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Sunday, 19 May, 2024
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2020 चुनाव : आरोप और घोषणाओं के बीच आप बनाम भाजपा बनती दिल्ली की राजनीति

आप की घोषणाओं, भाजपा के आरोपों और कांग्रेस की डांवाडोल स्थिति के बीच 2020 में होने वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव का मुकाबला अभी तो आप बनाम भाजपा नज़र आता है.

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नई दिल्ली: दिल्ली की राजनीति पर तेजी से विधानसभा चुनाव का बुख़ार चढ़ रहा है. ये सिलसिला 3 जून को आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा महिलाओं के लिए फ्री मेट्रो-बस सेवा की घोषणा से शुरू हुआ. इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लगाए जा रहे सिलसिलेवार आरोपों ने राजनीति का तड़का लगाने का काम किया. बृहस्पतिवार को की गई ताज़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सूबे के सीएम अरविंद केजरीवाल पर बिजली के मामले में ‘केजरीवाल कट’ वसूलने का आरोप लगाया. इन सबके बीच कांग्रेस अपने आप से संघर्ष करती नज़र आ रही है.

ताज़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा ने आरोप लगाया है कि 2013 में आप ने कहा था कि निवर्तमान सीएम शीला दीक्षित द्वारा बिजली कंपनियों को दी जा रही 600 करोड़ रुपए की सब्सिडी को वो सामप्त करेंगे, जबकि उनके चार साल के कार्यकाल में ये रकम बढ़कर 6379 करोड़ रुपए की हो गई है. भाजपा ने पूछा, ‘केजरीवाल बताएं कि इसमें से उन्हें कितना कट मिला?’


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भाजपा ने ये आरोप भी लगाया कि फिक्स चार्ज और सरचार्ज जैसे चार्ज के तहत इतने ही समय में 20308 करोड़ रुपए वसूले गए. हालांकि, भाजपा इसे घोटाला बताने से बचती रही और जब दिप्रिंट ने पूछा कि क्या आप के मानहानि के मुकदमे के डर से पार्टी इसे घोटाला नहीं कह रही तो मनोज तिवारी ने कहा, ‘हम तो बस आरटीआई के माध्यम से आए तथ्य सामने रख रहे हैं.’

भाजपा ने आप पर अब तक कई ‘मौसमी’ आरोप लगाए हैं. सबसे बड़े आरोप के तहत पार्टी ने कहा था कि दिल्ली में स्कूलों के कमरे बनाने में करोड़ों का घोटाला हुआ है. इसके जवाब में जब यहां के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी तो पार्टी मामले से पैर खींचती दिखी.

ताज़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब दिप्रिंट ने मनोज तिवारी से पूछा कि क्या पूरा चुनाव आरोप प्रत्यारोपों में निकलेगा या इन मामलों को भाजपा कार्रवाई के स्तर तक लेकर जाएगी तो उन्होंने आधे मन से ये कहने की कोशिश की कि इसे कार्रवाई के स्तर तक ले जाया जाएगा. हालांकि, अभी तक भाजपा और इसके नेताओं ने आम आदमी पार्टी के नेताओं ख़िलाफ़ मानहानि के अलावा कोई कदम नहीं उठाया है.

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पार्टी के दिल्ली प्रवक्ता हरीश खुराना ने ये आरोप भी लगाया कि केजरीवाल सरकार ने उनके कार्यकाल में एक भी नया फ्लाइओवर पास नहीं किया, न ही शुरू किया. उन्होंने ये आरोप एक आरटीआई के हवाले से लगाया है जिसकी कॉपी उन्होंने ट्वीट की है. ये आरोप राजधानी में राव तुलाराम फ्लाईओवर के उस उद्घाटन के बाद लगाया गया जिसे सीएम केजरीवाल ने बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है.

एक तरफ जहां भाजपा आरोपों की राजनीति कर रही है, वहीं केजरीवाल अपनी सरकार के आख़िरी समय में सिलसिलेवार घोषणाओं और योजनाओं से जुड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. उन्होंने फ्री सफर से लेकर छात्रों को छात्रवृत्ति, बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा, सफाईकर्मियों को सुरक्षा यंत्र से लेकर देश के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के उद्घाटन से लेकर अनधिकृत कॉलनियों को अधिकृत करने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करने जैसी दर्जनों बातों से जुड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.

बृहस्पतिवार की ताज़ा घोषणा में आप के मुखिया केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वालों के लिए अच्छी ख़बर है. इनके लिए जल्द ही रजिस्ट्री खोली जाएगी और यहां के लोगों को मालिकाना हक़ मिलेगा.’ हालांकि, पार्टी की इन तमाम योजनाओं और घोषणाओं पर भाजपा और कांग्रेस चुनावी होने के आरोप लग रहे हैं और आख़िरी वक्त में स्कूलों में लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरे और महिलाओं को फ्री सफर के वादे तो विवादित मोड़ भी ले चुके हैं.


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इन सबके बीच कांग्रेस का ये हाल है कि पार्टी की दिल्ली अध्यक्ष शीला दीक्षित अपना काम करने में सक्षम नहीं हैं और उनका साथ देने के लिए पार्टी को तीन कार्यकारी अध्यक्षों की घोषणा करनी पड़ी. ऐसा शीला दीक्षित के स्वास्थ्य का हवाला देकर किया गया. बुधवार को की गई इस घोषणा में नई ज़िम्मेदारी पाने वालों में हारुन युसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया का नाम शामिल है. ये कार्यकारी अध्यक्ष का काम करेंगे और लिए गए फैसलों के बारे में शीला दीक्षित को बताएंगे.

ऐसे में आप की घोषणाओं, भाजपा के आरोपों और कांग्रेस की डांवाडोल स्थिति के बीच 2020 में होने वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव का मुकाबला अभी तो आप बनाम भाजपा नज़र आता है.

 

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