scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीतिकुमारी शैलजा ने कहा- पार्टी में अब कोई लड़ाई नहीं, मिलकर लड़ेंगे हरियाणा विधानसभा का चुनाव

कुमारी शैलजा ने कहा- पार्टी में अब कोई लड़ाई नहीं, मिलकर लड़ेंगे हरियाणा विधानसभा का चुनाव

कुछ दिन पहले ही सोनिया गांधी ने हरियाणा कांग्रेस की भीतरी लड़ाई को शांत करते हुए कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएलपी लीडर बनाया है.

Text Size:

नई दिल्ली : दिल्ली के सफदरजंग लेन के सरकारी आवास में हरियाणा के कार्यकर्ताओं से घिरी कुमारी शैलजा विधानसभा चुनाव की प्लानिंग में व्यस्त हैं. वो शुक्रवार को ही हरियाणा विधानसभा क्षेत्रों के दौरे से लौटी हैं. कुछ दिन पहले ही सोनिया गांधी ने हरियाणा कांग्रेस की भीतरी लड़ाई को शांत करते हुए कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएलपी लीडर बनाया है. इस पर कुमारी शैलजा कहना है कि इस फैसले के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में एक अलग तरह का जोश दिखाई दे रहा है.

कुमारी शैलजा हरियाणा की राजनीति में नई नहीं हैं. वो प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में तीन दशकों से हैं. कहा जा रहा है कि जातीय समीकरण दुरुस्त रखने के लिए हाईकमान ने ये जिम्मेदारियां सौंपी हैं. शैलजा रविदासिया समुदाय से आती हैं. हरियाणा में दलितों का वोट करीब 19 फीसदी है. दूसरी ओर शैलजा को प्रदेशाध्यक्ष बनाने के पीछे एक कारण उनकी सोनिया गांधी से नजदीकी भी बताया जाता है. मगर इसके इतर गुटबाजी के शिकार कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता ये भी कह रहे हैं कि कुमारी शैलजा का कोई जनाधार नहीं है. दिप्रिंट से हुई बातचीत में उन्होंने हरियाणा चुनाव को लेकर कई पहलुओं पर बात की.

भाजपा की तुलना में चुनावी प्रचार में देरी करने के सवाल पर वो कहती हैं, ‘लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में कई बदलाव आए. राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद अस्थिरता आ गई थी. राहुल हों या सोनिया गांधी, हमें दोनों की ही लीडरशिप से कोई दिक्कत नहीं है.’

वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने पिछले महीने चुनावी शंखनाद के लिए गृहमंत्री अमित शाह को बुलाया था जहां जिन्होंने अनुच्छेद 370 पर लोगों को लामबंद किया. उसके बाद 8 सिंतबर को रोहतक में नरेंद्र मोदी की रैली थी. भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दो बार हरियाणा आ चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का अभी तक चुनाव में शिरकत न करना कांग्रेस की कमजोर तैयारी की तरफ इशारा करता है.


यह भी पढ़ेंः सड़ रहे गेहूं की खबर दिखाई, ‘मंत्री’ के कहने पर हरियाणा पत्रकार पर केस दर्ज


इस पर शैलजा का कहना है, ‘हमारे नेताओं की इस तरह की दौड़ लगाने की जरूरत नहीं है. अभी हम प्लानिंग कर रहे हैं. हो सकता है राहुल गांधी भी आएं और सोनिया गांधी भी. लेकिन अभी बात चल रही है. कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है.’

एक तरफ जहां भाजपा ने मनोहरलाल खट्टर को सीएम पद का अनौपचारिक तौर पर उम्मीदवार घोषित किया हुआ है तो दूसरी तरफ हरियाणा कांग्रेस का ऐसा कोई चेहरा नहीं है. इस बात की तस्दीक खुद शैलजा करती हैं, ‘हम किसी को भी अपना सीएम उम्मीदवार नहीं घोषित करेंगे. चुनाव जीतने के बाद ही तय किया जाएगा.’

पिछले कार्यक्रमों में किरण चौधरी और अशोक तंवर के गायब रहने की बात पर वो कहती हैं, ‘ये बातें अब पुरानी हो गईं. हम सभी साथ हैं और मिलकर चुनाव लडे़ंगे. हमने दो विधानसभा क्षेत्रों को छोड़कर पूरा हरियाणा कवर कर लिया है. कल हुड्डा भिवानी जाएंगे तो किरण चौधरी भी वहीं होंगी.’

मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव में परफॉर्म करना कितना अहम है? इस पर शैलजा कहती हैं, ‘हमारे पास भाजपा की तरह मिशन 75 तो नहीं है लेकिन कई बार चुनाव विचारधारा के लिए भी लड़ा जाता है.’

‘मैं जब हरियाणा में घूम कर आई हूं तो और ज्यादा आत्मविश्वासी महसूस कर रही हूं. जैसा भाजपा मीडिया के सामने बातों को पेश कर रही है वैसा जमीन पर नहीं है.’

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में हरियाणा की दसों सीटों पर भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था तो 2014 के आम चुनाव में 7 सीटें हासिल की थी. उससे पहले हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने 47 सीटें लाकर राज्य में सरकार बनाई है. जबकि इससे पहले लगातार दो बार हरियाणा में भूपेंद्र सिहं हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी.

लोकसभा चुनाव की जीत को लेकर शैलजा कहती हैं, ‘लोकसभा की जीत विधानसभा में नहीं दोहराई जाएगी. विधानसभा में अलग मुद्दे होते हैं.’

share & View comments