नई दिल्ली : गुजरात हाईकोर्ट द्वारा राहुल गांधी की सजा पर रोक न लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम राहत पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई की जीत होनी ही थी. मैं जानता हूं कि मुझे क्या करना है, मेरा रास्ता क्लीयर है. वहीं राहुल की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है.
उन्होंने शुक्रवार के ये बातें कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे सत्य की, संविधान और लोकतंत्र की जीत बताया. उन्होंने कहा कि इससे फैसले से साबित होता है कि संविधान अभी जिंदा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर रोक के बाद देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया.
गुजरात हाईकोर्ट द्वारा मानहानि मामले में सज़ा पर रोक लगाने से इनकार के बाद राहुल गांधी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा, “आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसो सच्चाई की जीत होती ही है. मुझे अपना लक्ष्य पता है. मैं जानता हूं कि मुझे क्या करना है. जिन लोगों ने हमारी मदद की, जनता ने प्यार और सपोर्ट दिया उसके लिए मैं बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं.”
खरगे बोले- संविधान जिंदा है
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “आज हमें बड़ा खुशी का दिन लग रहा है कि डिमेक्रेसी की, संविधान की जीत हो गई. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, अभी संविधान जिंदा है और न्याय मिल सकता है. ये इसका एक बड़ा उदाहरण है.”
खरगे ने कहा, “यह सिर्फ राहुल गांधी जी की नहीं, भारत की जनता की जीत है. राहुल गांधी जी सच्चाई और देशहित के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4 हजार किमी ज्यादा चलकर सभी लोगों से मिले हैं, उन सबकी दुआएं हमारे साथ हैं.”
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी जी को डिसक्वालीफाई करने में सिर्फ 24 घंटे लगाए गए थे, अब देखना है कि उन्हें रीइन्स्टेट कब करते हैं. यह लोगों की जीत है, वोटरों की जीत है. वायनाड की जनता की जीत है.”
लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “जिस वक्त हमने सुना कि राहुत गांधी जी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है, हमारे बीच खुशी की लहर दौड़ गई. यह खबर सुनते ही हम सदन में चेयरमैन के पास गए और उनसे राहुल गांधी जी पर लगी पाबंदियां हटा कर जल्द से जल्द सदन में बुलाने की बात की.”
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‘फिर चलेगी सवालों की आंधी, जब लौटेंगे संसद में गांधी’
वहीं शीर्ष अदालत में पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “निचली अदालतों ने बार-बार कहा कि राहुल गांधी जी माफी मांगें, क्योंकि कुछ लोगों को इस मुद्दे पर राजनीति करनी थी. वहीं राहुल गांधी जी ने कहा कि वो सिद्धांतों पर लड़ रहे हैं, उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था.आखिर में लोकतंत्र की जीत हुई.”
उन्होंने कहा, “फिर से चलेगी सवालों की आंधी, जब संसद में लौटेंगे राहुल गांधी.”
सिंघवी ने कहा कि अब हम संसद में बड़ी उत्सुकता के साथ जनता से जुड़े मुद्दों पर राहुल गांधी जी की बुलंद आवाज सुनने को तैयार हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश दिया और ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है. इसके रोक के बाद अब राहुल गांधी फिर से संसद जा सकेंगे.
इस फैसले से खुश होते हुए कांग्रेस ने कहा, ‘‘यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है. सत्यमेव जयते – जय हिंद.’’
सर्वोच्च अदालत ने सज़ा पर रोक लगाते हुए कहा, ‘‘निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सज़ा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की ज़रूरत है.’’
अदालत ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है. जैसा कि इस कोर्ट ने अवमानना याचिका में उनके हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा, उन्हें (राहुल गांधी) अधिक सावधान रहना चाहिए था.’’
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं.
कोर्ट ने कहा, ‘‘इससे न केवल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ.’’
वहीं, राहुल गांधी की तरफ से पेश हो वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल सरनेम ‘‘मोदी’’ नहीं है और उन्होंने बाद में यह अपने नाम के साथ जोड़ा है.
‘सूर्य, चंद्रमा और सच्चाई कभी नहीं छुपते’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने शीर्ष अदालत के इस रोक के बाद ट्वीट कर कहा, “तीन चीजें ज्यादा देर तक छुप नहीं सकतीं: सूर्य, चंद्रमा और सच्चाई.”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “न्याय मिल गया है. लोकतंत्र की जीत हुई है. संविधान को बरकरार रखा गया है. गांधी के खिलाफ भाजपा की साजिशपूर्ण प्रताड़ना पूरी तरह से उजागर हो गई है.”
वहीं खरगे ने कहा कि उनके लिए विपक्षी नेताओं को दुर्भावनापूर्ण निशाना बनाना बंद करने का समय आ गया है. अब समय आ गया है कि वे लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का सम्मान करें और देश पर शासन करना शुरू करें, जिसमें वे पिछले 10 वर्षों में बुरी तरह विफल रहे हैं.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “आज़ न्याय के चौखट पर सच्चाई की ताकत से, करोड़ों देशवासियों के हौसलों और उम्मीदों की जीत हुई! डरपोक तानाशाह’ की लाख कोशिशों और साजिशों के बावजूद, देश के लोकतंत्र और संविधान के सच्चे रखवाले की जीत हुई.”
बता दें कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सज़ा सुनाई थी.
फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.
किसी से नहीं डरते
मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक के बाद कांग्रेस ने राहुल के पक्ष में एक के बाद एक ट्वीट किया, सच बोलने वाले किसी से नहीं डरते… डरो मत.
कांग्रेस ने एक और ट्वीट कर कहा, यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है.
फैसले के बाद राहुल गांधी अब संसद भी जा सकेंगे, इसी पर ट्वीट करते हुए कांग्रेस ने कहा, “आ रहा हूं… सवाल जारी रहेंगे…”
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