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Saturday, 16 November, 2024
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‘मोर क्यों नहीं?’, संसद के कर्मचारियों की नई वर्दी में ‘कमल’ को लेकर कांग्रेस का BJP पर हमला

कमल जहां एक तरफ भारत का राष्ट्रीय फूल है वहीं यह भाजपा का पार्टी चिन्ह भी है. बीजेपी ने आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस को 'हर उस चीज से नफरत है जो भारतीय है'.

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नई दिल्ली: संसद के कर्मचारियों के लिए नई वर्दी पर विवाद छिड़ गया है और कांग्रेस इन खबरों पर नाराजगी जता रही है कि उनके वर्दी पर कमल की आकृति बनी हुई है. कमल जहां भारत का राष्ट्रीय फूल है वहीं यह भाजपा का पार्टी चिन्ह भी है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने सवाल उठाया कि वर्दी पर भारत का राष्ट्रीय पक्षी ‘मोर’ या राष्ट्रीय पशु ‘बाघ’ क्यों नहीं अंकित किया जाता. कांग्रेस के लोकसभा सचेतक और सांसद मनिकम टैगोर ने स्पीकर ओम बिड़ला को टैग करते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कमल ही क्यों? मोर क्यों नहीं, बाघ क्यों नहीं? अरे ये बीजेपी पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं है. यह गिरावट क्यों ओम बिरला सर.”

लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा के कर्मचारी अगले मंगलवार को विशेष सत्र (18-22 सितंबर) के दौरान नए संसद भवन में जाते समय नई वर्दी पहनेंगे.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, संसद सचिवालय की पांच शाखाओं – रिपोर्टिंग, टेबल कार्यालय, नोटिस कार्यालय, विधायी शाखा, सुरक्षा – के कर्मचारियों को “इंडियन टच” के साथ वर्दी सौंपी गई है, जिसमें कहा गया है कि मार्शलों के लिए वर्दी भी बदला जाएगा.

जहां महिला कर्मचारी नई डिजाइन वाली साड़ियां पहनेंगी, वहीं पुरुषों की वर्दी में कथित तौर पर क्रीम रंग की जैकेट, खाकी पतलून और कमल प्रिंट वाली शर्ट शामिल हैं. दोनों सदनों के कर्मी एक जैसी वर्दी पहनेंगे.

टैगोर ने कहा कि भाजपा ने भारत की अध्यक्षता में G20 प्रतीक के साथ भी यही किया था. टैगोर ने कहा, “G20 में भी ऐसा किया था और अब भी ऐसा कर रहे हैं और फिर कहेंगे कि यह एक राष्ट्रीय फूल है. इस तरह की क्षुद्रता ठीक नहीं है. आशा है कि भाजपा बड़ी होगी और संसद को एकतरफा पक्षपातपूर्ण चीज नहीं बनाएगी.”

भाजपा ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि कमल भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा, “उनके लिए, कमल प्रतीकवाद का प्रतीक है, हमारे लिए यह एक सांस्कृतिक प्रतीक है. कमल का उल्लेख हमारे पुराणों, वेदों में किया गया है, यह भारतीय लोकाचार का हिस्सा है.”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी संस्कृति का जश्न मनाने के बजाय, वे इस पर सवाल उठा रहे हैं. उन्हें हर उस चीज़ से नफरत है जो ‘भारतीय’ है. उन्होंने G20 के दौरान भी हंगामा किया था और वे फिर से ऐसा कर रहे हैं.”

भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि सदन में जो कुछ भी होता है वह अध्यक्ष का विशेषाधिकार है और कांग्रेस को हर जगह विवाद नहीं तलाशना चाहिए.


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