scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीतिकांग्रेस को गोवा में लगा झटका, दिगंबर कामत समेत 8 विधायक BJP में हुए शामिल

कांग्रेस को गोवा में लगा झटका, दिगंबर कामत समेत 8 विधायक BJP में हुए शामिल

गुजरात और हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ दो साल के अंदर आम चुनावों से कुछ महीने पहले कांग्रेस से दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के बाहर होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा था.

Text Size:

नई दिल्ली: बुधवार को गोवा में कांग्रेस के 11 में से 8 विधायक बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए. इन नेताओं में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत भी शामिल हैं, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में राज्य के चुनावों में पार्टी अभियान का नेतृत्व किया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माइकल लोबो का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है.

वर्तमान एलओपी माइकल लोबो ने बुधवार सुबह कांग्रेस विधायक दल की अहम बैठक की और कांग्रेस विधायक दल का भाजपा में विलय करने का संकल्प लिया. इसके बाद विधायकों ने सचिव (विधानमंडल) को विलय का पत्र सौंपा. बाद में वे मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए.

बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले गोवा के पूर्व सीएम दिगंबर कामत और विपक्ष के नेता माइकल लोबो समेत कांग्रेस के आठ विधायकों ने विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मुलाकात की थी.

सीएम सावंत से मिलने वाले आठ विधायक दिगंबर कामत, माइकल लोबो, दलीला लोबो, राजेश फलदेसाई, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, एलेक्सो सेक्वेरा और रुडोल्फ फर्नांडीस हैं. कांग्रेस विधायक दल के साथ बैठक करने के बाद, लोबो ने मीडिया से कहा कि वे ‘बीजेपी में शामिल होंगे’, हालांकि सावंत की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

इस घटनाक्रम से पहले तक 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 11 जबकि भाजपा के 20 सदस्य थे.

कांग्रेस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बीजेपी की ‘ऑपरेशन गंदगी’ है जो कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से बौखला गई है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने निदा फाजिल की कविता का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘जो भारत जोड़ने के इस कठिन सफर में साथ नहीं दे पा रहे, वो भाजपा की धमकियों से डर कर तोड़ने वालों के पास जाएँ तो यह भी समझ लें कि भारत देख रहा है.’

यह कदम कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ी यात्रा के बीच उठाया गया है. इस अभियान के जरिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र का मुकाबला करने, देश के लोगों को आर्थिक असमानताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक केंद्रीकरण के खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजित किया गया है.

अभियान में पदयात्रा, रैलियां और जनसभाएं शामिल हैं, जिसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हैं.


यह भी पढ़ें: ऐसे ‘दोस्तों’ के रहते हिन्दी को दुश्मनों की क्या जरूरत


पहले भी कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले 4 सितंबर को गुजरात युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह वाघेला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसे पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

2 सितंबर को, राजौरी से स्वर्गीय मास्टर बेली राम शर्मा के बेटे और नौशेरा से पार्टी नेता राजिंदर प्रसाद ने सभी पदों और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

हाल के महीनों में, राजिंदर प्रसाद और कई हाई-प्रोफाइल नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी है. गुजरात और हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ दो साल के अंदर आम चुनावों से कुछ महीने पहले कांग्रेस से दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के बाहर होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा था.

जयवीर शेरगिल, जो पेशे से वकील हैं और कांग्रेस के युवा नेताओं में प्रमुख थे, ने 24 अगस्त को अपना इस्तीफा देते हुए दावा किया कि पार्टी में निर्णय लेने वालों की दृष्टि अब युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है.


यह भी पढ़ें: हिंदी वाले क्यों चाहते हैं कि उनके बच्चे ‘हाय-बाय’ तो बोलें, मगर उनका चरण स्पर्श करना न भूलें


share & View comments