जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि युवाओं के भीतर समाज में परिवर्तन लाने की शक्ति होती है. उनकी ऊर्जा और नए आविष्कार की क्षमता हमारे समाज को नई दिशा दे सकती है. इसी दिशा में नवीन युवा नीति हमारे विजन 2030 को साकार करने का एक सशक्त माध्यम बनेगी.
गहलोत शनिवार को जयपुर के दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में आयोजित राज्य स्तरीय युवा महापंचायत ‘युवा संकल्प’ को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि युवा होना एक अद्भुत और महत्वपूर्ण दौर होता है, युवा शब्द सिर्फ एक आयु का ही नहीं बल्कि यह ऊर्जावान होने का भी संकेत है. नवीन युवा नीति से राजस्थान वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनेगा.
कार्यक्रम में राजस्थान की नवीन युवा नीति पर प्रस्तुतीकरण दिया गया और इस पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया. इस दौरान युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा ने मुख्यमंत्री को नवीन युवा नीति का ड्राफ्ट सौंपा. मुख्यमंत्री ने ‘युवाओं की आकांक्षाएं’ पुस्तिका का विमोचन किया. युवा महोत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी दिए गए.
युवा कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले साढे़ चार वर्षों में युवाओं के हित में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. राज्य सरकार युवाओं के कल्याण, उनके रोजगार और कौशल विकास, उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है. युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिए प्रदेश का बजट युवाओं को समर्पित किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नई युवा नीति शीघ्र ही जारी की जाएगी. साथ ही, राज्य में 500 करोड़ रुपए का युवा विकास और कल्याण कोष बनाने का निर्णय लिया गया है. राजीव गांधी नेशनल यूथ एक्स्चेंज प्रोग्राम के तहत 10 हजार युवाओं को एक्स्पोजर विजिट का अवसर दिया जा रहा है. जिला और राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है.
पूरे देश में लागू हो अनिवार्य एफआईआर
गहलोत ने कहा कि राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था के लिए निरंतर नवीन फैसले लिए जा रहे हैं. मनचलों का रिकॉर्ड संधारण कर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. निर्धारित समय से अधिक वक्त तक खुलने वाले बार एवं नाइट क्लबों के विरूद्ध अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा, “अनिवार्य एफआईआर की नीति से जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है.” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनिवार्य एफआईआर की नीति को पूरे देश में लागू करने का आग्रह किया.
पेपर लीक पर गंभीर राज्य सरकार
गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार पेपर लीक के प्रकरणों को लेकर गंभीर है. इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है. ‘राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) अधिनियम, 2022’ लागू कर अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थियों, परीक्षा एजेंसी, कोई भी व्यक्ति, मैनेजमेंट या संस्था हेतु 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, आजीवन कारावास और सम्पत्ति की जब्ती जैसे कठोर प्रावधान किए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों से संवाद स्थापित कर सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना चाहिए. साथ ही, करियर को लेकर किसी भी प्रकार का मानसिक दबाव न बनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर काउन्सलिंग का सहारा भी लिया जाए.
गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में 30 हजार विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है. कालीबाई भील और देवनारायण योजना में बालिकाओं को 30 हजार स्कूटियां वितरित की जा रही है. राज्य में युवाओं को अच्छी सुविधा देने हेतु जयपुर में ‘राजीव गांधी यूथ एक्सीलेंस सेंटर‘ का निर्माण हो रहा है. इसमें युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए केरियर मार्गदर्शन, होस्टल आदि की आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी. हर जिले में विवेकानंद यूथ हॉस्टल खोले जा रहे हैं. प्रदेश के 500 होनहार विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा जा रहा है.
प्रदेश के अल्प आय वर्ग के युवाओं को दिल्ली में विभिन्न कोचिंग और कैरियर काउन्सलिंग लेकर अपना भविष्य संवारने के लिए दिल्ली स्थित उदयपुर हाउस में 300 करोड़ की लागत से नेहरू यूथ ट्रांजिट हॉस्टल एवं फेसिलिटेशन सेंटर बनाया जा रहा है.
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि युवा नीति के क्रियान्वयन के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं को संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली से भी अवगत होने की आवश्यकता है. इससे सभी जनकल्याणकारी योजनाएं सुगमता से धरातल पर उतर सकेंगी.
सीताराम लांबा ने कहा की राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसकी अपनी युवा नीति होगी. उन्होंने कहा की प्रदेश भर के हजारों युवाओं के साथ संवाद कर उनकी अपेक्षाएं तथा आकांक्षा को इस नीति के ड्राफ्ट में सम्मिलित किया गया है. यह नीति प्रदेश के युवाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, तथा उनके सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है.
यूएनएफपीए के डिप्टी रिप्रेजेन्टेटिव श्रीराम हरिदास ने कहा कि यह नीति डिजिटल स्किल का विस्तार कर खेलों को बढ़ावा देकर और युवा लड़कियों को सशक्त बनाकर विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले युवाओं के जीवन में बदलाव को गति देगी. युवा नेता कन्हैया कुमार ने युवाओं के साथ अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को अपने विचारों की स्वतंत्रता एवं अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए. उन्होंने युवा नीति की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी.
समारोह में युवा बोर्ड के उपाध्यक्ष सुशील पारीक, शासन सचिव नरेश कुमार ठकराल एवं युवा नेता अभिषेक चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में युवा उपस्थित रहे.
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नवीन युवा नीति
राज्य की सशक्त युवा आबादी को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने युवाओं के लिए एक समर्पित नीति बनाने का निर्णय लिया था. नवीन युवा नीति का ड्राफ्ट यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) की तकनीकी सहायता से राजस्थान युवा बोर्ड द्वारा तैयार किया गया है. यह नीति सतत विकास लक्ष्यों और संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के साथ संरेखित है. इसमें राजस्थान के युवाओं की अपेक्षाओं व आकांक्षाओं को सम्मिलित किया गया है.
इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के विकास के लिए स्वस्थ, कुशल, सामाजिक रूप से जिम्मेदार, नैतिक रूप से जागरुक, आर्थिक रूप से सशक्त एवं सक्रिय नागरिक बनाने के लिए उचित अवसर एवं सकारात्मक वातावरण प्रदान करना है.
नीति में 18 विशेष समूह शामिल – युवा लड़कियां, महिलाएं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक समुदाय के युवा, शहरी मलिन बस्तियों के युवा, प्रवासी युवा, विकलांग युवा, जोखिम में युवा, मानव तस्करी और हिंसा से प्रभावित युवा आदि शामिल हैं.
पांच प्राथमिक विषयों पर कार्य करेगी – 1. शिक्षा, 2. उद्यमिता एवं रोजगार, 3. स्वास्थ्य एवं खेल, 4. युवा नेतृत्व एवं विकास, 5. सामाजिक न्याय एवं जेंडर समानता.