scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमराजनीतिथरूर का मोदी सरकार पर निशाना, कहा- घरेलू मामलों को हल करने में G20 जैसी भावना नहीं दिखती

थरूर का मोदी सरकार पर निशाना, कहा- घरेलू मामलों को हल करने में G20 जैसी भावना नहीं दिखती

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह दुख की बात है कि जी20 में जो समायोजन की भावना दिखी, वह भारतीय राजनीति में अनुपस्थित है.

Text Size:

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने केंद्र पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि ‘दिल्ली घोषणापत्र’ (दिल्ली डिक्लेरेशन) पर आम सहमति बनाने के लिये जिस तरह से प्रयास किये गए, अफसोस की बात है कि घरेलू मामलों को सुलझाने में सरकार की ओर से सुलह व सहयोग की वैसी भावना नहीं दिखती.

उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि जी20 में जो समायोजन की भावना दिखी, वह भारतीय राजनीति में अनुपस्थित है.

एक साक्षात्कार में, रूस-यूक्रेन संघर्ष पर पैराग्राफ पर आम सहमति बनाने संबंधी जी20 शेरपा अमिताभ कांत की टिप्पणियों को टैग करते हुए थरूर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किये गए पोस्ट में तंज किया, ‘‘बहुत खूब अमिताभ कांत. ऐसा लगता है कि जब आपने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का चयन किया था, तब भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) ने एक उत्कृष्ट राजनयिक खो दिया था.’’

थरूर ने शनिवार रात किये पोस्ट में कहा, ‘‘घोषणापत्र पर आम सहमति को लेकर भारत के जी20 शेरपा का कहना है कि रूस, चीन से बातचीत की गई, गत रात ही अंतिम मसौदा मिला. जी20 में भारत के लिए गर्व का क्षण.’’

कांत के एक शुरूआती पोस्ट को टैग करते हुए थरूर ने रविवार को ‘एक्स’ पर कहा कि अफसोस की बात है कि सरकार घरेलू मुद्दों का समाधान करने में सुलह और सहयोग का यही रुख नहीं अपनाती है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जी20 के किसी भी कार्यक्रम, स्वागत समारोह, रात्रिभोज आदि में विपक्ष के नेता और वास्तव में किसी भी विपक्षी सांसद को आमंत्रित करने में विफल रहना मेरी बात को रेखांकित करती है. कोई भी अन्य लोकतंत्र इस तरह के वैश्विक मंच पर अपने ही सांसदों की इस तरह से उपेक्षा नहीं करेगा.’’

थरूर ने कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि जी20 में समायोजन की जो भावना थी, वह भारतीय राजनीति में नहीं है!’

भारत ने शनिवार को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल करते हुए, रूस-यूक्रेन युद्ध पर काफी मतभेदों के बावजूद जी20 शिखर सम्मेलन में आम सहमति से घोषणापत्र स्वीकार किया.

कांत ने रविवार को कहा कि यहां शिखर सम्मेलन में अपनाए गए घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों के एक दल ने 200 घंटे से भी अधिक समय तक लगातार बातचीत की.


यह भी पढ़ें : प्रियंका गांधी ने G20 को लेकर साधा निशाना, PM Modi को बताया अहंकारी


 

share & View comments