नई दिल्ली: दिल्ली में हुए 2020 के विधानसभा चुनाव में 1.47 करोड़ वोटरों ने कई आमो ख़ास कैंडिडेट्स के लिए वोट डाले. ऐसे में ये देखना तो बनता है कि आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के जो वीआईपी कैंडिडेट्स थे उनका क्या हुआ.
आम आदमी पार्टी ने अपने सभी मंत्रियों को फिर से मौका देने के अलावा आम चुनाव में बुरी तरह से हार का सामना करने वाले आतिशी, राघव चड्ढा और दिलीप पांडे जैसे उम्मीदवारों को टिकट दिया था.
आप ने जिन मंत्रियों को टिकट दिया था उनमें सभी जीत गए. वहीं आम चुनाव में बुरी तरह से हारने वाली आतिशी को जीत मिली. इसी चुनाव में हारने वाले राघव और दिलीप पांडे को भी उनकी सीटों से जीत मिली.
2015 में भाजपा का सूपड़ा साफ़ होने से बचाने वाले तीन विधायकों में से विजेंद्र गुप्ता अपनी रोहिणी की सीट से जीत गए, जगदीश प्रधान मुस्तफाबाद से आम आदमी पार्टी के हाजी यूनुस से हार गए और ओम प्रकाश शर्मा विश्वास नगर से जीत गए.
इनके अलावा भाजपा ने तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को भी टिकट दिया था. हरिनगर से चुनाव लड़े बग्गा को आम आदमी पार्टी की राजकुमारी ढिल्लन से हार मिली.
चुनाव से थोड़े दिन पहले पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए सुभाष चोपड़ा ने अपनी बेटी शिवानी चोपड़ा को टिकट दिलाया. शिवानी को भी आतिशी के हाथों हार मिली. वहीं, आप छोड़कर पार्टी में लौटी अलका लांबा को भी चांदनी चौक से बुरी हार मिली. कीर्ति आज़ाद ने अपनी पत्नी पूनम आज़ाद को चुनाव लड़वाया था और उन्हें भी बुरी तरह से हार मिली.