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Tuesday, 5 November, 2024
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सोनिया गांधी ने हमास हमले की निंदा की, ‘फिलिस्तीनियों के अधिकारों’ पर कांग्रेस का रुख दोहराया

द हिंदू के लिए लिखे गए कॉलम में, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि इजरायली सरकार 'हमास के कार्यों को फिलिस्तीनी लोगों से जोड़कर बहुत बड़ी और गंभीर गलती कर रही है.'

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नई दिल्ली: कांग्रेस ने इजरायल पर हमास के हमले की निंदा की, साथ ही गाजा में इजराइली हवाई हमलों की भी निंदा की, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक के लिए एक कॉलम में लिखा. उनका कॉलम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा इस मुद्दे पर अपना रुख रखने के बाद आया है. इसके बाद पार्टी ने भी इसे आगे बढाया है.

द हिंदू के लिए अपने कॉलम में, सोनिया गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस का रुख “दीर्घकालिक” और “सैद्धांतिक” था. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन द्वारा गाजा में “तत्काल” युद्धविराम की मांग करने वाले प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने के सरकार के फैसले की भी आलोचना की.

उन्होंने लिखा, “…यह इज़रायल के साथ शांति से सह-अस्तित्व में फिलिस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र, व्यवहार्य और सुरक्षित राज्य के लिए सीधी बातचीत का समर्थन करना है. 12 अक्टूबर, 2023 को विदेश मंत्रालय द्वारा भी यही रुख अपनाया गया है.”

गांधी ने लिखा है कि यह “उल्लेखनीय है कि फिलिस्तीन पर भारत की ऐतिहासिक स्थिति की पुनरावृत्ति इजरायल द्वारा गाजा पर हमला शुरू करने के बाद ही हुई”.

हमास द्वारा हमले पर प्रधानमंत्री की प्रारंभिक प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने लिखा, “इजरायल के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त करते हुए प्रारंभिक बयान में फिलिस्तीनी अधिकारों का कोई उल्लेख नहीं किया.”

इस मुद्दे पर उनका बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस इजरायली बलों और 2006 से गाजा पर नियंत्रण रखने वाले फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के बीच चल रही शत्रुता पर अपने रुख पर बार-बार रख रही है.

शुरुआत में, कांग्रेस के कम्यूनिकेशन इंचार्ज, महासचिव जयराम रमेश ने इजरायली नागरिकों पर “क्रूर हमले” की निंदा की, साथ ही फिलिस्तीनियों के सम्मान का जीवन जीने और उनकी अपनी चुनी हुई सरकार के तहत वैध अधिकारों के लिए पार्टी के समर्थन को भी दोहराया.

इसके बाद, पार्टी के लिए निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के किसी भी प्रस्ताव में ‘इजरायल’ शब्द का कोई उल्लेख नहीं पाया गया. इसके बजाय, इसने युद्ध पर दुख व्यक्त किया और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के लिए पार्टी के समर्थन को दोहराया.

ऐसा तब हुआ जब नेताओं के एक वर्ग ने रमेश के बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि यह इस मुद्दे पर कांग्रेस की ऐतिहासिक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता है.

हालांकि, इसके बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का एक बयान आया जिसमें उन्होंने एक लाइन ली जो सोनिया गांधी द्वारा ली गई लाइन के समान थी.

सोनिया गांधी ने लिखा, “इजरायल पर हुए क्रूर हमलों से दुनिया पर प्रभाव पड़ा है.वहीं दूसरी तरफ जिस तरह से इजरायल ने जिस तरह का क्रूर कदम उठाया है वह भी दुनिया को प्रभावित कर रहा है.”

उन्होंने आगे कहा, “इजरायल सरकार हमास के कार्यों की तुलना फिलिस्तीनी लोगों से करने में गंभीर गलती कर रही है. हमास को नष्ट करने के अपने दृढ़ संकल्प में, इसने गाजा के आम लोगों के खिलाफ अंधाधुंध मौत और विनाश को अंजाम दिया है.

(संपादन: आशा शाह)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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