उडुपी: कांग्रेस नेता सुरैया अंजुम ने इस बात से इनकार किया है कि तटीय कर्नाटक की स्वयंभू संघ नेता चैथरा कुंडापुरा ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी से पहले उडुपी में उनके घर में शरण ली थी. उन्होंने ऐसा दावा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है.
दिप्रिंट से बात करते हुए सुरैया ने कहा कि वो दोनों दोस्त हैं, लेकिन लगातार संपर्क में नहीं थे.
अंजुम ने बुधवार को कहा, “मैं कुछ मीडिया (प्रतिष्ठानों) के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर रही हूं. मैं इसका इंतज़ार कर रही हूं और फिर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करूंगी.”
कुंडापुरा और उसके छह सहयोगियों को बेंगलुरु पुलिस ने 12 सितंबर को उडुपी से गिरफ्तार किया था. उस समय, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया था कि कुंडापुरा अंजुम के आवास पर छिपी थी.
ये गिरफ्तारियां 8 सितंबर को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पदाधिकारी गोविंदा बाबू पुजारी की पुलिस शिकायत के बाद हुईं, जिसमें कुंडपुरा पर इस साल के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के टिकट के वादे पर 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था.
एफआईआर जिसे दिप्रिंट ने भी देखा है — संदिग्धों पर आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 419 और 420 (धोखाधड़ी), 170 (एक लोक सेवक का रूप धारण करना), 506 (आपराधिक धमकी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
कुल मिलाकर, एफआईआर में उल्लिखित आठ लोगों, जिनमें अबिनावा हलश्री स्वामी नामक एक संत भी शामिल हैं, को बेंगलुरु की केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने गिरफ्तार कर लिया है.
दिप्रिंट से बात करते हुए अंजुम ने कहा कि उनकी मां उडुपी में रहती थीं, जबकि वो मंगलुरु की रहने वाली थीं. उन्होंने कहा, “7 सितंबर को उन्होंने (पुलिस और मीडिया से) कहा कि चैथरा कुंडापुरा सात दिनों से मेरे घर में छिपी थी, लेकिन मामला 8 सितंबर को दर्ज किया गया.”
उपरोक्त पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि आधिकारिक शिकायत दर्ज होने से पहले कुंडापुरा अंजुम के घर पर छिपी थी.
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि (मामले में) मेरा नाम क्यों आया है. कांग्रेस में किसी ने भी मुझसे इसके बारे में नहीं पूछा. यह कहते हुए कि वो गर्भवती हैं, उन्होंने आश्चर्य जताया कि उन्हें “लक्षित क्यों किया जा रहा है” या “पुलिस उनसे पूछताछ करने की कोशिश क्यों कर रही है”.
उडुपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमृत शेनॉय ने दिप्रिंट को बताया कि “किसी ने भी सुरैया पर यह आरोप नहीं लगाया है कि वो भी इस सौदे का हिस्सा थीं”.
शेनॉय ने कहा, “उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही पुलिस ने उन्हें कोई नोटिस दिया है. पुलिस ने तो बयान तक लेने की ज़हमत नहीं की. एक दोस्त (चैथरा कुंडापुरा की) के रूप में वो (अंजुम) संपर्क में थीं, लेकिन यह कोई अपराध नहीं है क्योंकि वो नहीं जानती कि चैथरा ऐसे घोटालों में माहिर है.”
पुलिस ने अपने दावे को सही ठहराने के लिए दोनों महिलाओं के बीच दोस्ती का हवाला दिया है कि कुंडापुरा अंजुम के उडुपी घर में छिपी थी. उन्हें अभी तक पूछताछ के लिए नोटिस नहीं दिया गया है.
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‘दोस्त, लेकिन लगातार संपर्क में नहीं’
टीवी और सोशल मीडिया पर चैथरा कुंडापुरा की गिरफ्तारी के दृश्यों से पता चलता है कि उसे प्रसिद्ध कृष्ण मठ के सामने के प्रांगण से हिरासत में लिया गया, जब वो मठ के अंदर भागने की कथित कोशिश कर रही थी.
अंजुम ने कहा कि कुंडापुरा एक दोस्त और पूर्व सहयोगी थी, उन्होंने कहा कि दोनों ने लगभग पांच साल पहले एक स्थानीय टीवी चैनल के लिए काम किया था.
गिरफ्तारी से पहले कुंडापुरा भड़काऊ भाषण देने के लिए जानी जाती थी. इन वर्षों में उन्होंने प्रमुख संतों, भाजपा और संघ परिवार के नेताओं के साथ मंच साझा किया है, जिससे यह पता चलता है कि उसके मजबूत राजनीतिक संबंध हैं. उसने कथित तौर पर पुजारी को धोखा देने के लिए अपने कथित संबंधों की इस धारणा का इस्तेमाल किया.
कुंडपारा के साथ अपनी दोस्ती के बारे में बोलते हुए, अंजुम ने कहा, “हम कभी भी विचारधाराओं के बारे में बात नहीं करते हैं और हम लगातार संपर्क में नहीं हैं. जब हम बोलते हैं, तो यह कभी भी हमारी राजनीति या विचारधारा के बारे में नहीं होता है.”
उन्होंने कहा, “सिर्फ इसलिए कि संघ परिवार के सदस्य मंच पर नफरत फैलाते दिखते हैं मैं और मेरे जैसे अन्य लोग पूरे दिन उनसे नफरत नहीं कर सकते.”
उन्होंने कहा, “भले ही मैं उनकी विचारधारा का विरोध करती हूं, लेकिन मानवतावाद नाम की भी कोई चीज़ होती है.” यह याद करने में असफल रहने पर कि वो आखिरी बार कुंडापारा से कब मिली थी, अंजुम ने कहा कि “काफी समय” बीत गया.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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