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Saturday, 4 May, 2024
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‘राजस्थान के योगी हैं’, तिजारा सीट से चुनाव लड़ रहे बालकनाथ बोले: यहां मुकाबला भारत-पाकिस्तान मैच की तरह

महंत बालक नाथ योगी उर्फ ​​बाबा बालकनाथ आगामी चुनावों में 'हम बनाम वे' मानसिकता के साथ उतर रहे हैं और कथित अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर हमला कर रहे हैं.

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अलवर: राजस्थान में तिजारा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार महंत बालकनाथ कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान खान के सामने अपनी आगामी चुनावी लड़ाई को “हम” बनाम “वे” या “भारत-पाकिस्तान मैच” के रूप में पेश कर रहे हैं.

अपने चुनावी अभियान में बीजेपी उम्मीदवार महंत बालक नाथ योगी उर्फ ​​बाबा बालकनाथ मेवात क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में बात कर रहे हैं. साथ ही वह राज्य में हिंदुओं और मुसलमानों के प्रति कांग्रेस सरकार के दृष्टिकोण में कथित असमानता पर भी जोर दे रहे हैं. अपने भाषण में वह उन लोगों के खिलाफ हमला कर रहे है, जो उनके अनुसार, “तालिबानी” सिद्धांतों का पालन करते हैं. साथ ही वह यह भी दावा करते है कि उन्हीं लोगों के प्रभाव से चलते मेवात में विकास नहीं हो पाया, जहां एक बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है.

11 नवंबर को तिजारा के शेखपुर जट्ट गांव में बोलते हुए, बालकनाथ ने ग्रामीणों से मंदिर और शमशान घाट (श्मशान घाट) बनाने के लिए जमीन ढूंढने के लिए कहा, जिसकी मांग पहले भी की गई है. उन्होंने गांव वालों को आश्वासन देते हुए कहा, “मैं चुनाव के तुरंत बाद वापस आऊंगा और यहां इसका शिलान्यास किया जाएगा. आपलोग चिंता मत करें.”

तिजारा निर्वाचन क्षेत्र में मेव मुसलमानों के साथ-साथ यादव और दलितों की भी बड़ी आबादी है. राज्य के विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक, निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 1,90,000 हिंदू और 70,000 मुस्लिम हैं. हिंदुओं में यादवों की संख्या लगभग 65,000 होने का अनुमान है, जबकि बनियों की संख्या लगभग 16,000 और जाटव दलित लगभगग 13,000 हैं.

तिजारा विधानसभा सीट अलवर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिसका प्रतिनिधित्व यादव समुदाय से आनेवाले बालकनाथ वर्तमान में सांसद के रूप में कर रहे हैं.

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हिंदू बहुल गांवों में विकास के प्रति कांग्रेस की कथित कमी पर ध्यान केंद्रित करते हुए बालकनाथ ने अहीर बहुल इंदौर गांव के लोगों से पूछा कि क्या हर घर में शौचालय बनाए गए हैं. (अहीर राजस्थान में एक अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय है जो खुद को यादव के रूप में बताता है.)

जब किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो उन्होंने उनसे बिना डरे अपनी बात रखने को कहा.

उन्होंने कहा, “हिम्मत से काम लो. तुम्हें यहीं रहना होगा. तुम्हें यहां से कोई नहीं भगा सकता. यह आपका घर है. यह आपकी ज़मीन है.”

उन्होंने कहा, “ये योजनाएं 2014 से लागू हैं. लेकिन वे (कांग्रेस नेता) नहीं चाहते कि इनका लाभ आप तक पहुंचे. शिक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है. इस गांव में एक स्कूल है, लेकिन उसमें शिक्षा की वह गुणवत्ता नहीं है जो सड़क के उस पार वाले स्कूल में है.” उन्होंने मुस्लिम बहुल आबादी वाले निकटवर्ती गांव का जिक्र करते हुए कहा. उनका दावा है कि मुस्लिमों के गांव में बेहतर बुनियादी ढांचा है, जो कांग्रेस के अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का परिणाम है.

Baba Balaknath addresses a crowd in Shekhpur Jatt, Rajasthan | Photo: Suraj Singh Bisht, ThePrint
बाबा बालकनाथ ने शेखपुर जाट, राजस्थान में लोगों को संबोधित करते हुए | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

हालांकि, दिप्रिंट से बात करते हुए बालकनाथ ने स्पष्ट रूप से मुस्लिम समुदाय का उल्लेख नहीं किया. हालांकि, वह चुनावी लड़ाई को “भारत-पाकिस्तान” मैच के रूप में बताते जरूर हैं. उन्होंने कहा, “यह करीब होने वाला है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र में “अपराध और गरीबी” बहुत अधिक है जिसे “उनके” द्वारा बढ़ावा दिया गया है और कहा कि वह इसे ठीक करने की दिशा में काम करेंगे.

उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र बहुत उत्पीड़ित रहा है. कांग्रेस शासन के दौरान, गैरकानूनी गतिविधियों की घटनाएं बढ़ी हैं. जैसे मानसून के मौसम में मेंढक बाहर आते हैं, उसी तरह आपराधिक तत्व जो अधिकतर निष्क्रिय रहते हैं, कांग्रेस शासन के दौरान बाहर आ जाते हैं.”

तिजारा से अभी विधायक संदीप कुमार यादव हैं, जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए. बालकनाथ के मुख्य प्रतिद्वंद्वी अब कांग्रेस के इमरान खान और आज़ाद समाज पार्टी के उदमी राम पोसवाल हैं. खान पर “तालिबानी” होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि पोसवाल को कांग्रेस ने हिंदू वोटों को विभाजित करने के लिए उकसाया है.

उन्होंने कहा, “कांग्रेस सांप्रदायिक राजनीति कर रही है. उन्होंने सभी पर अत्याचार किया है और अब हिंदू समुदाय को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं. कोई भी उन्हें (खान) नहीं चाहता. यहां के मेव मुसलमान भी उन्हें ‘तालिबानी’ कह रहे हैं. वे उससे डरते हैं. वह सबसे बड़े ठेकेदार हैं. वह वोट का ठेकेदार है. उन्होंने मेव समाज के हमारे मुस्लिम भाइयों को प्रभावित किया है और अब वोटों के लिए ठेकेदारी करते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “यहां विकास नहीं होने दिया गया. विकास होगा तो समृद्धि भी होगी. लोग शिक्षित होंगे और जागरूक होंगे और अब इन लोगों (कांग्रेस) पर निर्भर नहीं रहेंगे. वे लोगों को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल करते हैं. यदि युवा अवैध गतिविधियों में शामिल हैं, तो उन्हें हमेशा शक्तिशाली लोगों की मदद की आवश्यकता होगी.” बालकनाथ ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच “दरार” के लिए निर्वाचन क्षेत्र में हो रहे अपराध को जिम्मेदार ठहराया.

Baba Balaknath supporters in Alwar, Rajasthan | Photo: Suraj Singh Bisht, ThePrint
बालकनाथ के समर्थक अलवर में | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

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उन्होंने ऐसे उदाहरण भी गिनाए जहां कांग्रेस ने हिंदुओं के विकास की कीमत पर मुस्लिम समुदाय का पक्ष लिया है.

उन्होने पूछा, “जब करौली की घटना (2022 हिंदू-मुस्लिम हिंसा) हुई, तो कांग्रेस सरकार ने इसका संज्ञान नहीं लिया या अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया. हाल ही में एक गौ तस्कर की मौत हो गई. उनके परिवार को मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपये दिए गए. पिछले पांच सालों में अलवर में मासूमों की नृशंस हत्याएं हुई हैं, लेकिन काफी दबाव के बाद भी उन्हें वह दो-ढाई लाख रुपये भी नहीं मिले, जो आमतौर पर घोषित किए जाते हैं. तो तुष्टीकरण की राजनीति कौन कर रहा है? (प्रतिबंधित संगठन) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को अनुमति किसने दी? कौन चाहता था कि हिंदू भगवा झंडे हटा दिए जाएं? हिंदू धार्मिक यात्राओं पर रोक लगाने की अनुमति किसने दी?”

उन्होंने आगे कहा, “जोधपुर में रमज़ान के दौरान एक निश्चित क्षेत्र में, जिसमें हमारे मुस्लिम भाई रहते हैं, अचानक बिजली, रोशनी और पानी की व्यवस्था हो गई. यह आदेश किसने पारित किया? हमारे पास सबूत है. यदि आप बिजली या प्रकाश दे रहे हैं, तो इसे हर जगह दें. किसी को भी विशेष व्यवहार नहीं मिलना चाहिए.”

दिप्रिंट व्हाट्सएप कॉल और टेक्स्ट मैसेज के जरिए कांग्रेस के इमरान खान की टीम तक पहुंचा, लेकिन उनकी ओर से इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

‘हम बालकनाथ को जयपुर में बिठाएंगे’

बालकनाथ का तिजारा निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी की एंट्री – जिसे बीजेपी ने 1967 के बाद से केवल एक बार 2013 में जीता है – हमेशा से कठिन रही है. उन्हें निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक, बीजेपी के मम्मन यादव की जगह पर टिकट मिला है. अक्टूबर की शुरुआत में घोषणा के बाद, बालकनाथ को तिजारा में मम्मन यादव के समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. हालांकि, ऐसा लगता है कि दोनों ने अपने मतभेद भुला दिए हैं और मम्मन अब बालकनाथ के चुनावी अभियान में भी भाग लेते हैं.

जबकि बालकनाथ के मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के दावेदारों में से एक होने की अटकलें हैं, उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “ऐसा कुछ नहीं है. ये कोई विषय ही नहीं है. मैं सिर्फ पार्टी के काम में लगा हूं.”

लेकिन यह कहानी यादव वोट को मजबूत करने में मदद करती दिख रही है.

पेशे से ट्रक ड्राइवर और तिजारा के लुहाडेरा गांव के निवासी नरेंद्र कुमार यादव कहते हैं, “बालकनाथ हमारे लिए भगवान की तरह आए हैं. हम उन्हें निश्चित रूप से जीत दिलाएंगे. इतना ही नहीं, हम उन्हें जयपुर में भी रखेंगे.”

उन्होंने कहा, “तिजारा से मुस्लिम विधायक रहे हैं लेकिन उन्होंने हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया है. मुसलमानों ने हम हिंदुओं पर बहुत अत्याचार किया है और कांग्रेस उनका समर्थन करती है. जब हमारी बेटियां कॉलेज जाती हैं तो मुसलमान लड़के उन्हें परेशान करते हैं और छेड़ते हैं. चोरी की घटना बढ़ रही है. हमारी मुख्य समस्या यह है कि तिजारा में बहुत अधिक असामंजस्य और आतंकवादी गतिविधियां हैं. बाबाजी (बालकनाथ) निश्चित रूप से इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे.”

Narendra Kumar Yadav, resident of Tijara’s Luhadera village | Photo: Suraj Singh Bisht, ThePrint
तिजारा के लुहाडेरा गांव निवासी नरेंद्र कुमार यादव | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

राज्य में, बालकनाथ को “राजस्थान का योगी” के रूप में जाना जाता है और अक्सर अपने अभियानों में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा इस्तेमाल किए गए बुलडोजर ट्रॉप का उपयोग करते हैं. बालकनाथ के नामांकन के दौरान योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.

लुहाडेरा निवासी अजय पंडित ने कहा, “हम चाहते हैं कि बाबा सीएम बनें और राजस्थान में भी योगी राज हो. बाबा एक संत हैं और हिंदू धर्म में संतों की पूजा की जाती है. वह बीजेपी के उम्मीदवार हैं और बीजेपी सनातन धर्म (सभी हिंदुओं के लिए कर्तव्य के रूप में वर्णित) के बारे में बात करती है. पहले भी मुसलमानों ने हमारे धार्मिक जुलूसों पर पत्थर फेंके और बंदूकों का इस्तेमाल किया. जिस तरह से उनकी जनसंख्या बढ़ रही है, सनातन धर्म निश्चित रूप से खतरे में है.”

हालांकि, बालकनाथ पहले भी सीएम के तौर पर वसुंधरा राजे के प्रति समर्थन जता चुके हैं. पूर्व सीएम और राज्य में पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में से एक को चुनाव से पहले बीजेपी आलाकमान ने दरकिनार कर दिया था.

उन्होंने कहा, “मैंने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि वसुंधरा राजे दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. अभी तक पार्टी ने किसी की घोषणा नहीं की है. पार्टी किसी को भी सीएम उम्मीदवार के रूप में चुन सकती है लेकिन यह स्वाभाविक है कि वह दावेदारों में से एक है.”

आज़ाद समाज पार्टी के उम्मीदवार की अपील

जबकि बालकनाथ का कहना है कि आज़ाद समाज पार्टी के उदमी पोसवाल निर्वाचन क्षेत्र में उनके लिए खेल बिगाड़ सकते हैं, उनका यह भी मानना ​​है कि उनकी उम्मीदवारी से कांग्रेस चिंतित है क्योंकि तिजारा के कुछ हिस्सों में मुसलमान उनके आसपास एकजुट होते दिख रहे हैं.

मुस्लिम बहुल मिलकपुरी गांव में 32 वर्षीय दुकानदार इरशाद खान कहते हैं कि लड़ाई सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी के बीच नहीं है.

उन्होंने कहा, “तिजारा में दो नहीं बल्कि तीन मुख्य दावेदार हैं. हमारे उदमी भाई एक मजबूत दावेदार हैं. हम इस बार कुछ बदलाव चाहते हैं. वह हम में से एक है. हम उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. वह यहां विकास करेंगे. हम न तो कांग्रेस चाहते हैं और न ही बीजेपी. ये दोनों पार्टियां हिंदू-मुस्लिम (राजनीति) करती हैं और वोट हासिल करती हैं, लेकिन उसके बाद कोई नहीं आता है.”

Milakpuri village | Photo: Suraj Singh Bisht, ThePrint
मिलकपुरी गांव, राजस्थान | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

इरशाद की तरह 22 वर्षीय छात्र अकील खान भी इस बात पर जोर देते हैं कि उदमी स्थानीय उम्मीदवार होने के कारण उन्हें बालकनाथ और इमरान खान दोनों पर बढ़त मिलती है.

उसने कहा, “बाबा बालकनाथ पहले से ही हमें धमकी दे रहे हैं. वह बुलडोजर के बारे में बात कर रहे हैं. इमरान खान भी यहां के नहीं हैं. हम एक स्थानीय नेता चाहते हैं. पिछली बार भी हमने एक स्थानीय को वोट दिया था लेकिन वह कांग्रेस में चला गया.”

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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