नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि गौमूत्र और गाय के गोबर के उपयोग से प्रदेश और देश की ‘अर्थव्यवस्था को मजबूत करने’ में मदद मिल सकती है. बशर्ते इसके लिए समुचित व्यवस्था की जाए.
शिवराज ने दावा किया कि अगर गौपालन के क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं आगे आती हैं तो इस काम में ‘हमारी सफलता निश्चित है.’
शिवराज भोपाल में भारतीय पशु चिकित्सा संघ के महिला प्रकोष्ठ के पहले वार्षिक अधिवेशन में बोल रहे थे. ‘शक्ति 2021’ शीर्षक वाला इस कार्यक्रम में देश भर में महिला पशु चिकित्सकों के सामने पेश आने वाली समस्याओं, चुनौतियों और उन्हें हल करने के बारे में चर्चा की जा रही थी.
गाय के गोबर और गोमूत्र से हम अपनी आर्थिक अर्थव्यवस्था मजबूत कर सकते हैं. हमारी प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि अब श्मशानों में लकड़ी का उपयोग न करके गौ-काष्ठ का प्रयोग किया जाए.
गाय के गोबर और गोमूत्र से हम अपनी आर्थिक अर्थव्यवस्था सुदृढ़ कर सकते हैं। हमारी प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि अब श्मशानों में लकड़ी का उपयोग न करके गौ-काष्ठ का प्रयोग किया जाये : मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj pic.twitter.com/a5pMhMsKUa
— Jansampark MP (@JansamparkMP) November 13, 2021
गोबर और गौमूत्र के विभिन्न लाभों और उपयोगिता के बारे में बोलते हुए शिवराज ने कहा, ‘गोबर और मूत्र का उपयोग कीटनाशक, कृमिनाशक, उर्वरक (खाद) और कई अन्य चीजों को बनाने के लिए किया जा सकता है.’
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार श्मशान घाट में लकड़ी की जगह गोबर के उपलों का प्रयोग करवाने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘हम कोशिश कर रहे हैं कि श्मशान घाट में, अब लकड़ी का इस्तेमाल न हो. इसके बजाय अंतिम संस्कार के लिए गोबर के उपलों का उपयोग किया जाता है. गौशालाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं. हम गोबर की खरीद कर रहे हैं और इस दिशा में भी काम कर रहे हैं कि कैसे हम इसका उपयोग खाद बनाने के लिए कर सकते हैं.’
पशुओं के लिए विशेष एंबुलेंस सेवा
शिवराज ने मवेशियों में होने वाली बीमारियों के बारे में भी चिंता जताई और कहा कि मवेशियों का जल्द इलाज सुनिश्चित करने के लिए विशेष एंबुलेंस सेवा शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘हमारे मवेशी कई तरह की बीमारियों से संक्रमित हो रहे हैं इसलिए, जैसे हमारे पास मनुष्यों के लिए 108 (एम्बुलेंस हेल्पलाइन) सेवा है उसी तरह हम विशेष रूप से मवेशियों के लिए 109 सेवा शुरू करने की सोच रहे हैं ताकि उन्हें पशु डिस्पेंसरी तक ले जाया जा सके और उनका समय पर इलाज किया जा सके.‘
उनका कहना था, ‘हम मवेशियों के इलाज में आसानी को सुनिश्चित करने के लिए ये सारे प्रयास कर रहे हैं. हम उनसे प्राप्त होने वाले दूध की मात्रा को बढ़ाने के तरीकों पर भी काम कर रहे हैं और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इन मवेशियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.’
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