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Saturday, 4 May, 2024
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‘अपराधों से निपटना केंद्र-राज्यों की सामूहिक जिम्मेदारी’ – अमित शाह ने गृह मंत्रियों के ‘चिंतन शिविर’ की शुरुआत की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके बिहार समकक्ष नीतीश कुमार ने इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया है. ममता और नीतीश के पास अपने राज्यों के गृह मंत्रालयों का प्रभार है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को केंद्र के ‘विजन 2047’ को लागू करने के लिए योजना तैयार करने के मकसद से राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ की शुरुआत की.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके बिहार समकक्ष नीतीश कुमार ने इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया है जिसमें साइबर अपराध प्रबंधन के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का विकास, पुलिस बलों का आधुनिकीकरण, उपयोग में वृद्धि आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी, भूमि सीमा प्रबंधन और तटीय सुरक्षा और अन्य आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

बता दें कि ममता और नीतीश के पास अपने राज्यों के गृह मंत्रालयों का प्रभार है.

इस कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, केरल, असम, गोवा, उत्तराखंड, सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया है- इन सभी के पास अपने-अपने राज्यों में गृह मंत्रालय का प्रभार है.

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, शाह ने कहा कि ‘चिंतन शिविर’ की पहल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.

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उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सीमा पार अपराध के खिलाफ लड़ सकते हैं जब सभी राज्य संयुक्त रूप से योजना बनाएंगे और उसके अनुसार कदम उठाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘हमारे संविधान में कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन हम सीमा पार के अपराधों या सीमा विहीन अपराधों से निपटने में तभी कामयाब हो सकते हैं जब इस पर विचार करने के लिए सभी राज्य एक-साथ बैठें और साझा रणनीति बनाकर उन पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास करें.’

शाह दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित कर रहे थे जिसका उद्देश्य ‘विजन 2047’ और ‘पंच प्रण’ पर अमल के लिए एक कार्य योजना बनाना है, जिसका ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चिंतन शिविर को 28 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करेंगे.

गृह मंत्री ने कहा कि यह राज्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे देश या राज्यों की सीमाओं के पार से संचालित अपराधों या क्षेत्रीय अपराधों से प्रभावकारी ढंग से निपटें ताकि समाज को भय मुक्त किया जा सके.

शाह ने कहा कि संसाधनों को तार्किक बनाने पर जोर देना होगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर हो या पूर्वोत्तर या मादक पदार्थों की तस्करी, मोदी सरकार ने आंतरिक सुरक्षा के सभी मोर्चों पर सफलता हासिल की है.

गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद की रोकथाम रणनीति के तहत सभी राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कार्यालय होगा.

शाह ने कहा, ‘हमारी आंतरिक सुरक्षा मजबूत मानी जाती है। हमारे 35 हजार पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों ने देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है.’


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