नई दिल्ली: कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का माइक बंद कर दिया गया और उन्हें संसद में मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग पर बोलने से रोका गया.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मुझे संसद में बोलने नहीं दिया गया. मेरा माइक बंद कर दिया गया, जो मेरे विशेषाधिकार का हनन है.”
उन्होंने कहा कि ये मेरा अपमान है. मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई गई है. अगर सरकार के इशारे पर सदन चला तो मैं समझूंगा कि लोकतंत्र नहीं है.
खरगे ने कहा, मैं अपने मुद्दे सदन के सामने रख रहा था, और जब 50 लोगों ने 267 पर नोटिस दिए , मुझे संसद में बोलने का मौका भी नहीं मिला.
मैं अपने मुद्दे सदन के सामने रख रहा था, और जब 50 लोगों ने 267 पर notice दिए , मुझे संसद में बोलने का मौका भी नहीं मिला। ठीक है।
लेकिन कम से कम जब मैं बोल रहा हूँ तो मेरा माइक बंद कर दिया गया, ये मेरे privilege को धक्का है।
ये मेरा अपमान हुआ है। मेरे self-respect को उन्होंने… pic.twitter.com/nKpGX80AwC
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 26, 2023
बता दें कि मणिपुर पर चर्चा के लिए सदन में पीएम की मौजूदगी की मांग कर रहे विपक्षी सांसद लगातार नारेबाजी कर रहे है जिस कारण लोकसभा एवं राज्यसभा को लगातार स्थगित किया जा रहा है.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया.
इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव दाखिल दिया है लेकिन प्रधानमंत्री के उपर भारत की जनता का विश्वास है. उन्होंने(विपक्ष) पहले भी यह किया था और लोगों को इन्हें जो सबक सिखाना था वह सिखा दिया.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, “उन्हें(विपक्ष) अविश्वास प्रस्ताव लाने दीजिए. हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं. हम तो चाहते हैं कि मणिपुर पर चर्चा हो.”
बता दें कि विपक्षी दलों ने बुधवार को भी राज्यसभा में अपनी मांग उठाई और नियम 267 के तहत मणिपुर हिंसा पर चर्चा पर जोर दिया.
विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मंगलवार को विपक्ष के नेता मल्लकार्जुन खरगे का माइक्रोफोन कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था, और उन्हें बोलने से रोका गया.
सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के नेता पीयूष गोयल और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे दोनों से अपने सदस्यों को सदन में शिष्टाचार बनाए रखने के लिए मनाने को कहा. नारेबाजी जारी रहने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
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