नेता’ हैं. उन्होंने दावा किया कि ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना द्वारा दायर याचिका ‘गुमराह करने वाली और (तथ्यों को) भ्रामक तरीके से पेश’ करने वाली है क्योंकि वे वास्तविक शिवसेना राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं रखते हैं.

याचिका में कहा गया है, ‘अब तक विवाद बना हुआ है कि शिवसेना का वास्तविक प्रतिनिधि कौन है और यह मुद्दा भारत निर्वाचन आयोग एवं उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है.’ याचिका में कहा गया है कि नयी याचिका के जरिये याचिकाकर्ता (ठाकरे नीत शिवसेना) असली शिवसेना पर दावा करने की कोशिश कर रहे हैं.

शिवसेना ने अपनी याचिका में कहा कि पार्टी 1966 से हर साल शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन कर रही है और बीएमसी ने हमेशा इसकी अनुमति दी है. कोविड-19 महामारी के कारण सिर्फ 2020 और 2021 में रैली आयोजित नहीं की जा सकी थी.

याचिका के अनुसार, 2016 में राज्य सरकार ने शिवाजी पार्क में केवल खेल गतिविधियों की ही अनुमति दी थी. उस समय राज्य सरकार ने गैर-खेल गतिविधियों के लिए वर्ष में कुछ दिन निर्धारित किए थे और उनमें दशहरा रैली भी शामिल थी.

इस साल जून में शिवसेना में एकनाथ शिंदे गुट के विद्रोह के बाद ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई. महा विकास आघाड़ी गठबंधन में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल थीं. बाद में शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट दोनों ने शिवाजी पार्क में अपनी-अपनी दशहरा रैलियों को आयोजित करने की अनुमति मांगी है. बीएमसी ने बृहस्पतिवार को दोनों धड़ों को रैली की अनुमति नहीं दी.

दोनों गुटों ने विकल्प के तौर पर मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में रैली करने की अनुमति के लिए भी आवेदन किया था. पिछले हफ्ते शिंदे गुट को बीकेसी में रैली के आयोजन को मंजूरी मिली थी.

शिवाजी पार्क में प्रतिष्ठित दशहरा रैली आयोजित करने से बीएमसी ने शिवसेना के गुटों को रोक दिया

शिवाजी पार्क में दशहरा रैली 1966 में शिवसेना की स्थापना के बाद से प्रतिवर्ष आयोजित की जाती रही है – 2020 और 2021 में कोविड के दो वर्षों को छोड़कर.

ठाकरे गुट के अनिल देसाई ने 22 अगस्त को अनुमति के लिए आवेदन किया था, उसके बाद एकनाथ शिंदे गुट से 30 अगस्त को स्थानीय विधायक सदा सर्वंकर के माध्यम से अनुरोध किया गया था.

इस मामले पर मीडिया से बात करते हुए ठाकरे के वफादार अनिल परब ने कहा, ‘अदालत फैसला करेगी और हम इसे स्वीकार करेंगे. लेकिन हमें विश्वास है कि हमें अनुमति मिल जाएगी. 1966 के बाद से कभी भी कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं रहा और हमने हर नियम का पालन किया है.

भाषा के इनपुट्स के साथ


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