देहरादून: बेरोज़गार युवाओं को वित्तीय भत्ता मुहैया कराने के लिए, एक न्याय स्कीम और साथ में 4 लाख नए रोज़गार, सरकारी रोज़गार में महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण, एक नया भूमि क़ानून, तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाएं और एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम 500 रुपए से कम रखने का वादा- ये हैं कुछ संकल्प जो कांग्रेस ने उत्तराखंड असेम्बली चुनावों के लिए अपने चुनाव घोषणा पत्र में लिए हैं, जो 14 फरवरी को होने हैं.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने, बुधवार को देहरादून में पार्टी के सभी गुटों के नेताओं की मौजूदगी में, ‘उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञान’ के शीर्षक से, 60 से अधिक पन्नों का चुनाव घोषणापत्र जारी किया.
पार्टी ने एलपीजी सिलेंडर की क़ीमतों पर, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के संकल्प को दोहराया, जिसे वो एक महीने से अधिक से व्यक्त करते आ रहे हैं, और साथ में बिजली की मुफ्त 300 यूनिट का भी वादा कर रहे हैं. पार्टी के प्रचार में रावत को एक केंद्रीय भूमिका में रखा गया है.
इस अवसर पर बोलते हुए प्रियंका ने कहा, ‘कांग्रेस एलपीजी सिलेंडर के दाम 500 रुपए से ऊपर नहीं जाने देगी. अगर आपके लिए उसकी क़ीमत 1000 रुपए आती है, तो बक़ाया का भुगतान कांग्रेस सरकार करेगी, लेकिन लोगों को उससे ज़्यादा का भुगतान नहीं करना पड़ेगा’.
जैसा कि दिप्रिंट ने ख़बर दी थी, चुनाव घोषणा पत्र में राज्य में बेरोज़गारी से निपटने की कोशिश की गई है. प्रियंका ने कहा, ‘हमारी सरकार उत्तराखंड के लोगों को 4 लाख नौकरियां भी उपलब्ध कराएगी, और सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण रखा जाएगा, ठीक उसी तरह जैसा हमने उत्तर प्रदेश में वादा किया है. इसके अलावा, राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए एक विशेष टूरिज़्म पैकेज भी लाया जाएगा’.
घोषणा पत्र में समाज के अलग-अलग वर्गों को फायदा पहुंचाने के लिए, 21 प्रकार की पेंशन स्कीमें शुरू करने, और राज्य के हर पोस्ट ग्रेजुएट छात्र के लिए 5 लाख के क्रेडिट कार्ड की भी बात की गई है.
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बेरोज़गार युवकों के लिए ‘न्याय’
‘न्याय’ स्कीम के ज़रिए कांग्रेस घोषणा पत्र में, ऐसे युवा लोगों के लिए आर्थिक भत्ते का वादा किया गया है, जो तीन साल से ज़्यादा समय से बेरोज़गार रहे हैं.
इसे 2019 आम चुनावों के पार्टी घोषणा पत्र के संकल्प से लिया गया है. प्रस्तावित न्यूनतम आय योजना (न्याय) में एक क़ानून का वादा किया गया था, जिसके तहत कांग्रेस 72,000 रुपए सालाना तक, ऐसे भारतीय परिवारों को नक़द वितरित करेगी, जो आय के मामले में सबसे निचले 20 प्रतिशत में आते हैं.
छत्तीसगढ़ में, जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस 2018 से सत्ता में है, सरकार ने 2020 में किसानों के लिए इसी तरह की स्कीम बनाई थी. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है, जो सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाती है.
उत्तराखंड में पार्टी नेताओं के अनुसार, घोषणापत्र में प्रस्तावित नई स्कीम छत्तीसगढ़ के कार्यक्रम की तरह ही होगी, बस इसमें लक्षित लाभार्थी अलग होंगे.
तीर्थ यात्रियों के लिए संपर्क
घोषणा पत्र में तीनों धार्मिक समूहों- हिंदुओं, मुसलमानों तथा सिखों के लिए कुछ न कुछ मौजूद है.
कांग्रेस ने एक अभियान का वादा किया है, जिसमें राज्य के चार धाम हिंदू तीर्थ स्थलों- गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ- को प्लास्टिक-मुक्त बनाया जाएगा, जिसके लिए प्लास्टिक बोतलों और कंटेनर्स के इस्तेमाल को हतोत्साहित किया जाएगा. इसमें तीर्थ यात्रियों के लिए आरओ पानी उपलब्ध कराने का भी वादा किया गया है.
पार्टी ने ये भी बीड़ा उठाया है कि हरिद्वार-स्थित एक मशहूर इस्लामिक केंद्र पीरान कलियर शरीफ, और चमोली में सिखों के हेमकुत साहिब गुरुद्वारे को, अंतर्राष्ट्रीय तीर्थ स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा.
इसके अलावा, इसमें ये भी वादा किया गया है कि उत्तराखंड के मदरसों में औपचारिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, और मदरसा छात्रों को स्पेशल ब्रिज कोर्स मुहैया कराए जाएंगे, ताकि उन्हें विश्वविद्यालयों में पढ़ने में सहायता मिल सके.
हेलिकॉप्टर्स बनाम गन्ना
घोषणा पत्र जारी करने से पहले प्रियंका गांधी ने देहरादून से एक वर्चुअल रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के इस्तेमाल के लिए, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कथित रूप से दो विमानों की ख़रीद का मज़ाक़ उड़ाया. हालांकि कांग्रेस ने इस तरह के आरोप पहले भी लगाए हैं, लेकिन उन दावों की पुष्टि नहीं हुई है.
उन्होंने कहा, ‘देशभर के गन्ना किसानों का 14,000 करोड़ रुपए बक़ाया है, लेकिन केंद्र सरकार उसके भुगतान की इच्छुक नहीं है. दूसरी तरफ उन्होंने प्रधानमंत्री के निजी इस्तेमाल के लिए, 16,000 करोड़ रुपए क़ीमत के दो हेलिकॉप्टर ख़रीदे हैं’.
उन्होंने आगे कहा, ‘इस पैसे से आसानी के साथ किसानों के बक़ाया का भुगतान किया जा सकता था. दुखद है कि कोई मीडिया इसे लोगों की जानकारी में नहीं लाना चाहता’.
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