तिरुवनंतपुरम: केरल में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) का 45वां राज्य सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ. सम्मेलन की शुरुआत पार्टी ने INDIA ब्लॉक में भरोसे की कमी और सीट बंटवारे को लेकर मतभेदों से बने संकट पर चिंता जताते हुए की.
केरल के अलाप्पुझा जिले में प्रतिनिधि सत्र का उद्घाटन करते हुए पूर्व राज्यसभा सांसद और CPI महासचिव डी. राजा ने कहा कि INDIA ब्लॉक के धर्मनिरपेक्ष दलों को जनता के जीवन स्तर को उठाने और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए बीजेपी-आरएसएस को हराने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए. उन्होंने संसद में लेफ्ट की घटती उपस्थिति पर भी चिंता जताई.
राजा ने आरोप लगाया कि आरएसएस-बीजेपी की फासीवादी ताकतें भारत को एक धार्मिक राष्ट्र में बदल रही हैं. बिहार में वोटर फ्रॉड के आरोपों का जिक्र करते हुए कम्युनिस्ट नेता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पूरी तरह नाकाम हो चुका है और किसी भी राज्य में वोटर फ्रॉड हो सकता है.
उन्होंने कहा कि INDIA ब्लॉक में क्षेत्रीय दलों को सीट-बंटवारे के समय आपसी भरोसा और समझ बनाए रखना चाहिए.
राजा ने कहा, “हम बार-बार सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों से कहते हैं कि उन्हें एकजुट होना चाहिए. चुनाव के समय आपसी समायोजन होना चाहिए. आपसी भरोसे और सीट बंटवारे की बड़ी समस्या है. इसे हमने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में भी बताया है. वरना दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र के नतीजे अलग होते. राष्ट्रीय स्तर पर संसद के अंदर और बाहर स्थिति अलग होती. ऐसा क्यों नहीं हो रहा? सभी दलों को गंभीर आत्मचिंतन करना चाहिए.”
बुधवार से अलप्पुझा में आयोजित इस सम्मेलन में राज्य भर से 528 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. सम्मेलन शुक्रवार शाम को अलप्पुझा बीच पर एक सार्वजनिक बैठक और वालंटियर मार्च के साथ संपन्न होगा. पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन 21 से 25 सितंबर तक चंडीगढ़ में होगा. बुधवार को CPI की राज्य इकाई ने अपना आधिकारिक यूट्यूब चैनल ‘कनल’ (जिसका अर्थ अंगारा) लॉन्च किया. इसका उद्देश्य अपनी विचारधारा फैलाना और केरल के इतिहास में पार्टी की भूमिका को उजागर करना है. इसे वरिष्ठ पत्रकारों, जिनमें पूर्व टेलीग्राफ संपादक आर. राजगोपाल और दूरदर्शन के पूर्व प्रमुख बिजु चंद्रन शामिल हैं, की मदद से लॉन्च किया गया.
प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राजा ने कहा कि CPI की ताकत भारतीय राजनीति में घट रही है जबकि पार्टी अपनी शताब्दी मना रही है. उन्होंने सभी कम्युनिस्ट दलों की एकता का आह्वान किया और कहा कि CPI को केरल से आगे भी बढ़ना होगा.
1925 में कानपुर में बनी CPI स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनावों में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी थी. 1957 में ई.एम.एस. नंबूदिरिपाद के नेतृत्व में CPI ने भारत में पहला लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित कम्युनिस्ट सरकार बनाई. वैचारिक मतभेदों के बाद 1964 में CPI(M) का गठन हुआ और क्षेत्रीय दलों के उभार से CPI का धीरे-धीरे पतन शुरू हुआ. इस समय पार्टी की सबसे मजबूत उपस्थिति केरल में है और यह CPI(M) नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की सबसे बड़ी सहयोगी है.
राजा ने कहा, “हमें लेफ्ट एकता के लिए प्रयास करना चाहिए. हमें हर स्तर पर लेफ्ट एकता को मजबूत करना चाहिए. हम अपील करते हैं और अन्य लेफ्ट दलों को भी इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए.” उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी की मजबूत मार्क्सवादी विचारधारा है जिसे भारतीय हकीकत में लागू कर समाजवाद हासिल किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को समाज को जाति और वर्ग भेदभाव से मुक्त कराने के लिए काम करना चाहिए.
नेता ने यह भी कहा कि CPI और CPI(M) को शामिल करने वाला LDF आने वाले स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनावों में फिर से सत्ता में लौटना चाहिए.
राजा ने कहा, “LDF सरकार को वापस सत्ता में आना चाहिए और आने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करनी चाहिए. LDF को केरल की जनता का विश्वास लगातार जीतना होगा. यह देश की मौजूदा स्थिति में बेहद जरूरी है. इसलिए हमें आने वाले विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में LDF की सफलता की योजना बनानी होगी.”
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