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Monday, 4 November, 2024
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सिंधिया के इस्तीफे पर कांग्रेसी नेताओं का पलटवार, यशोधरा राजे ने बताया ‘घर वापसी’

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सिंधिया के इस्तीफे पर कहा, 'पार्टी के लिए नुकसान है और मुझे नहीं लगता कि मध्यप्रदेश में हमारी सरकार बचेगी. भाजपा की यही राजनीति है. विपक्ष की सरकारों को घेरना.'

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नई दिल्ली: ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी शुरू हो गई है. एक तरफ भाजपा से जुड़े लोग सिंधिया के इस फैसले को देशहित और राष्ट्र को सर्वोपरि रखने से जोड़कर देख रहे हैं तो कांग्रेसी नेता इतिहास की याद दिला रहे हैं. कुछ कांग्रेसी नेता तो गद्दार जैसे शब्द का इस्तेमाल भी कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस पार्टी की सीनियर लीडरशिप की तरफ से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है.

लेकिन इसी बीच अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘पार्टी के लिए नुकसान है और मुझे नहीं लगता कि मध्यप्रदेश में हमारी सरकार बचेगी. भाजपा की यही राजनीति है. विपक्ष की सरकारों को घेरना.’

भाजपा नेता और ज्योतिरादित्य की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा, ‘मैं उनके लिए काफी खुश हूं. यह ‘घर वापसी’ है. माधवराव सिंधिया ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनसंघ से की थी. ज्योतिरादित्य को कांग्रेस में नज़रअंदाज किया जा रहा था.’

मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके अरूण यादव भी लगातार सिंधिया पर लगातार हमला कर रहे हैं. यादव ने ट्वीट कर कहा है, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है. सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी.’

लोग मध्य प्रदेश में लगे इस करंट के तार राजस्थान से भी जोड़कर देख रहे हैं. कहा जा रहा है कि इसके बाद राजस्थान कांग्रेस में यही होने वाला है. कई लोग लिख रहे हैं कि सिंधिया से ज्यादा नजर अब सचिन पायलट पर है.


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सिंधिया के इस्तीफे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जब भाजपा देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक संरचना और न्यायपालिका को खत्म करने पर तुली हुई है तो ऐसे समय में भाजपा से हाथ मिलाना स्वार्थ की राजनीति को दर्शाता है. सिंधिया ने जनता के भरोसे और विचारधारा को धोखा दिया है और ऐसे लोग सिर्फ सत्ता के भूखे होते हैं. ऐसे लोग जितनी जल्दी पार्टी को छोड़ दें, वो उतनी ही बेहतर बात है.’

वहीं राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए लिखा है, ‘मुझे उन लोगों पर हैरानी हो रही है जिन्हें कांग्रेस से जुड़े गांधी परिवार के सरनेम से आपत्ति होती थी. वही लोग आज सिंधिया के इस्तीफे को पार्टी के लिए बड़ा झटका बता रहे हैं. सच्चाई ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जनता के नेता के तौर पर और कुशल प्रशासक के तौर पर बहुत अच्छे नहीं हैं.’

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