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Wednesday, 20 November, 2024
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कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत मामले में मांडविया ने दिए जांच के आदेश, उज्बेकिस्तान से संपर्क में भारत

मामले की सूचना मिलते ही यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ की टीम ने मैन्युफैक्चरर मैरियन बायोटेक के नोएडा फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया. निरीक्षण के आधार पर आगे की जांच की जाएगी.

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नई दिल्ली: भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित खांसी की दवाई पीने से उज्बेकिस्तान में तथाकथित रूप से 18 बच्चों की मौत का मामला गुरुवार को सामने आया जिसके बाद विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश के औषधि विभाग के एक दल ने नोएडा स्थित उस दवा कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने गुरुवार को कहा कि ‘नोएडा स्थित कफ सिरप पीकर कथित तौर पर उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत से जुड़ी रिपोर्ट के संबंध में भारत उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय दवा नियामक के साथ नियमित संपर्क में है.’

भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक, नोएडा, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्मित दूषित खांसी की दवाई डॉक1 मैक्स के संबंध में उज्बेकिस्तान से रिपोर्टें आई हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया के निर्देशों के तहत, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) 27 दिसंबर, 2022 से इस मामले को लेकर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय दवा नियामक के नियमित संपर्क में है.

मामले की सूचना मिलते ही यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ की टीम ने मैन्युफैक्चरर मैरियन बायोटेक के नोएडा फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया. निरीक्षण के आधार पर आगे की जांच की जाएगी.

मैरियन बायोटेक एक लाइसेंस प्राप्त निर्माता है और उसके पास ड्रग्स कंट्रोलर, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्यात उद्देश्यों के लिए डॉक1 मैक्स सिरप और टैबलेट बनाने का लाइसेंस है.

कफ सिरप के सैंपल निर्माण परिसर से लिए गए हैं और परीक्षण के लिए रीजनल ग्रग्स टेस्टिंग लबोरटरी (आरडीटीएल), चंडीगढ़ भेजे गए है.

‘भारत को फार्मेसी की तरह दिखाना बंद करें’

‘कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा कि ‘मोदी सरकार द्वारा भारत की तारीफ करते हुए उसे दुनिया के लिए एक फार्मेसी की तरह दिखाना बंद करना चाहिए और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.’

जयराम ने आगे कहा ‘मेड इन इंडिया कफ सिरप जानलेवा लगता है. पहले गैम्बिया में 70 बच्चों की मौत हुई थी और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है.’

भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, ‘मोदी के नफरत में अंधी हो चुकी कांग्रेस को भारत की उद्यमी भावना भी नज़र नही आती है.’

भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता की टिप्पणी का जवाब देते हुए ट्वीट किया कि, ‘गैम्बिया में बच्चों की मौत का भारत में बनी खांसी की दवा के सेवन से कोई लेना-देना नहीं है. यह गैम्बिया के अधिकारियों और डीसीजीआई दोनों द्वारा स्पष्ट किया गया है.’

डब्ल्यूएचओ करेगा जांच में सहयोग

उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि डॉक-मैक्स नामक एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित खांसी की दवा पीने के बाद कम से कम 18 बच्चों की सांस के रोग से मौत हो गई.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अधिकारी ने मौतों पर अधिक जानकारी मांगने वाले एएनआई के एक ईमेल के जवाब में कहा कि ‘डब्ल्यूएचओ उज्बेकिस्तान में स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और आगे की जांच में सहायता के लिए तैयार है.’

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने कहा कि वह दावे की जांच करेंगे.

इससे पहले, गैम्बिया में कथित रूप से भारत निर्मित खांसी की दवाई पीने से 66 बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि, गैम्बियन सरकार ने बच्चों की मौत और भारतीय खांसी की दवाई के बीच किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया था.

मामला सामने आने पर नोएडा से मैरियन बायोटेक फार्मा के अधिकारी हसन हैरिस ने कहा कि ‘उज्बेकिस्तान में मैरियन बायोटेक फार्मा कंपनी की सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. मौतों पर हमें अफसोस है, सरकार मौत के कारण की जांच करा रही है. रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट हो पाएगा.’


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