scorecardresearch
Monday, 1 December, 2025
होमराजनीति‘काम करो, नाटक नहीं’: PM मोदी की टिप्पणी ने तैयार किया भारी वाद-विवाद वाला संसद शीतकालीन सत्र

‘काम करो, नाटक नहीं’: PM मोदी की टिप्पणी ने तैयार किया भारी वाद-विवाद वाला संसद शीतकालीन सत्र

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी को ‘ध्यान भटकाने वाले इस नाटक’ को बंद कर जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए.

Text Size:

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ, जिसमें कई रुकावटों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखी टिप्पणी करते हुए सरकार के संघर्षशील रुख का संकेत दिया और कहा कि सदन “डिलिवरी के लिए है, न कि नाटक के लिए.”

सत्र से पहले सदन के बाहर की गई इस पारंपरिक टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई. इसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शामिल हैं.

टीएमसी ने पीएम की टिप्पणी पर असंतोष जताया. हालांकि, उसने इंडिया ब्लॉक की फ्लोर-कोऑर्डिनेशन बैठक में हिस्सा नहीं लिया. यह उसकी रणनीति का हिस्सा है कि वह कांग्रेस की छाया से बाहर रहे और बीजेपी के प्रति नरम होने की धारणा से बच सके.

पीएम मोदी ने अपने बयान में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कभी-कभी विपक्ष संसद का इस्तेमाल चुनाव से पहले “वार्म-अप एरीना” के रूप में करता है या चुनावी हार के बाद “अपनी नाराजगी निकालने” के लिए. उन्होंने कहा, “हमें जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करना चाहिए. संसद नाटक के लिए नहीं, बल्कि काम के लिए है.”

इन टिप्पणियों ने विपक्ष को, जो बिहार सहित हाल ही में विधानसभा चुनावों में हुई हार से परेशान है, अस्थायी रूप से अपनी मतभेदों को अलग रखते हुए पीएम और सरकार पर संयुक्त प्रतिक्रिया देने का मौका दिया.

विपक्ष ने मोदी के इस बयान को नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही वोटर रॉल्स के विशेष गहन संशोधन (SIR) पर चर्चा की मांग को टालने का प्रयास माना.

सत्र में उठेंगे विरोध के तूफान

पीएम मोदी के रुख ने संकेत दिया कि सरकार SIR को लेकर विपक्ष के दबाव के आगे झुकने के मूड में नहीं है, जिससे शीतकालीन सत्र के दौरान तनावपूर्ण परिस्थितियों की संभावना बढ़ गई है. यह सत्र 19 दिसंबर को समाप्त होने वाला है और इसमें महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा तय है.

रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक और उसके बाद बिज़नेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में सदन के एजेंडे के लिए सूची तय की गई, लेकिन सरकार ने SIR पर विपक्ष के साथ कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई. हालांकि, संसदीय मामले मंत्री किरेन रिजिजू ने संकेत दिया कि चुनावी सुधारों के व्यापक ढांचे के तहत इस मुद्दे पर थोड़ी अवधि की चर्चा हो सकती है.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी को “ध्यान भटकाने वाले इस नाटक” को खत्म कर जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए.

खरगे ने एक्स पर लिखा, “असलियत यह है कि सरकार पिछले 11 साल से लगातार संसदीय मर्यादा का उल्लंघन कर रही है, और ऐसे कई उदाहरण सबके सामने हैं. SIR के दौरान बीएलओ लगातार काम के बोझ के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं. विपक्ष ‘वोट चोरी’ जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहता है और हम संसद में इन्हें उठाते रहेंगे.”

संसद के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि SIR और वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को नाटक नहीं समझा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “आइए इन पर चर्चा करें. संसद किस लिए है? मुद्दों को उठाना नाटक नहीं है. नाटक वह है जब जनता से जुड़े मामलों पर लोकतांत्रिक चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती.” लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पीएम के आरोप पर कोई टिप्पणी नहीं की.

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष सवाल उठाने में कानूनी ढांचे के भीतर काम कर रहा है, और सरकार यह मत ले कि सिर्फ इसलिए कि उसने कुछ राज्यों में चुनाव जीत लिया है, वह जवाबदेही से बाहर है. बनर्जी ने कहा, “हम SIR के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसके निष्पादन के तरीके के खिलाफ हैं.”

कांग्रेस राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने पीएम पर तंज कसा और आरोप लगाया कि वह संसद की कार्यवाही से दूर रहते हुए राष्ट्र के सामने ‘भव्य भाषण’ देते हैं और हर सत्र में विपक्ष से रचनात्मक सहयोग की मांग करते हैं. रमेश ने एक्स पर लिखा, “अगर संसद सुचारू रूप से काम नहीं करती, तो पूरी गलती पीएम और उनकी जिद की है, जो विपक्ष को जनता के जरूरी मुद्दे उठाने का मौका नहीं देते. वह हमेशा अपनी मर्जी चलाना चाहते हैं और विपक्ष को अपनी बात रखने का अवसर नहीं देते.”

लगभग 2.15 बजे, लोकसभा को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि बार-बार व्यवधानों के कारण कार्यवाही रुकी रही. शोरगुल के बीच मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल, 2025 पारित किया गया, जो एक अध्यादेश की जगह लेगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) बिल, 2025 भी पेश किया, जो जीएसटी मुआवजा शुल्‍क की जगह लेगा, और हेल्थ सिक्योरिटी व नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025 पेश किया, जो पान मसाला और गुटखा उत्पादों पर सेस लगाने के लिए है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: भागवत-योगी की मीटिंग, मंत्रियों से बात—UP में पार्टी और कैबिनेट में फेरबदल से पहले RSS ने लिया फीडबैक


 

share & View comments