नई दिल्ली: जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने सेरछिप सीट 2,982 वोट से जीत ली है. और राज्य के अगले मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिए कल या परसों राज्यपाल से मिलने जाएंगे.
लालदुहोमा ने कहा कि शपथ ग्रहण इसी महीने होगा.
भारत के चुनाव आयोग ने 7 नवंबर को हुए मतदान के लिए जारी मतगणना में 25 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए हैं. बता दें कि जेडपीएम ने अभी तक 17 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है और 10 सीटों पर लगातार बढ़त बनाए हुए है.
मुख्यमंत्री पद के लिए जेडपीएम के उम्मीदवार लालडुहोमा ने कहा कि, “कल या परसों मैं राज्यपाल से मिलूंगा.शपथ ग्रहण इसी महीने होगा.”
मिजोरम में 40 विधानसभा सीट हैं और बहुमत के लिए 21 सीट जीतनी आवश्यक है. उपमुख्यमंत्री तावंलुइया को तुइचांग सीट में जेडपीएम के उम्मीदवार डब्ल्यू चुआनावमा से 909 मतों के अंतर से शिकस्त मिली. वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार डॉ. आर लालथंगलियाना जेडपीएम के जेजे लालपेखलुआ से 135 वोटों के अंतर से हार गए हैं.
पूर्वोत्तर राज्य में चार प्रमुख दावेदार मैदान में हैं, इनमें सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम), कांग्रेस और भाजपा शामिल हैं.
निवर्तमान एमएनएफ ने छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की: ममित, सेरलुई, तुइरियल, पूर्वी तुइपुई, पश्चिम तुइपुई और थोरांग. जबकि भाजपा ने दो सीटों सैहा और पालक सीटों पर अपनी जीत पक्की कर ली है.
इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार आर लालथंगलियाना को दक्षिण तुईपुई सीट पर जेडपीएम के जेजे लालपेखलुआ के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. जेडपीएम की लालनघिंगलोवा हमार आइजोल पश्चिम-द्वितीय निर्वाचन क्षेत्र में राज्य के कैबिनेट मंत्री लालरुआत्किमा को हराकर विजयी हुईं.
दो दौर की मतगणना के बाद मुख्यमंत्री जोरमथंगा आइजोल ईस्ट-1 सीट पर जेडपीएम उम्मीदवार लालथनसांगा से पीछे हैं.
मिजोरम में शपथ इसी महीने
मुख्यमंत्री पद के लिए जेडपीएम के उम्मीदवार लालदुहोमा सेरछिप सीट से जीत गए हैं. लालडुहोमा ने कहा कि, “कल या परसों मैं राज्यपाल से मिलूंगा.शपथ ग्रहण इसी महीने होगा.”
जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालडुहोमा ने कहा, “मिजोरम वित्तीय संकट का सामना कर रहा है. हमें निवर्तमान सरकार से यही विरासत मिलने वाली है. हम अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने जा रहे हैं. वित्तीय सुधार आवश्यक है, और इसके लिए हम एक संसाधन जुटाने वाली टीम बनाने जा रहे हैं.”
सभी 40 सीटों के आधिकारिक चुनाव आयोग रुझान के अनुसार ZPM (ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट) आराम से आधे का आंकड़ा पार कर गई है.
ZPM (ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट) के उपाध्यक्ष डॉ. केनेथ चावंगलियाना का कहना है, “फिलहाल हम 20 से अधिक सीटों पर आगे चल रहे हैं, जो पहले से ही बहुमत है, मुझे लगता है कि हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे.”
उन्होंने आगे कहा कि जीतने के बाद हमारी मुख्य प्राथमिकता कृषि होगी. उन्होंने आगे कहा कि “हम खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की तरफ तो काम करेंगे ही साथ ही बिजली और संचार और हमारी युवा पीढ़ी के मामलों को भी हम प्रमुखता देंगे. ”
बता दें कि सत्तारूढ़ एमएनएफ (मिजो नेशनल फ्रंट) 9 सीटों पर आगे है. पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी ने 3 पर बढ़त बना ली है जबकि यहां भी कांग्रेस एक बार फिर पिछड़ती नजर आ रही है और 2 सीटों पर आगे चल रही है.
मिजोरम में बहुत तेजी से रुझान बदल रहे हैं और चुनाव आयोग के आए शुरुआती रुझान बता रहे हैं कि ZPM (ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट) बढ़त की ओऱ आगे बढ़ रही है.
#MizoramElections2023 | Official EC trends of all 40 seats in – ZPM (Zoram People's Movement) comfortably crosses the halfway mark, wins 1 and leads on 25 seats.
Ruling MNF (Mizo National Front) leads on 9 seats
BJP on 3
Congress on 2 pic.twitter.com/w2zT3I7sVc— ANI (@ANI) December 4, 2023
मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को जारी मतगणना के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष वनलालहमुअका ने दावा किया कि उनकी पार्टी राज्य में अगली सरकार का हिस्सा होगी.
वनलालहमुअका ने कहा कि उन्हें राज्य में कम से कम तीन सीट पर पार्टी की जीत का भरोसा है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि हम तीन सीट जीतेंगे. हम पांच से ज्यादा सीट पर जीत की उम्मीद कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा जल्द ही बनने वाली नयी सरकार का हिस्सा होगी.’’
राज्य में 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक सीट जीती थी.
मतदान के बाद के अधिकतर सर्वेक्षण में मिजोरम में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखाया गया है.
राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) क्षेत्र में भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तर-पूर्व लोकतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा था और केंद्र में उसने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का समर्थन किया लेकिन दोनों दलों ने राज्य में कोई गठबंधन नहीं किया.
मिजोरम के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच लियानजेला ने बताया कि सभी 13 केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई.
उन्होंने बताया कि इन 13 केंद्र पर 40 विधानसभा सीट में से प्रत्येक के लिए एक मतगणना हॉल बनाया गया है.एच लियानजेला ने कहा कि 12 विधानसभा क्षेत्रों वाले आइजोल जिले में तीन मतगणना केंद्र और 10 अन्य जिलों में एक-एक केंद्र स्थापित किया गया है.
उन्होंने कहा कि कुछ सीट पर जहां मतदाताओं की संख्या कम है, वहां केवल दो दौर की गिनती होगी, लेकिन अधिकतर निर्वाचन क्षेत्रों में पांच दौर की गिनती होगी.
मतगणना प्रक्रिया में 4,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं.
हिंदी पट्टी में भगवा लहर चलने के बाद, जहां भाजपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में निर्णायक जनादेश मिला वही कांग्रेस ने तेलंगाना को बीआरएस से छीन लिया. अब सभी की निगाहें पूर्वोत्तर मिजोरम पर केंद्रित हो गई हैं.
40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान डाले गए थे, जिसमें सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम), कांग्रेस और भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा था.
छोटे पूर्वोत्तर राज्य में गिनती, जो मूल रूप से चार अन्य राज्यों के साथ 3 दिसंबर, रविवार के लिए निर्धारित की गई थी, धार्मिक कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन का हवाला देते हुए, नागरिक समाज द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए प्रतिनिधित्व के बाद एक दिन आगे बढ़ा दी गई थी.
#WATCH | Counting of votes for #MizoramElections2023 has begun. Visuals from a counting centre in Aizawl. pic.twitter.com/ZkGZDziI9Z
— ANI (@ANI) December 4, 2023
मिजोरम के लोगों के लिए रविवार के विशेष महत्व का हवाला देते हुए राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संगठनों की अपील पर विचार करते हुए, चुनाव आयोग ने 29 नवंबर को आधिकारिक तौर पर राज्य में वोटों की गिनती सोमवार तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की थी.
इनमें सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम), कांग्रेस और भाजपा शामिल हैं.
इससे पहले, रविवार को ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे और सेरछिप निर्वाचन क्षेत्र के पार्टी उम्मीदवार, लालदुहोमा ने राज्य में ‘स्थिर’ सरकार बनाने वाली पार्टी पर विश्वास जताया.
उन्होंने कहा कि गुरुवार को जारी एग्जिट पोल के पूर्वानुमान वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित थे और ‘सबसे विश्वसनीय’ थे. “सभी एग्जिट पोल के नतीजे हमारी ओर इशारा करते हैं. हमें किसी अन्य राजनीतिक दल की जरूरत नहीं है.”
आइजोल के उपायुक्त नाज़ुक कुमार ने रविवार को कहा कि मिजोरम में 4 दिसंबर को होने वाली मतगणना के लिए सभी व्यवस्थाएं और तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
एग्जिट-पोल अनुमानों के अनुसार, दो क्षेत्रीय खिलाड़ी – एमएनएफ और जेडपीएम – मिजोरम में सरकार बनाने की दौड़ में हैं, अधिकांश पूर्वानुमानों में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी को पूर्वोत्तर राज्य में बढ़त हासिल है. जबकि त्रिशंकु विधानसभा की भी संभावना है.
इस बीच, मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती से एक दिन पहले मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने ज़ारकावत प्रेस्बिटेरियन चर्च में प्रार्थना की.
जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के चेहरे लालदुहोमा ने भी रविवार को आइजोल जिले के एक चर्च में विशेष प्रार्थना में भाग लिया.
मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान सात नवंबर को हुआ था और राज्य के 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। चुनाव में 18 महिलाओं सहित कुल 174 उम्मीदवार मैदान में हैं.
मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने 40-40 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि भाजपा ने 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. मिजोरम में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा. इसके अलावा 17 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे.
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