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Sunday, 22 December, 2024
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दिल्ली MCD : BJP ने बनाया रेखा गुप्ता को मेयर पद का उम्मीदवार, AAP की शैली ऑबेरॉय से मुकाबला होगा

मेयर पद के चुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन है. दिल्ली के अगले मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 6 जनवरी 2023 को होगा. निर्वाचित मेयर का कार्यकाल एक साल का होगा. 

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नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए उम्मीदवारों के नाम की खींचतान आज थम जाएगी. निगम के एकीकरण के बाद होने वाले मेयर के पहले चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगाई है. वहीं, डिप्टी मेयर पद के लिए कमल बागड़ी का नाम तय किया गया है.

मेयर पद पर रेखा का मुकाबला आम आदमी पार्टी की शैली ऑबेरॉय से होगा. शैली ईस्ट पटेल नगर वार्ड से विजयी रही हैं, जबकि रेखा वार्ड नंबर 56 शालीमार बाग-बी से पार्षद निर्वाचित हुई हैं.

वहीं, निगम में बीजेपी की ओर से डिप्टी मेयर के लिए उम्मीदवार चुने गए कमल बागड़ी का मुकाबला आम आदमी पार्टी के मोहम्मद इकबाल से होगा.

गौरतलब है कि मेयर पद के चुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन है. दिल्ली के अगले मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 6 जनवरी 2023 को होगा. निर्वाचित मेयर का कार्यकाल एक साल का होगा.

चांदनी महल वार्ड से पार्षद इकबाल का चयन हाल के एमसीडी चुनावों में कांग्रेस की ओर रुख करने वाले मुस्लिम मतदाताओं के लिए एक राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है.


यह भी पढ़ेंः MCD के डिप्टी मेयर उम्मीदवार आले इकबाल के साथ, दिल्ली में AAP का मुस्लिमों तक पहुंच बढ़ाने का प्रयास


कौन हैं दोनों पार्टी की उम्मीदवार

बीजेपी की उम्मीदवार रेखा गुप्ता पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश में बीजेपी महिला मोर्चा की इंचार्ज भी हैं.

जबकि, आप की शैली ऑबेरॉय पूर्वी पटेल नगर की निर्वाचित पार्षद हैं. वह डीयू, एनएमआईएमएस, आईपी, इग्नू में पूर्व सहायक प्रोफेसर भी रही हैं.

रेखा ने इस निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी के ईशप्रीत गुजराल और कांग्रेस के मोना शौकीन को हराया था.

बीजेपी ने रेखा गुप्ता को इसी साल मैदान में उतारा था. उनसे पहले साल 2017 में इसी सीट से बीजेपी की रेनु जाजु पार्षद थीं.

हालांकि, एमसीडी चुनाव में हार के बाद बीजेपी की दिल्ली इकाई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दावा किया था कि जीत किसी भी पार्टी की हो, मेयर तो बीजेपी का ही बनेगा.

बता दें कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के मुताबिक, यहां मेयर का कार्यकाल केवल एक वर्ष का होता है. निगम में पांच वर्ष के कार्यकाल में से पहला वर्ष महिला पार्षद के लिए, तो तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है. अन्य तीन वर्षों में किसी भी श्रेणी और जाति का पार्षद मेयर बन सकता है.

मेयर के लिए चुनाव के लिए सभी चुने गए 250 पार्षदों के साथ साथ 3 राज्यसभा सांसद, 7 लोकसभा सांसद और 13 विधानसभा सदस्य मतदान करते हैं.

बता दें कि 7 दिसंबर को आए परिणामों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के 134 जीतने वाले पार्षदों में 78 महिला पार्षद हैं. बीजेपी की जीतने वाली महिला पार्षदों की संख्या 51 है. वहीं कांग्रेस के पाले में आई कुल 9 सीटों में से 6 सीटें महिला पार्षदों के नाम हैं. इसके अलावा दो निर्दलीय महिला पार्षद हैं. इस तरह से इस चुनाव में कुल 250 सीटों में से 135 महिला पार्षदों ने जीत दर्ज की.

कुल 250 वार्डों में से ही एक महिला पार्षद को मेयर नियुक्त किया जाएगा और जिस पार्टी के पास बहुमत होगा उसी पार्टी का मेयर बनेगा. निगम में दल बदल कानून या व्हिप लागू नहीं होता, इसलिए समीकरणों में बदलाव की उम्मीद है.

उल्लेखनीय है कि 7 दिसंबर को ‘आप’ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की 250 में से 134 सीटों पर जीत हासिल करके बीजेपी के 15 साल तक चले शासन पर विराम लगा दिया था. वहीं, बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा 9 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर अन्य की जीत हुई. हालांकि, मुंडका से निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, जिससे इसकी सीटों की संख्या 105 हो गई है.


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