नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को इस सर्दी के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की निगरानी और उससे निपटने के लिए 15-कार्य योजना की घोषणा की. उन्होंने इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों और केंद्र से समन्वित प्रयास का आह्वान किया.
केजरीवाल ने घोषणा की कि कचरा जलाने, धूल और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए टीम बनाई जाएगी.
केजरीवाल ने कहा कि सरकार द्वारा 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने और 24 घंटे बिजली आपूर्ति, ताप विद्युत संयंत्रों को बंद करने, धूल के प्रदूषण पर रोक लगाने और बिजली-सीएनजी से चलने वाली बसों के संचालन से प्रदूषण स्तर में कमी आई है.
उन्होंने कहा कि डिजिटल ब्रीफिंग के दौरान, ‘केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 2017-18 की तुलना में 2021-22 में वायु प्रदूषण में अहम सुधार हुआ है. बीते चार वर्ष में पीएम-10 के स्तर में 18.6 प्रतिशत की कमी आई है.’
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को केंद्र से अहम मदद प्राप्त हुई, जिसने पेरीफेरल एक्सप्रेस हाइवे का निर्माण कराया जिससे बड़ी संख्या में ट्रकों को आगे की यात्रा के लिए अब दिल्ली के अंदर आने की जरूरत नहीं पड़ती.
राज्यों के बीच समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि शहर की सरकार केंद्र, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और अन्य राज्यों के साथ काम करेगी ताकि प्रदूषण की समस्या पर लगाम लगाई जा सके.
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी पड़ोसी राज्यों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी वाहन या तो सीएनजी या फिर इलेक्ट्रिक वाहन हों. वे औद्योगिक इकाइयों को भी प्रदूषण का कारक बनने वाले ईंधन का उपयोग करने से रोक सकते हैं और उन्हें पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) का उपयोग करने के लिए निर्देशित कर सकते है.’
केजरीवाल ने कहा कि पड़ोसी राज्य ईंट के भट्ठों द्वारा जिग-जैग तकनीक का इस्तेमाल, डीजल जेनरेटरों पर प्रतिबंध का आदेश दे सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘कम से कम एनसीआर में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति होनी चाहिए.’
उन्होंने कार्य योजना की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार इस साल करीब 5,000 एकड़ जमीन पर पराली के निपटान के लिए पूसा जैव-अपघटक का छिड़काव कराएगी जबकि पहले यह आंकड़ा 4000 एकड़ का था.
उन्होंने कहा कि छह अक्टूबर से सरकार धूल रोधी अभियान भी चलाएगी, जिसमें 586 दल, निर्माण स्थलों का दौरा कर यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के उपायों का सख्ती से पालन किया गया हो.
सरकार ने पहले ही पटाखों के भंडारण, वितरण और खरीद पर प्रतिबंध की घोषणा की है और निगरानी के लिये 210 दलों का गठन किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘500 वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण स्थलों का सरकार के ‘कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन’ (सी एंड डी) पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है. 5000 वर्ग मीटर से ज्यादा के निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा. दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 233 एंटी-स्मॉग गन लगाई जा चुकी हैं.’
उन्होंने कहा कि सरकार सड़क साफ करने के लिए 80 मशीनों के अलावा पानी के छिड़काव के 581 यंत्र और 150 सचल एंटी-स्मॉग टावर भी लगाएगी.
केजरीवाल ने मार्गों में परिवर्तन के जरिए 203 सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने की योजना का भी एलान किया ताकि यातायात जाम के कारण वाहन से होने वाला उत्सर्जन कम हो.
उन्होंने कहा कि सरकार ने खुले में कचरा जलाने से रोकने के लिए 611 दल गठित किए हैं.
सरकार ने 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्रों का सख्त निरीक्षण सुनिश्चित करने के लिए 380 टीमों का गठन किया है. लोगों से आगे आने और पर्यावरण मित्र बनने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि 3,500 से अधिक स्वयंसेवक इसके लिए पंजीकरण करा चुके हैं.
भाषा के इनपुट से
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