भोपाल: चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में कांग्रेस विवादास्पद ‘चमत्कारी बाबा’ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गर्ग (26) की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश कर रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में राज्य कांग्रेस इकाई, उनके गृह जिले छिंदवाड़ा में 5 से 7 अगस्त तक शास्त्री का तीन दिवसीय कथावाचन (प्रवचन) कार्यक्रम का आयोजन कर रही है.
इस कार्यक्रम के लिए शास्त्री की करीब 500 लोगों की टीम 4 अगस्त को छिंदवाड़ा पहुंचने की उम्मीद है. कांग्रेस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि कथावचन शाम 4 बजे से 7 बजे के बीच आयोजित होने वाला है, और इसमें कमलनाथ और उनके बेटे और छिंदवाड़ा से सांसद नकुल नाथ भी शामिल होंगे. कार्यक्रम के लिए छिंदवाड़ा के सिमरिया गांव में विशाल पंडाल बनाया जा रहा है.
हालांकि, कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से एक धार्मिक कार्यक्रम है. यह राज्य में विधानसभा चुनाव होने से कुछ महीने पहले होने जा रहा है.
क्लीन शेव और अक्सर धूप का चश्मा पहने नजर आने वाले शास्त्री अपने भक्तों के दिमाग को पढ़ने, कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज करने और झाड़-फूंक करने जैसी चमत्कारी शक्तियों के अपने दावों से लोगों की भारी भीड़ को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी, शास्त्री ने हिंदू देवता राम के साथ खुद का संबंध होने का दावा किया है और अक्सर ‘हिंदू राष्ट्र’ की मांग उठाते रहते हैं. वह अपने आश्रम में ‘घर वापसी (हिंदू धर्म में दोबारा वापसी)’ का अभियान भी चलाते रहते हैं. साथ ही उन्होंने महिलाओं के बारे में कई बार विवादास्पद टिप्पणी भी की हैं.
2020 में लॉकडाउन के दौरान टीवी पर उनका प्रवचन पहली बार प्रसारित हुआ जिसके बाद उनकी लोकप्रियता नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई. उन्हें मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों का समर्थन मिल रहा है.
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने जनवरी में उनके समर्थन में एक प्रदर्शन किया था और जबकि राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें “बब्बर शेर” कहा था.
शास्त्री के आश्रम का दौरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा भी कर चुके हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने भी इस फरवरी में शास्त्री से उनके आश्रम में मुलाकात की थी. वह वहां करीब दो घंटे रुके और सूत्रों से पता चला है उन्होंने उनसे आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के लिए समर्थन मांगा.
उस समय, कांग्रेस ने बागेश्वर धाम की यात्रा का कारण कमलनाथ की हिंदू देवता हनुमान के प्रति भक्ति को बताया, साथ ही शास्त्री ने भी खुद को हनुमान भक्त के रूप में बताया.
एक कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “कमलनाथ ने अपनी फरवरी की यात्रा के दौरान ही शास्त्री को कथावाचन के लिए आमंत्रित किया होगा.”
कथावचन कार्यक्रम राज्य में कांग्रेस द्वारा आयोजित कई धार्मिक आयोजनों के बाद हो रहा है. जबकि बीजेपी ने कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का उपयोग करने का आरोप लगाया है. कमलनाथ ने भी कई बार खुद को एक कट्टर हिंदू बताया है और कहा है कि हिंदू धर्म पर बीजेपी का एकाधिकार नहीं है.
इस मामले को लेकर टिप्पणी के लिए जब दिप्रिंट ने कांग्रेस के मध्य प्रदेश मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि कथावाचन एक धार्मिक आयोजन है जिसे चुनाव के मद्देनजर नहीं देखा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी ऐसे कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए हैं.
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तैयारियां जोरों पर
छिंदवाड़ा चार दशकों से अधिक समय से कमलनाथ का गढ़ रहा है. 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जिले की सभी आठ सीटों के साथ-साथ 2022 के शहरी चुनावों में मेयर सीट पर भी जीत हासिल की थी.
2019 में, जब बीजेपी ने राज्य की 29 संसदीय सीटों में से 28 पर जीत हासिल की, तो छिंदवाड़ा एकमात्र सीट थी जिसपर कांग्रेस का झंडा लहराया था.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक धीरेंद्र शास्त्री के कथावाचन की तैयारी की निगरानी खुद कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ कर रहे हैं.
सिमरिया गांव छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 70 किमी दूर स्थित है. सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम के लिए 12 एकड़ का भूखंड एक महीने के लिए पट्टे पर दिया गया है.
यह स्थान 108 फुट की हनुमान प्रतिमा के करीब है जिसे कमलनाथ ने एक मंदिर के साथ-साथ एक व्यक्तिगत पहल के रूप में बनवाया था.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम में करीब 3 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.
इसके अलावा, कार्यक्रम में छात्रों को उनके धार्मिक ज्ञान का परीक्षण करने के लिए एक प्रतियोगिता का भी आयोजित किया जाएगा और कथावाचन के दौरान प्रत्येक ब्लॉक से 10 छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा.
कांग्रेस कार्यकर्ता गुंजन शुक्ला और उनके साथ काम करने वाली एक टीम ने सोमवार को छिंदवाड़ा के 5.5 लाख परिवारों में से प्रत्येक को पीले चावल और पर्चे बांटना शुरू किया और उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया. शुक्ला ने महिलाओं और लड़कियों को पीले कपड़े पहनने और कथावाचन कार्यक्रम शुरू होने से एक दिन पहले 4 अगस्त को निकाली जाने वाली कलश यात्रा में बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया.
कांग्रेस के धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ के जिला प्रभारी और कांग्रेस से संबधित धार्मिक संस्था मारुतिनंदन सेवा समिति के संयोजक आनंद बख्शी इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे हैं.
दिप्रिंट से बात करते हुए बख्शी ने कहा, “यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. यह छिंदवाड़ा के लोगों के लिए मारुतिनंदन सेवा समिति द्वारा आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम है. प्रत्येक धार्मिक व्यक्ति का, चाहे उनकी विचारधारा कुछ भी हो, स्वागत है. यदि कोई भी बीजेपी कार्यकर्ता इस धार्मिक आयोजन में भाग लेने के लिए आता है, तो हम खुले दिल से उनका स्वागत करेंगे.”
उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में कांग्रेस द्वारा आयोजित यह पहला ऐसा धार्मिक आयोजन नहीं है.
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस ने अप्रैल 2018 में मुरारी बापू द्वारा का कथावचन कार्यक्रम, 2017 में अनूप जलोटा का एक भजन कार्यक्रम और हाल ही में 2022 में प्रसिद्ध भजन गायिका ऋचा शर्मा का एक भजन कार्यक्रम आयोजित किया था. ये राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हैं बल्कि लोगों की धार्मिक मान्यताओं के लिए आयोजित किए गए हैं.”
अप्रैल में, कांग्रेस ने भोपाल में पूरे मप्र के मंदिरों के पुजारियों के साथ एक धार्मिक चर्चा ‘धर्म संवत’ भी आयोजित की.
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व का रुख अपनाया था और पार्टी के घोषणापत्र में हर पंचायत में गौशाला, नर्मदा परिक्रमा (नदी की परिक्रमा) मार्ग और राम वन गमन पथ (देवता राम, सीता और लक्ष्मण द्वारा अपने निर्वासन के दौरान लिया गया मार्ग) के विकास का वादा किया गया था.
हालांकि, ऐसा लगता है कि पार्टी का यह कदम धीरे-धीरे रंग ला रहा है. पिछले महीने जारी सी-वोटर-एबीपी न्यूज जनमत सर्वेक्षण में, मध्य प्रदेश के 230 निर्वाचन क्षेत्रों के 44 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें कमल नाथ के हिंदुत्व पर भरोसा है, जबकि 41 प्रतिशत ने चौहान को वोट दिया.
कथावचन का उद्देश्य न केवल छिंदवाड़ा, बल्कि आसपास के जिलों बैतूल, सिवनी, देवास और हरदाम में भी हिंदू मतदाताओं को लुभाना है.
छिंदवाड़ा के एक कांग्रेस नेता ने कहा, “कांग्रेस लंबे समय से इस तरह के धार्मिक समारोह आयोजित करती रही है. ये राजनीतिक आयोजन नहीं हैं, ये नेताओं और नागरिकों की मजबूत धार्मिक आस्था के लिए आयोजित किए जाते हैं.”
उन्होंने कहा, “लेकिन यह निश्चित रूप से न केवल छिंदवाड़ा में बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में एक मजबूत राजनीतिक संदेश भेजेगा.”
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक अरुण दीक्षित ने कहा कि शास्त्री को आगे बढ़ाने का कांग्रेस का कदम उल्टा पड़ सकता है.
उन्होंने कहा, “धीरेंद्र शास्त्री बीजेपी समर्थक मुद्दे उठाते रहे हैं, चाहे वह हिंदू राष्ट्र का आह्वान हो या घर वापसी का. शास्त्री कोई सम्माननीय संत नहीं हैं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति हैं जो लड़कियों को ‘खोखली साजिश’ कहते हैं. कांग्रेस शास्त्री को बढ़ावा देकर सद्भावना अर्जित करने से अधिक नुकसान करेगी.”
(संपादनः ऋषभ राज)
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