scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमराजनीतिकांग्रेस नेता अजय माकन ने राजस्थान प्रभारी के पद से इस्तीफा दिया, पार्टी में अंतर्कलह से थे परेशान

कांग्रेस नेता अजय माकन ने राजस्थान प्रभारी के पद से इस्तीफा दिया, पार्टी में अंतर्कलह से थे परेशान

माकन के करीबी सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें अपना फैसला वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहे.

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अजय माकन ने पार्टी के राजस्थान प्रभारी के रूप में इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना यह इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखने के कुछ दिनों बाद दिया है जिसमें माकन ने लिखा था कि वह अब इस जिम्मेदारी को जारी नहीं रखना चाहते हैं.

खबरों के अनुसार, माकन राजस्थान पार्टी इकाई में चल रहे अंतर्कलह को लेकर परेशान चल रहे हैं. माकन, 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के समानांतर बैठक आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन वफादारों को कारण बताओ नोटिस देने के बाद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करने से नाराज हैं.

सूत्रों ने कहा कि इससे माकन परेशान थे क्योंकि कारण बताओ विधायक राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यात्रा का समन्वय कर रहे थे. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘राहुल गांधी की यात्रा आयोजित करने के लिए अजय माकन किस नैतिक अधिकार के साथ राजस्थान जाएंगे, अगर सीएलपी बैठक का मजाक उड़ाने वाले लोग ही इसका समन्वय कर रहे हैं?’

माकन के करीबी सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें अपना फैसला वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहे.

खड़गे के नाम माकन के पत्र को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य में युवा नेतृत्व को ‘मौका’ देने से इनकार करने से पैदा हुए संकट के खिलाफ पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा गया.

8 नवंबर को अपने पत्र में माकन ने लिखा था कि भारत जोड़ो यात्रा के प्रदेश में प्रवेश करने और राज्य विधानसभा उपचुनाव होने से पहले एक नए व्यक्ति को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.

उन्होंने लिखा, ‘मैं राहुल गांधी का सिपाही हूं. मेरे परिवार का पार्टी से दशकों पुराना नाता है.’

दरअसल, 25 सितंबर को तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर माकन और खड़गे ऑब्जर्वर के तौर पर जयपुर गए थे. तब अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की अटकले काफी तेज थी. उसी दौरान नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए विधायक दल की बैठक होनी थी लेकिन सचिन पायलट की उम्मीदवारी का विरोध करने वाले गहलोत समर्थकों ने बगावती सुर इख्तियार किए थे और मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे. आलाकमान संकटग्रस्त राज्य में इस घटनाओं से नाखुश था.

इसके बाद तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. गहलोत के सोनिया गांधी से माफी मांगने के बाद भी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि राजस्थान कांग्रेस पर अगले दो दिनों में फैसला लिया जाएगा. फिर भी विधायक दल की बैठक दोबारा नहीं हो सकी.

सूत्रों के मुताबिक, तमाम घटनाक्रमों से खफा माकन ने पद छोड़ने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक गहलोत समर्थकों के व्यवहार से आलाकमान नाखुश हैं लेकिन गहलोत फिलहाल गुजरात चुनाव के मुख्य पर्यवेक्षक हैं.

साथ ही वह इस समय राजस्थान सरकार के लिए कोई जोखिम पैदा नहीं करना चाहते हैं. माना जा रहा है कि राजस्थान संकट खड़गे के सांगठनिक कौशल की पहली बड़ी परीक्षा होगी.

अब उन्हें तय करना है कि सचिन को कमान सौंपने के लिए गहलोत को कैसे राजी करना है या सचिन को संभालकर गहलोत को बनाए रखना है. दूसरी ओर, उसके सामने 25 सितंबर को हुई ‘अनुशासनहीनता’ के मामले को सुलझाने की चुनौती भी है.


यह भी पढ़ें: कौन हैं बीजेपी और विपक्ष के पसंदीदा पत्रकार? रीट्वीट के स्टडी में उनकी पसंद सामने आई


share & View comments