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Monday, 6 May, 2024
होमराजनीतिआबकारी मामले में बढ़ी AAP की मुश्किलें- CM केजरीवाल 2 नवंबर के लिए तलब, सिसोदिया की जमानत याचिकाएं भी खारिज

आबकारी मामले में बढ़ी AAP की मुश्किलें- CM केजरीवाल 2 नवंबर के लिए तलब, सिसोदिया की जमानत याचिकाएं भी खारिज

केजरीवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत समन जारी किया गया है और मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के बाद एजेंसी मुख्यमंत्री का बयान दर्ज करेगी.

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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक तरफ जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए दो नवंबर को तलब किया है, तो दूसरी तरफ इसी मामले में जेल में बंद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई.

केजरीवाल (55) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत समन जारी किया गया है और सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के बाद एजेंसी मुख्यमंत्री का बयान दर्ज करेगी.

बता दें कि ईडी ने मामले में दाखिल अपने आरोपपत्रों में कई बार केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया है और कहा है कि आरोपी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और लागू करने के संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) नेता के संपर्क में थे. लेकिन बाद में यह आबकारी नीति रद्द कर दी गई थी.

इससे पहले, हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाएं खारिज कर दी.

सिसोदिया को झटका देते हुए, हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन-शोधन मामलों में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है.

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न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने कहा, “हालांकि, पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत दायर शिकायत में एक स्पष्ट आधार या आरोप है, जो प्रत्यक्ष कानूनी चुनौती से मुक्त है, और कथित आरोप सबूतों द्वारा अस्थायी रूप से समर्थित हैं.”

पीठ ने कहा कि ईडी की शिकायत के अनुसार, 338 करोड़ रुपये की रकम अपराध से हासिल की गई आय है. न्यायालय ने जांच एजेंसियों के बयान को रिकॉर्ड किया है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी.

पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए अर्जी दे सकते हैं.

न्यायमूर्ति खन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा, “उन्होंने (जांच एजेंसियों ने) कहा है कि सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी. इसलिए तीन महीने के भीतर अगर मुकदमे की कार्यवाही में लापरवाही या देरी होती है, तो वह (सिसोदिया) जमानत के लिए अर्जी दायर करने के हकदार होंगे.”


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सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं सिसोदिया 

पीठ ने कहा कि फैसले में उन दलीलों और कुछ कानूनी सवालों का जिक्र किया गया है, जिनका जवाब नहीं मिला. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, “उनमें से अधिकांश का उत्तर नहीं दिया गया है और अगर उनका उत्तर दिया भी गया है तो बेहद सीमित तरीके से दिया गया है.”

शीर्ष अदालत ने अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में दायर सिसोदिया की दो अलग-अलग नियमित जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने 17 अक्टूबर को दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

बता दें कि सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को ‘‘घोटाले’’ में उनकी भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता तब से ही हिरासत में हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन के मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया. सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ साथ आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की मुश्किलें भी तब बढ़ी, जब उनके न्यायिक हिरासत के समय को बढ़ाया गया.

दिल्ली की एक अदालत ने कथित दिल्ली आबकारी घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत शुक्रवार को 10 नवंबर तक बढ़ा दी.


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