नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में योजनाबद्ध रणनीतियों के तहत सांप्रदायिक झड़पें हुईं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ‘वोट बैंक’ की राजनीति के कारण दंगाइयों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने में विफल रहे.
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के आखिरी दिन पर जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने कहा कि राज्य में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति का एक उदाहरण के रूप में कई घटनाएं देखी गईं.
अमित शाह ने आगे कहा कि, गहलोत सरकार के दौरान तुष्टीकरण की राजनीति ने सभी हदें पार कर दीं. पिछले 5 वर्षों में छबड़ा, भीलवाड़ा, करौली, जोधपुर, चित्तौड़गढ़, नोहर, मेवात, मालपुरा और जयपुर में सुनियोजित दंगे हुए हैं. वोट बैंक की राजनीति के कारण गहलोत सरकार दंगाइयों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. सालासर में राम दरबार पर बुलडोजर चलाया. अलवर में ड्रिलिंग मशीन से शिवलिंग तोड़ा. कठूमर में गौशाला पर बुलडोजर चढ़ा, राजस्थान में तुष्टीकरण के ऐसे कई मामले आप देख सकते हैं पिछले पांच वर्षों में.
केंद्रीय मंत्री ने विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत पर भरोसा जताया.
शाह ने कहा, पिछले 6 महीनों में मैं राजस्थान का दौरा कर रहा हूं. मैंने पूरे राजस्थान का दौरा किया है और मैं विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि राजस्थान में अगली सरकार भाजपा की बनेगी. हर जगह लोगों में बदलाव का मूड है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, “पूरे राजस्थान का दौरा करने के बाद, मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भाजपा राज्य में अगली सरकार बनाएगी. पूरे राजस्थान में लोग बदलाव के मूड में हैं. उन्होंने कांग्रेस सरकार को विदाई देने का फैसला किया है जो हर मोर्चे पर विफल रही है.”
साथ ही उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया और पूछा कि, “लोग लाल डायरी को लेकर अशोक गहलोत से सवाल कर रहे हैं. वे इससे क्यों डरते हैं.”
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.
200 विधानसभा सीटों में से 199 पर 25 नवंबर को चुनाव होगा, क्योंकि करणपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर के निधन के कारण स्थगित कर दिया गया था, 2018 में कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 73 सीटें जीतीं.
बसपा विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से गहलोत ने सीएम पद संभाला.
राजस्थान में शनिवार को विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने रैलियां कीं और एक-दूसरे पर हमले किए.
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