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Saturday, 11 May, 2024
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गाजियाबाद ‘फर्जी गैंगरेप’ मामले में चार्जशीट- खुद बनाए घाव के निशान, प्रेमी के साथ रचा झूठा नाटक

अक्टूबर में, महिला के भाई ने एफआईआर दर्ज की और दावा किया कि उसकी बहन के साथ गैंगरेप किया गया. जांच के बाद जब पुलिस को पता चला कि महिला और उसके प्रेमी ने संपत्ति हासिल करने के लिए ये सब नाटक रचा था तो मामले को खारिज कर दिया गया.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली एक जानकारी के अनुसार गाजियाबाद में पिछले एक महीने से ज्यादा समय से एक ‘फर्जी गैंगरेप’ को अंजाम देने की साजिश चल रही थी. विवादित संपत्ति को हड़पने और पांच लोगों को फसाने के लिए महिला ने अपने सीने पर घाव किए एवं जीभ क्लीनर जैसा उपकरण अपने गुप्तांग में डाला था. मामले के खिलाफ अब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है.

जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, नवंबर में दायर की गई चार्जशीट में बताया गया है कि कैसे महिला और उसके ‘प्रेमी’ आजाद तहसीन ने एक महीने पहले से इस नाटक की योजना बनाना शुरू कर दिया था.

एक जानकार सूत्र ने बताया कि ‘आजाद और गौरव (एक अन्य आरोपी) 2018-2019 में जेल में मिले थे. आजाद और महिला पिछले 10 साल से साथ रह रहे थे. दोनों ने 53 लाख रुपये की संपत्ति हड़पने की योजना बनाई थी. बोरे को उठाने से लेकर (जिसमें महिला को सड़क पर फेंक दिया गया था) और जीभ साफ करने वाली डिवाइस, हर एक चीज़ की योजना बनाई गयी थी.

गाजियाबाद पुलिस के सूत्रों ने कहा कि जहां आजाद और अन्य ने साजिश में शामिल होना स्वीकार किया है, वहीं 38 वर्षीय महिला का दावा है कि पांच लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया और उसे प्रताड़ित किया.

उन्होंने आगे कहा कि महिला के सीने पर जो ज़ख्म के निशान है वो उसने खुद किया है और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी बलात्कार से इनकार किया गया था.

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महिला, आज़ाद, गौरव शरण और मोहम्मद अफ़ज़ल – जो न्यायिक हिरासत में हैं – पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अपराध, धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश और सामान्य सजा हासिल करने के इरादे से सबूत गढ़ने का आरोप लगाया गया है.

महिला के भाई ने अक्टूबर में एक एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि पांच मुस्लिम पुरुष- शाहरुख, औरंगजेब, जावेद, दीनू और ढोला ने उसकी बहन का गैंगरेप किया और उसे सुनसान जगह पर फेंक दिया. उसने यह भी दावा किया था कि आरोपियों ने उसके हाथ-पैर बांध दिए थे और उसे एक बोरे में डाल कर फेंक दिया था.

लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया क्योंकि महिला और उसके सहयोगियों ने साजिश किया था ताकि दिल्ली में संपत्ति विवाद को खत्म करने के लिए पांच पुरुषों के परिवारों को मजबूर किया जा सके. जावेद और शाहरुख की मां शमीना विवादित संपत्ति में रहती हैं और यह मामला कोर्ट में चल रहा है.

गाजियाबाद पुलिस के सूत्रों ने कहा कि जांच दल को बनाये गए झूठे सबूत मिलने के बाद एफआईआर को ख़ारिज कर दिया गया था और केस को महिला, उसके ‘प्रेमी’ और अन्य दो सहयोगियों के खिलाफ दर्ज किया गया था. उस समय की कुछ रिपोर्टों ने मामले को सांप्रदायिक रंग दिया था, जिसे पुलिस ने खारिज कर दिया.

सीसीटीवी फुटेज, जीपीएस लोकेशन

अपने चार्जशीट में, पुलिस को मिले मुख्य सबूतों में आरोपी के कॉल डिटेल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, महिला सहित गिरफ्तार किए गए लोगों के जीपीएस लोकेशन और चार पहिया वाली गाड़ी का लोकेशन शामिल है, जिसके बारे में दावा किया कि महिला के अपहरण में इस्तेमाल किया गया था.

सूत्रों में से एक ने कहा कि ‘महिला ने बताया की जब उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ, उस समय वह गाजियाबाद में नहीं थी। वह अपने भाई से मिलने के बाद अपने घर दिल्ली लौट आई थी. उसके आगे कहा जिस गाड़ी के इस्तेमाल उसके बलात्कार के लिए किया गया था उसका लोकेशन भी दिल्ली में ही था. सीसीटीवी फुटेज में आरोपी (सहयोगियों) को अगले दिन (उसके कथित बलात्कार के एक दिन बाद) उसे सड़क पर छोड़ते हुए दिखाया गया था. एक फुटेज में यह भी देखा गया जी आज़ाद सड़क पर इंतज़ार करता है कि कोई महिला को सड़क पर पड़ा हुआ देखे और पुलिस को फ़ोन करे.

सूत्र ने कहा कि सबूतों में गैंगरेप का नाटक करने के लिए दिल्ली से गाजियाबाद तक आरोपियों द्वारा लिया गया रास्ता भी शामिल है.

सूत्र ने आगे बताया कि आरोपियों के खिलाफ ऐसे सबूत है जो साबित करते है कि उन्होंने एक बना बनाया साजिश को अंजाम दिया. इसके अलावा, बैंक खाते के डिटेल से पता चला कि कैसे आज़ाद ने कहानी रचने के लिए दिल्ली में एक रिपोर्टर को भी बुलाया था. उसके (महिला के) पिछले रिकॉर्ड से पता चलता है कि उसने दो बार दिल्ली में इन पुरुषों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन बाद में ये पता चलता था कि ये संपत्ति से संबंधित मामला है.

(अनुवाद | संपादन: अलमिना खातून)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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