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Tuesday, 21 January, 2025
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‘आंबेडकर की तस्वीर, संविधान की बुकलेट बांटना’ — BJP की मिल्कीपुर में दलित वोटबैंक को लुभाने की योजना

पिछले हफ्ते भाजपा के प्रदेश सचिव अभिजात मिश्रा ने अन्य पार्टी पदाधिकारियों के साथ मिलकर महाकुंभ में सफाई कर्मचारियों को संविधान और आंबेडकर की तस्वीरों की प्रतियां बांटी.

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नई दिल्ली: अयोध्या में मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में विपक्ष के ‘संविधान बचाओ’ के नारे का मुकाबला करने के लिए योजना बनाई है.

दलित बहुल इलाकों में आंबेडकर की तस्वीर और तिरंगा झंडा बांटने के अलावा, भाजपा की राज्य इकाई एक पैम्फलेट तैयार करने की योजना बना रही है, जिसमें लिखा होगा कि कैसे कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) “दलित विरोधी” पार्टियां हैं.

पिछले हफ्ते भाजपा के प्रदेश सचिव अभिजात मिश्रा ने अन्य पार्टी पदाधिकारियों के साथ मिलकर महाकुंभ में सफाई कर्मचारियों को संविधान की बुकलेट और आंबेडकर की तस्वीरें बांटी. महाकुंभ में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद, राज्य इकाई ने आने वाले सप्ताह में इसे अयोध्या में लॉन्च करने का फैसला किया है.

मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया, “हमें महाकुंभ से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जहां हमने संविधान की 1,000 से अधिक प्रतियां बांटी…अब हमारा लक्ष्य अयोध्या है, जहां विपक्ष ने ‘संविधान बचाओ’ का फर्ज़ी नैरेटिव बनाकर हमारी सीट छीन ली.”

उन्होंने कहा कि पार्टी न केवल संविधान की बुकलेट बांटेगी, बल्कि समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस को बेनकाब करने के लिए पर्चे और होर्डिंग भी लगाएगी. “हमारे होर्डिंग में, हम दिखाएंगे कि कैसे नेहरू आंबेडकर के खिलाफ थे.”

अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित इस निर्वाचन क्षेत्र में दलित वोट महत्वपूर्ण हैं, जिसमें लगभग 3.5 लाख मतदाता हैं. भाजपा ने पासी चंद्रभान पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है. पासवान का मुकाबला आज़ाद समाज पार्टी के सूरज चौधरी और सपा के अजीत प्रसाद से है. तीनों उम्मीदवार दलित हैं.

आम चुनावों में फैज़ाबाद सीट हारने के बाद मिल्कीपुर सत्तारूढ़ भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपचुनाव की व्यवस्था की खुद निगरानी कर रहे हैं. भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सभी वरिष्ठ पदाधिकारी सीधे उन्हें रिपोर्ट करते हैं क्योंकि उन्होंने खुद को मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए पर्यवेक्षक घोषित किया है.

सपा के अवधेश प्रसाद के फैज़ाबाद से लोकसभा के निर्वाचित होने के बाद सीट खाली हो गई और मतदान ज़रूरी था. मिल्कीपुर में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि चूंकि, भाजपा ने संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रव्यापी स्तर पर संविधान गौरव अभियान शुरू किया है, इसलिए राज्य इकाई ने इसे अधिक आकर्षक बनाने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा, “हमें अभी भी याद है कि कैसे विपक्ष के संविधान बचाओ के ‘फर्ज़ी नैरेटिव’ के कारण हमें लोकसभा में बड़ा झटका लगा था, जिसमें उसके नेता रैलियों में संविधान की प्रतियां दिखा रहे थे. इसलिए, हमने संविधान की प्रतियों, आंबेडकर की तस्वीरों और तिरंगे के साथ सफाई कर्मचारियों को सशक्त बनाने का फैसला किया. महाकुंभ एकता का एक बड़ा उत्सव भी है, जिसकी गारंटी संविधान देता है.”


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दलित मोर्चा को करेंगे शामिल

चुनावी सामान बांटने के अलावा, एससी-एसटी विंग विपक्ष के ‘संविधान बचाओ नैरेटिव’ का मुकाबला करने के लिए अयोध्या में छोटे-छोटे समूहों की चौपाल लगाने की भी योजना बना रही है.

राज्य में बीजेपी की एससी विंग के राम चंद्र कन्नौजिया ने दिप्रिंट को बताया, “हमने छोटी-छोटी चौपाल लगाने की योजना बनाई है ताकि हम अपना संदेश सीधे उन (लोगों) तक पहुंचा सकें. हमने एक पैम्फलेट तैयार किया है जिसमें हम बता रहे हैं कि कांग्रेस और सपा दोनों ही दलित विरोधी पार्टी हैं. हम उन्हें इन पैम्फलेट के जरिए बताएंगे कि कैसे सपा कार्यकर्ताओं ने मायावती पर हमला किया और कैसे नेहरू आंबेडकर के खिलाफ थे.”

उन्होंने कहा कि बीजेपी अयोध्या हार गई क्योंकि “हमने विपक्ष के फर्ज़ी नैरेटिव का मुकाबला नहीं किया. अब, हम पूरे राज्य में छोटे-छोटे समूहों की चौपाल लगाएंगे.”

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि राज्य इकाई को आशंका है कि संसद में अमित शाह द्वारा आंबेडकर पर की गई टिप्पणी से उत्तर प्रदेश में भी विवाद हो सकता है.

बीजेपी नेता ने कहा, “इसलिए, पार्टी ने इसका मुकाबला करने के लिए एक योजना बनाई है. ये छोटे-छोटे समूह, संविधान की प्रतियां बांटना और सफाई कर्मचारियों को सम्मानित करना राज्य के पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, न कि कैबिनेट मंत्रियों द्वारा, अन्यथा विपक्ष भी इसे (इस कदम को) कॉपी करेगा, जब उन्हें इसका असर दिखेगा.”

उन्होंने कहा कि महाकुंभ इस पहल को शुरू करने का सबसे बड़ा मंच है, जहां पूरे राज्य से सफाई कर्मचारी आते हैं. “अब अयोध्या हमारा दूसरा लक्ष्य है, मिल्कीपुर को ध्यान में रखते हुए, जहां दलित मतदाता 30 प्रतिशत से अधिक हैं.”

सपा प्रवक्ता मनोज काका ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह “गलत धारणा” है कि संविधान की प्रतियां मिलने के बाद दलित सत्तारूढ़ पार्टी को वोट देंगे.

उन्होंने शाह का नाम लिए बिना कहा, “हर समुदाय अब सतर्क है. वह अपना अधिकार चाहते हैं और भाजपा की ‘आरक्षण विरोधी’ नीतियों के बारे में जानते हैं. उनके नेता खुद कहते हैं, ‘400 पार के बाद, संविधान बदल देंगे’. उनके एक शीर्ष नेता ने संसद में आंबेडकर के लिए कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया. दलित समुदाय इसे माफ नहीं करेगा.”

उन्होंने कहा, “अगर वह सफाई कर्मचारियों के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं, तो उन्होंने उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत घर क्यों नहीं दिए? अयोध्या में, जनता स्थानीय मुद्दों से अच्छी तरह वाकिफ है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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