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Saturday, 4 May, 2024
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‘सूटकेस में मिली लाशें’- लिव-इन में रहने वालों के रजिस्ट्रेशन की जरूरत पर उत्तराखंड के सीएम ने क्या कहा

एक इंटरव्यू में पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि यूसीसी से मुस्लिम महिलाओं को फायदा होगा. इसके अलावा अन्य दलों से आए लोगों को शामिल के लिए 'मानदंड' तय करने और अतिक्रमण हटाने पर भी बात की.

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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) प्रावधानों में से एक लिव-इन रिलेशनशिप के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन, जिसकी काफी आलोचना की जा रही है, का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि यह “केवल जोड़ों (Couples) की सुरक्षा के लिए” है और “किसी की निजता पर आक्रमण नहीं करता”.

उन्होंने कहा, “जब कोई अप्रिय घटना घटती है तो माता-पिता के पास पछतावे और आंसुओं के अलावा कुछ नहीं बचता. इन युवाओं का जीवन हमारी प्राथमिकता है; उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है,”

“माता-पिता को कम से कम यह जानने का अधिकार है कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं या नहीं. जिन लोगों ने जन्म दिया है – उन्हें, कम से कम, यह जानने का अधिकार है कि उनके बच्चे कहां हैं और क्या वे सुरक्षित हैं. हम किसी की निजता पर हमला नहीं कर रहे हैं.”

यूसीसी के अनुसार, “राज्य के भीतर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले पार्टनर्स के लिए, चाहे वे उत्तराखंड के निवासी हों या नहीं, अपने लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में उस एरिया के रजिस्ट्रार को जानकारी देनी होगी”

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धामी ने दिप्रिंट को यह भी बताया कि उन्होंने अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से अन्य पार्टियों से बीजेपी में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं के लिए ‘मानदंड’ तय करने के लिए कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी के कार्यकर्ता ‘हतोत्साहित’ न हो.

मुख्यमंत्री ने यूसीसी कार्यान्वयन की आवश्यकता से लेकर अतिक्रमण हटाने तक कई अन्य मुद्दों पर अपने विचार साझा किए.

‘14,000 से अधिक लोग उत्तराखंड भाजपा में शामिल हुए’

बीजेपी का कहना है कि लोकसभा चुनाव आते ही हजारों कार्यकर्ता और नेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं. भाजपा के अनुसार, मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 16,000 से अधिक कार्यकर्ता पार्टी में शामिल हुए.

धामी ने कहा कि उत्तराखंड में ”14,000 से अधिक कार्यकर्ता और नेता” भाजपा में शामिल हुए हैं. लेकिन मैंने अब हमारे प्रदेश अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि अब जो भी शामिल हो, उसके लिए एक मानदंड तय होना चाहिए. उन्होंने मेरा अनुरोध स्वीकार कर लिया है और मुझे लगता है कि जिस गति से नए लोग जुड़ रहे हैं, उसमें थोड़ी कमी आएगी.’

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अन्य दलों से बड़ी संख्या में लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है और देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारा अपना काडर हतोत्साहित न हो, हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि केवल वही लोग भाजपा में शामिल हों जो इस मुद्दे और हमारी विचारधारा को लेकर प्रतिबद्ध हैं. कई राज्य अब इस बारे में एक सिस्टम तैयार करने पर काम कर रहे हैं.

धामी ने यूसीसी को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसे भाजपा पिछले कुछ समय से कह रही है. मोदी ने चुनावी रैलियों में अपने भाषणों में यूसीसी का उल्लेख किया है.

फरवरी में, उत्तराखंड विधानसभा ने यूसीसी पारित किया, जिसे बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिली. सरकार अब नियमावली तैयार कर रही है. इसने एक नियम और कार्यान्वयन समिति का गठन किया है.

धामी ने कहा कि यूसीसी ने किसी को निशाना नहीं बनाया, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है.

धामी ने कहा, “यूसीसी हमेशा से हमारा एजेंडा रहा है. यह उत्तराखंड के लोगों का सौभाग्य है कि हमें इसे लागू करने का मौका मिला. हमने चुनाव से पहले कहा था कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आई तो हम यूसीसी लागू करेंगे,”

“हमें लोगों से जनादेश मिला, और हमने इसे संविधान के दायरे में किया है, और यहां तक कि बी.आर. अंबेडकर के मन में भी यही बात थी कि देश में यूसीसी होना चाहिए. हमने उनकी भावनाओं का सम्मान किया है. किसी को निशाना नहीं बनाया जा रहा है. हम इसे जल्द ही लागू करेंगे.”

उन्होंने कहा, “समाज में अशांति और विभाजन पैदा करने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन उत्तराखंड में कानून का पालन करने वाले नागरिकों को डरने की जरूरत नहीं है.”


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‘किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया’

धामी ने यह भी कहा कि यूसीसी से मुस्लिम महिलाओं को फायदा होगा क्योंकि लोगों को “इद्दत, हलाला जैसी बुरी प्रथाओं” के लिए कारावास और जुर्माने का सामना करना पड़ेगा.

अतिक्रमण हटाने के लिए सरकारी कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर धामी ने कहा कि किसी भी समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया है. मजारों या मुस्लिम धर्मस्थलों पर कार्रवाई के बारे में धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए कदम उठाए गए हैं.

8 फरवरी को, हल्द्वानी में एक मस्जिद और एक मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया, अधिकारियों ने कहा कि वे अवैध संरचनाएं थीं. परिणामस्वरूप क्षेत्र के निवासी पुलिस से भिड़ गए और हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए.

इस पर धामी ने कहा, ”हमने केवल सार्वजनिक भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाया है. हल्द्वानी हिंसा में जिस जमीन की बात हो रही है वह सरकार की है. हल्द्वानी में कुछ तत्वों ने अशांति फैलाने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे. हमने एक कानून पेश किया है जिसके तहत किसी भी संपत्ति के नुकसान की वसूली उस व्यक्ति (जिम्मेदार) से की जाएगी.

“पहले, राष्ट्रहित को पीछे छोड़कर केवल वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति होती थी, लेकिन हम 4,000 एकड़ सरकारी भूमि को मुक्त कराने में कामयाब रहे हैं. अतिक्रमण और अवैध कब्ज़ा एक बड़ी साजिश है और हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि कोई अतिक्रमण न हो.

मुख्यमंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव में जीत का भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य की सभी पांच सीटें पहले से भी अधिक अंतर से जीतेगी और एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाएगी.

उन्होंने कहा, “लोगों ने पीएम मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री चुनने का मन बना लिया है. विपक्ष और INDIA ब्लॉक से कोई चुनौती नहीं है, जहां हर कोई दूल्हा (पीएम का पद) बनना चाहता है, लेकिन कोई भी इसके लिए काम नहीं करना चाहता,”

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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