नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत द्वारा मुख्य सचिव से कथित तौर पर हाथापाई के मामले में बरी किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि सत्य की जीत हुई.
सिसोदिया ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर केजरीवाल के खिलाफ साजिश रचने का आरोप भी लगाया.
दिल्ली की एक अदालत ने 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित हाथापाई से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के नौ अन्य विधायकों को बुधवार को आरोप-मुक्त कर दिया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने हालांकि, मामले में आप के दो विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है.
केजरीवाल ने अदालत के फैसल के बाद ट्वीट किया, ‘सत्यमेव जयते’.
वहीं, सिसोदिया ने ऑनलाइन एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह न्याय और सच्चाई की जीत का दिन है. अदालत ने कहा कि सभी आरोप गलत और निराधार है. मुख्यमंत्री को आज उस झूठे मामले में बरी कर दिया गया. हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि आरोप गलत हैं. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा नीत केन्द्र सरकार की एक साजिश थी और उन्हीं के निर्देश पर झूठा मामला भी दर्ज किया गया.’
उन्होंने कहा, ‘यह पहला मौका है जब निर्वाचित प्रधानमंत्री ने किसी निर्वाचित मुख्यमंत्री की सरकार को इस तरह से बाहर करने की कोशिश की हो. जनता ने दोनों सरकारों को चुना है, आपको विपक्षी सरकारों के खिलाफ साजिश रचने और उनकी जासूसी करने में लिप्त नहीं होना चाहिए. प्रधानमंत्री और भाजपा को इसके लिए देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.’
यह आपराधिक मामला 19 फरवरी, 2018 को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान प्रकाश पर कथित हमले से जुड़ा है. मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के अलावा, आप के 11 विधायकों को मामले में आरोपी बनाया गया था. केजरीवाल, सिसोदिया और आप के नौ अन्य विधायकों को अक्टूबर 2018 में जमानत दे दी गई थी. अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल को उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी.