scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशदेर रात पाकिस्तान बॉर्डर पहुंचे पंजाब के डिप्टी CM, बोले- राज्य में बनाई जा रही इमरजेंसी जैसी स्थिति, बर्दाश्त नहीं

देर रात पाकिस्तान बॉर्डर पहुंचे पंजाब के डिप्टी CM, बोले- राज्य में बनाई जा रही इमरजेंसी जैसी स्थिति, बर्दाश्त नहीं

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को बीएसएफ कानून में संशोधन किया और पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है.

Text Size:

नई दिल्ली: पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अमृतसर जिले में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देर रात पुलिस चेक पॉइंट का औचक निरीक्षण किया.

उप मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘मैं अभी भारत अमृतसर सेक्टर में पाक सीमा पर हूं और हमारे बलों का मनोबल बढ़ाने आया हूं. पंजाब सरकार सुरक्षा बलों के साथ खड़ी है क्योंकि वे हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं. सुरक्षा बलों के बलिदान से हम अपने प्यारे देश में चैन की नींद सो सकते हैं.’

अधिकारियों ने बताया कि रंधावा ने शुक्रवार देर रात अमृतसर के अजनाला में जगदेव खुर्द पर पंजाब पुलिस के नाके का निरीक्षक किया. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री ने गागोमहल में भी नाकों का निरीक्षण किया. रंधावा ने नाके पर पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत की.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने11 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन किया और पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है.

वहीं, पाकिस्तान की सीमा से लगते गुजरात के क्षेत्रों में यह दायरा 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है तथा राजस्थान में 50 किलोमीटर तक की क्षेत्र सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

बीएसएफ ने एक बयान में कहा, ‘इससे सीमा पार से होने वाले और गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल तथा असम में 50 किलोमीटर के दायरे तक अपराधों पर अंकुश लगाने में बल की अभियानगत क्षमता में वृद्धि होगी.’


यह भी पढ़ें: राहुल से मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने वापस लिया इस्तीफा, बने रहेंगे पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष


पंजाब पुलिस के हाथों में पंजाब सुरक्षित

देर रात पंजाब के बॉर्डर पर औचक निरीक्षण करने पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बीएसएफ को सीमा पर ही रखा जाना चाहिए और बाकी इलाकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब पुलिस के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए.’

हालांकि केंद्र सरकार के इस फैसले का विपक्ष लगातार आलोचना कर रहा है. लेकिन पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया था जिसपर रंधावा ने कहा कि 2016 में, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक अखबार के साक्षात्कार में कहा था कि बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच एक सांठगांठ थी और इसे तोड़ने की जरूरत थी. उन्हें पहले इसका जवाब देना चाहिए.

रंधावा ने कहा कि पंजाब में औचक इमरजेंसी जैसे हालात बन रहे हैं, जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पंजाब पुलिस के हाथ में पंजाब सुरक्षित है. केंद्र को इसके बजाय सीमा पार से आने वाले ड्रग्स, हथियारों और ड्रोन पर ध्यान देना चाहिए. शांतिपूर्ण पंजाबियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘बीएसएफ को सीमा पर ही रखा जाना चाहिए और बाकी इलाकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब पुलिस के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए.’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन करने संबंधी केंद्र के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम सीमावर्ती राज्यों, विशेष रूप से पंजाब, के कल्याण के लिए है, ताकि मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी को रोका जा सके.

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने केन्द्र के इस फैसले की आलोचना की है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पंजाब के कांग्रेस नेता केंद्र के फैसले का विरोध आखिर क्यों कर रहे हैं? उन्होंने ट्वीट किया, ‘बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के 50 किलोमीटर के भीतर तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने की शक्तियां देने का फैसला राष्ट्र हित में है. यह हथियारों, मादक पदार्थों और गायों की तस्करी पर रोक लगाने में मददगार होगा.’

केंद्रीय मंत्री एवं पंजाब से भाजपा सांसद सोम प्रकाश ने कहा कि पंजाब के कांग्रेस नेता इस कदम का विरोध कर रहे हैं जो बड़ी ही हैरानी की बात है क्योंकि उनकी तो मांग ही यही थी.

पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा के भीतर, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले पर केंद्र की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कहा कि यह राज्य के अधिकारों का ‘अतिक्रमण’ और देश के संघीय ढांचे को कमजोर करने की मंशा से किया गया है.


यह भी पढ़ें: पंजाब में कांग्रेस बनाम कांग्रेस, लेकिन इस बार सिद्धू का इससे कोई लेना-देना नहीं है


 

share & View comments