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Wednesday, 6 November, 2024
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छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है- बीजेपी को पछाड़ने के लिए बघेल सरकार खेल रही है धर्म का कार्ड

छत्तीसगढ़ में गाय और राम की राजनीति में कांग्रेस सरकार आगे. बघेल सरकार बस्तर जिले के रामपाल और सुकमा जिले के रामाराम नामक स्थानों में शिव और राम मंदिरों का निर्माण करेगी.

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रायपुर:ऐसे समय में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन समारोह को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार भी भगवान राम कार्ड खेल रही है.

पहले गाय के संरक्षण और गोबर खरीदी योजना, फिर रायपुर के नजदीक चंदखुरी में कौशल्या माता मन्दिर के सौंदर्यीकरण के लिए सरकारी खजाने से 15 करोड़ रुपए देने का वादा और अब बघेल सरकार ने एलान किया है वह बस्तर जिले के रामपाल और सुकमा जिले के रामाराम नामक स्थानों में शिव और राम मंदिरों का निर्माण करेगी. सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि भाजपा को राजनैतिक रूप से यह मुहतोड़ जवाब है.

रायपुर के पास  29 जुलाई को कौशल्या देवी मंदिर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, ‘छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. यहां कण-कण में भगवान राम बसे हुए हैं.’

बघेल ने कहा था, ‘भगवान राम ने वनवास का बहुत सा समय छत्तीसगढ़ में बिताया था. छत्तीसगढ़ सरकार भगवान राम के वन गमन मार्ग को विकसित कर रही है ताकि इन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके. चंदखुरी में 15 करोड़ की लागत से सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जाएगा और यह कार्य अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले पूरा कर लिया जाएगा.’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पीसीसी मीडिया प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी दिप्रिंट से कहतें हैं, ‘भारतीय जनता पार्टी भगवान राम को अपने दल और विचारधारा के दायरे में बांधना चाहती है. राम पूरे देश खासकर छत्तीसगढ़ के आम जनजीवन में बसे हुए हैं. वे छत्तीसगढ़ के भांजे हैं.’

वह आगे कहते हैं, ‘मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निर्णयों से इसी ओर बार-बार रेखांकित कर रहें हैं. उनका निर्णय भाजपा की राजनीति को एक मुहतोड़ जवाब हैं. भगवान राम और गाय के नाम पर भाजपा हमेशा राजनीति करती रही है. छत्तीसगढ़ से जुड़ी शबरी, कौशल्या माता, भगवान राम का वन गमन जैसी सारी बातें भूपेश बघेल के निर्णयों में रेखांक्ति हैं. भारतीय जनता पार्टी इससे घिर गई है, बौखला गई है.’

राज्य सरकार का कहना है कि लंका कूच करने से पहले भगवान राम ने जिस तरह रामेश्वरम् में शिवलिंग स्थापित कर पूजा-अर्चना की थी, उसी  प्रकार उन्होंने अपने वनवास काल में छत्तीसगढ़ के रामपाल में भी शिवलिंग स्थापित कर पूजा पाठ किया था. इसके बाद दक्षिण दिशा की तरफ बढ़ने से पहले राम ने राज्य के बॉर्डर जिले सुकमा के रामाराम में भूदेवी की भी पूजा की थी. यही कारण है कि सरकार इन दोनों स्थानों पर भी मन्दिर निर्माण कराएगी.


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‘भाजपा ने 15 साल राम के नाम पर राजनीति की’

पीसीसी प्रवक्ता धनंजय ठाकुर कहते हैं, ‘भूपेश बघेल सरकार ने पहले गौसंवर्धन और ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती के लिए एक अनुकरणीय योजना दी और अब राम के वनवास काल से जुड़े सभी मंदिरों और स्थानों को विकसित करने का निर्णय लिया है. भाजपा 15 साल सत्ता में थी लेकिन राम और गाय के नाम पर सिर्फ राजनीति की है.’

ठाकुर के अनुसार,’छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश और देश को बताया की गाय को असल में माता क्यों कहा जाता है. वहीं कौशल्या देवी के मंदिर को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाने की कोशिश, लव-कुश के जन्मस्थल वाल्मीकि गुफा और शबरी की कुटिया को विकसित करने के निर्णय ने भाजपा से जनता को भटकाने वाले राजनैतिक मुद्दे को छीन लिया है. प्रदेश में इन मसलों पर कहने के लिए उनके पास अब कुछ नही है.’

पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, ‘ भाजपा राम मंदिर और गाय पर ऐसी राजनीति करती है जैसे प्रभु राम और गौ माता  दोनों ही भारतीय जनता पार्टी के पेटेंट हों और उनकी बपौती हों. वे राम मंदिर भूमि पूजन समारोह में भी कुछ ऐसा ही कर रहें है. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने इन मुद्दों पर उनकी बोलती हमेशा के लिए बंद कर दी है.’

हालांकि  छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भगवान राम के वन गमन मार्ग को विकसित किए जाने को लेकर भाजपा भी हमलावर बनी हुई है. भाजपा नेताओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार कुछ नया नहीं करने जा रही है बल्कि उनकी पार्टी के कार्यक्रमों को ही आगे बढ़ा रही है.


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बीजेपी बोली- बघेल सरकार हमारे ही काम को आगे बढ़ा रही है 

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक दिप्रिंट से कहते है, ‘बघेल सरकार की गाय के संवर्धन की गौठान और गोबर खरीदी योजना पहले ही विफल हो गई है. योजना के तहत गौठान आवारा पशुओं को रखने के लिए बनाए गए थे. लेकिन सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं दूसरी ओर जिन पशुओं को गौठनों में ले जाया गया है वहां भी अव्यवस्था के चलते उनकी मौत हो रही है. यह कैसी योजना है.’

वह आगे कहते हैं, ‘जहां तक कौशल्या माता के मंदिर का प्रश्न है यह सबको पता है कि मंदिर का निर्माण हमारी सरकार में हुआ था. यह सरकार उसी काम को आगे बढ़ा रही हैं वह भी देरी से. इनको यह समझने में 19 महीने लग गए. भाजपा के लिए राम एक आस्था का प्रश्न हैं ना कि राजनीति का. राम मंदिर और रामसेतु पर कांग्रेस की चाल और चरित्र पूरे देश को पता है आज भले छाती पीट रहे हैं.’

धरमलाल कौशिक की बात को आगे बढ़ाते हुए पार्टी प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने दिप्रिंट से कहा कि भाजपा ने गाय और राम पर कभी राजनीति नही किया, बल्कि हिन्दू समाज के आस्था की वकालत की है. बात कौशल्या मंदिर की हो या फिर राम के वन गमन स्थानों को विकसित किए जाने की सारी योजनाएं पुरानी हैं. वह सिर्फ सौंदर्यीकरण का काम कर रहे हैं और उसमें भी राजनीति कर रहे हैं.’

उपासने कहतें हैं, ‘सात महीने पहले उसका शिलान्यास किया गया था, आज तक काम क्यों चालू नही हुआ.’ उन्होंने आगे कहा,’ आज जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारी पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय है ऐसे समय में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का यह कहना कि कौशल्या माता मंदिर सौंदर्यीकरण का काम उससे पहले पूरा हो जाएगा एक अहम से भरा हुआ वक्तव्य है.’

‘आज अयोध्या में जो मंदिर निर्माण की तैयारी हो रही है वह एक लंबे आंदोलन का परिणाम है जिसमें कांग्रेस का कोई योगदान नही था. उन्होंने तो मंदिर आंदोलनकारियों का खून बहाने का काम किया है.’

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