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Wednesday, 20 November, 2024
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बीजेपी MCD चुनाव में बड़े नेताओं के साथ मैदान में, ‘आप’ नुक्कड़ नाटक, केजरीवाल मॉडल को अपनाया

भाजपा ने दिल्लीवासियों को लुभाने के लिए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों को तैनात किया है, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गुजरात में प्रचार में व्यस्त रहने के साथ ही आप मतदाताओं तक व्यक्तिगत पहुंच पर अधिक जोर दे रही है.

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नई दिल्ली: पिछले 13 नवंबर को भाजपा उम्मीदवार नीतू चौधरी दिल्ली नगरपालिका चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए सरिता विहार के पॉकेट-के में पहुंचीं तो उनका फूल- माला और ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया. लेकिन जब वार्ड 187 से पार्षद पद के दावेदार ने इस प्रत्याशी ने अपार्टमेंट ब्लॉक के चक्कर लगाए तो उनका काफिला डीडीए फ्लैटों की संकरी सीढ़ियों में फिट होने के लिए बहुत बड़ा साबित हुआ.

इसके करीब एक हफ्ते बाद, आम आदमी पार्टी की तरफ से  उनकी प्रमुख प्रतिद्वंदी मुस्कान बिधूड़ी ने भी यही दौरा किया. उनके साथ उनका सिर्फ एक साथी था, और दोनों ने लोगों से माफ़ी मांगते हुए उनके वोट हेतु उनके दरवाजों  की घंटियां बजाई .

दक्षिण-पूर्व दिल्ली के इन दो उम्मीदवारों की प्रचार की विपरीत शैली उनकी पार्टियों की शैलियों का प्रतीक है – भाजपा जहां  अपनी बड़ी तोपें (पार्टी के बड़े नेताओं) का इस्तेमाल कर रही है, वहीँ आप मतदाताओं तक  अपने व्यक्तिगत जनसम्पर्क, नुक्कड़ नाटकों और पदयात्राओं के साथ हाइपरलोकल (अतिस्थानीय) तरीके से प्रचार कर  रही है.

आप के करिश्माई नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं और इसलिए राष्ट्रीय राजधानी में उनके मंत्री उनके नाम पर पार्षदों के लिए वोट मांग रहे हैं. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों के लिए पार्टी का नारा है – ‘केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद.’

इस बीच, दिल्ली में प्रचार करने वाले भाजपा के मुख्यमंत्रियों में हिमंत बिस्वा सरमा (असम), जयराम ठाकुर (हिमाचल), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश) और पुष्कर सिंह धामी (उत्तराखंड) शामिल हैं. चुनाव प्रचार के इस अंतिम सप्ताह के दौरान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिल्ली में दो प्रचार सभाएं करने की उम्मीद है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिप्रिंट को बताया कि भाजपा को एमसीडी के लिए मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी की छवि का इस्तेमाल करने के पीछे की वजह यह है कि वे अपने काम के आधार पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं क्योंकि पिछले 15 वर्षों में उनके द्वारा (एमसीडी में) कोई काम ही नहीं किया गया है.

हरकेश नगर में प्रचार करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक सभा से कहा कि वे वार्ड में उनकी पार्टी के उम्मीदवार के बारे में न पूछें बल्कि केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर ध्यान दें.

गोपाल राय ने भी सुभाष मोहल्ला में एक ऐसी ही सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वे इस बात की चिंता न करें कि उम्मीदवार कौन है. केजरीवाल के नाम पर इन दो मंत्रियों के द्वारा किया गया चुनावी प्रचार देश भर में भाजपा के उस प्रचार अभियान की प्रतिध्वनि जैसी प्रतीत होती है कि ‘कमल के लिए किया गया हर एक वोट सीधे नरेंद्र मोदी के लिए किया गया वोट है.’

गैर-परंपरागत तरीके

भाजपा की चुनावी ताकत के खिलाफ लड़ते हुए आप के तमाम उम्मीदवार मतदाताओं के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव पर निर्भर हैं. सिसोदिया और राय की तरह चुनावी  बैठकों के बीच अलग-अलग उम्मीदवारों द्वारा ‘विकेन्द्रीकृत’ प्रचार अभियान चलता रहता है.

पदयात्रा, जनसभा और डोर-टू-डोर ड्राइव (हर दरवाजे पर जाकर चलाया गया प्रचार अभियान) आप के चुनावी प्रचार के तीन प्राथमिक तरीके हैं.

‘डांस फॉर डेमोक्रेसी’ द्वारा शहर के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किए गए फ्लैश मॉब (अचानक जुटी भीड़) के साथ नुक्कड़ नाटक, जादू और गिटार शो आप की समग्र चुनावी रणनीति का हिस्सा रहे हैं और उसकी टीम इस तरह के आयोजनों में माहिर रही है. 23 नवंबर से शुरू हुए प्रचार अभियान के दूसरे चरण में इन कोशिशों को और तेज कर दिया गया है.

सरस्वती विहार से आप उम्मीदवार उर्मिला गर्ग ने कहा, ‘हमारे लिए प्रचार करने वाले सभी लोग हमारे परिवार और वृहत समुदाय का हिस्सा हैं. हम निजी स्तर पर लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं ताकि भरोसा कायम रहे. मेरे पति अश्विनी, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से शकूर बस्ती के विधायक सत्येंद्र जैन के साथ मिलकर काम किया है, ने समूचे वार्ड में बहुत सारे संबंध विकसित किए हैं.’

अक्सर उम्मीदवार खुद के बजाय राज्य सरकार के  प्रदर्शन के बारे में बातें करते हैं. रोहिणी-सी वार्ड से आप उम्मीदवार अनिल मित्तल ने कहा, ‘लोगों ने केजरीवाल की सरकार के तहत किए गए काम को देखा है और उनके (भाजपा के) पार्षद ने वार्ड के साथ जिस तरह की ढिलाई बरती वह भी देखा है. वे दिल्ली सरकार में हमारे रिकॉर्ड के आधार पर हमें वोट देंगे. जनता ही असली उम्मीदवार है, वे चुनाव में हमारी पार्टी का समर्थन करेंगे.’


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सारा परिवार है प्रचार में शामिल

आप के लिए ‘डोर-टू-डोर’ प्रचार उम्मीदवारों और उनके परिवारों, दोस्तों और रिश्तेदारों या ‘अवैतनिक स्वयंसेवकों’ द्वारा किया जा रहा है.

उर्मिला गर्ग के अपने बच्चों ने मीडिया और प्रचार की कमान संभाली हुई है, जबकि सभी आयुवर्गों की उनकी महिला रिश्तेदार मतदाताओं से अपील करने के लिए वार्ड की अलग-अलग कॉलोनियों में 8-10 लोगों की टीमों में बंटकर जाती हैं. बुद्ध विहार से आप प्रत्याशी अमृत लाल जैन के घर का भी यही हाल है, जहां वोटरों तक पहुंच बनाने के लिए रैलियों हेतु महिला रिश्तेदारों और पड़ोसियों के एक समूह को भेजा गया है. उनके मकान का ग्राउंड फ्लोर किसी मैरिज हॉल जैसा हो गया है

आप के झंडों और पार्टी के उम्मीदवारों के चेहरों से सजे-सजाये ई-रिक्शा सभी वार्डों में घूम रहे हैं और उनमें इसका थीम सॉन्ग – एमसीडी में भी केजरीवाल – भी बज रहा है. बुध विहार में, ई-रिक्शा वालों ने हीरो के रूप में झाडू (झाड़ू) के साथ बॉलीवुड गाने बजाए. सरस्वती विहार में, ‘काम करेंगे, काम करेंगे, जन-जन का सम्मान करेंगे’, की एक और देसी धुन ने प्रचार अभियान के केंद्र में जगह बना ली है .

उर्मिला के बच्चों मुदित और करण के मुताबिक शराब बांटने जैसी पुरानी रणनीतियां अब कामयाब नहीं हो सकती.

भाजपा जैसी पार्टी जिसके पास संसाधनों या नेताओं की कोई कमी नहीं है, के खिलाफ खड़े होने के बारे में पूछे जाने पर मुदित ने कहा, ‘सार्वजनिक कार्य उम्मीदवार द्वारा किए गए काम के परिणामों पर आधारित होता है.’

संदेश को अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए, वे साप्ताहिक सब्जी बाजारों, स्थानीय किराने की दुकानों, पार्कों और सामाजिक समारोहों के किसी भी अन्य स्थान पर नुक्कड़ नाटक, मैजिक शो का उपयोग करते हैं.

अमृत जैन, ने अपनी वृद्धावस्था के बावजूद एक और अपरंपरागत तरीका अपनाया. सड़क पर लोगों से मिलने के दौरान उन्होंने हाथ जोड़कर और चुनाव के लिए आशीर्वाद मांगते हुए, पूरे वार्ड में मोटरसाइकिल की सवारी की है.

उन्होंने कहा, ‘मेरे नामांकन से पहले भी, मैं सामाजिक कार्यों में लगा रहा हूँ, जिसके तहत मैंने मुफ्त नेत्र उपचार शिविर और आधार कार्ड बनाने वाले शिविर आयोजित किए हैं. स्टिकर, ढोल की थाप और झाड़ू चलाने वाले हमारे स्वयंसेवक हमें बाहरी दृश्यता प्रदान कर सकते हैं, लेकिन यह भविष्य में लोगों के लिए काम करने का वादा है जो हमें चुने जाने में मदद करेगा.’

‘डबल इंजन’ वाला प्रचार

आप उम्मीदवार रेखा त्यागी, जो सुभाष मोहल्ला वार्ड से पार्षद भी हैं, ने दावा किया कि उन्हें सड़कों और जल निकासी के काम के लिए कोई फंड नहीं दिया गया था.

आप के वरिष्ठ नेता शहनाज हिंदुस्तानी ने त्यागी के समर्थन में आयोजित एक जनसंवाद में कहा, ‘मोदी की डबल इंजन सरकार ने काम भले न किया होगा, लेकिन आप का (डबल इंजन) करेगा.’ कुछ दिनों पहले विधायक आतिशी ने भी यही लाइन ली थी जब उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा था कि मध्य प्रदेश जैसे तमाम राज्यों में, भाजपा की ‘डबल इंजन सरकार’ विफल रही है’.

उन्होंने कहा, ‘कोई भी कार्रवाई तभी की जा सकती है जब राजनीतिक इच्छाशक्ति हो… केंद्र ने हमसे अधिकार ले लेने की तमाम कोशिश की है और इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल ने काफी काम किया है.’

(अनुवाद- राम लाल खन्ना)

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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