नई दिल्ली: कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगले महीने होने वाली बैठक में पांच प्रतिशत के कर स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किए जाने की संभावना के बीच सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अब जनता की जेब काटने का नया तरीका अपनाने की तैयारी कर रही है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘अब 1,50,000 करोड़ रुपये की कर वसूली की तैयारी! मोदी सरकार जीएसटी दर 5 प्रतिशत से 8 प्रतिशत बढ़ा कर अब लोगों की जेब काटने का नया तरीक़ा तैयार कर रही है.’
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Preparing to impose New Taxes of ₹1,50,000CR!Items that will be expansive by increase in GST slab from 5% to 8%?
18. Tour Operator Services
19. Kites
20. Fly Ash Blocks for Houses/Buildings…. and many more! pic.twitter.com/vMgT2JcoYL— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 18, 2022
उन्होंने दावा किया कि जीएसटी दर बढ़ने से मसाले, तेल, चाय-कॉफ़ी, चीनी, मिठाई, कोयला, बायो गैस, किसान की खाद, जीवन रक्षक दवाइयां, 1000 रुपये तक के जूते-चप्पल, अगरबत्ती, बुज़र्गों की छड़ी, सुनने की कान की मशीन, नेत्रहीनों की घड़ी, क़ालीन और कई अन्य वस्तुएं एवं सेवाएं महंगी हो जाएंगी.
Preparing to impose New Taxes of ₹1,50,000 CR!
Modi Govt finds new ways to fleece Indians by increasing #GST slab from 5% to 8%
Items that will be more expansive by increase in GST slab from 5% to 8%?
1. GOODS –
• Spices
• Chapati
• Oil
• Tea-Coffee
• Sugar
• Sweets
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सुरजेवाला ने कहा, ‘जीएसटी दर बढ़ने से पहले ही लोग महंगाई के बोझ से कराह रहे हैं, थोक खुदरा महंगाई मार्च महीने में 14.55 प्रतिशत की अप्रत्याशित ऊंचाई छू रही है, पेट्रोल-डीज़ल-रसोई गैस-सीएनजी-पीएनजी ने कमर तोड़ दी है, नींबू-हरी मिर्च-सब्ज़ी खाना सपना हो गया है,कितना और निचोड़ेंगे देश की जनता को ?’
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GST दर 5% से 8% बढ़ाने से पहले ही लोग महंगाई के बोझ से कराह रहे हैं,थोक खुदरा महंगाई मार्च महीने में 14.55% की अप्रत्याशित ऊँचाई छू रही है,
पेट्रोल-डीज़ल-रसोई गैस-CNG-PNG ने कमर तोड़ दी है,
नींबू-हरी मिर्च-सब्ज़ी खाना सपना हो गया है,
कितना और निचोड़ेंगे देश की जनता को ? pic.twitter.com/F3EP3CHlO8
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 18, 2022
गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की अगले महीने होने वाली बैठक में पांच प्रतिशत के कर स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है.
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके स्थान पर कुछ अधिक खपत वाले उत्पादों को तीन प्रतिशत और शेष को आठ प्रतिशत के स्लैब में डाला जा सकता है. ज्यादातर राज्य राजस्व बढ़ाने को लेकर एकराय रखते हैं ताकि उन्हें मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना पड़े.
फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं. इसके अलावा, सोने और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत कर लगता है.
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