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Monday, 23 December, 2024
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और उलझा महाराष्ट्र: कांग्रेस-एनसीपी की बैठक में नहीं बनी बात, भाजपा-शिवसेना ने किया सरकार बनाने का दावा

पिछले तीन दिनों से चली जबरदस्त गहमागहमी के बाद आखिरकार महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किये.

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नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की मंगलवार को लंबी चली बैठक के बाद भी महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर फैसला साफ नहीं हो पाया. शाम होते-होते महाराष्ट्र सरकार गठन का मामला और उलझ गया. एनसीपी और कांग्रेस की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के ठीक बाद शिवसेना और भाजपा भी बड़े दावों के साथ मीडिया के सामने आई. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जहां एक ओर सरकार बनाने के दावे पर कायम रहने की बात कही वहीं दूसरी तरफ भाजपा के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने साफ किया कि महाराष्ट्र में सरकार भाजपा की ही होगी और इसके लिए जो भी करना होगा करेंगे. भाजपा नेता ने कहा, ‘मैं राज्य में भाजपा सरकार के लिए प्रयासरत हूं.  सरकार बनाने के लिए जो करना होगा करेंगे.’

नारायण राणे ने शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा को साम, दाम, दंड भेद शिवसेना ने ही सिखाया है. राणे ने यह भी कहा कि लगता नहीं कि कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना के साथ जाएगी. उन्होंने यह भी साफ-साफ कहा कि हम 145 के आंकड़े पूरे कर ही राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.

बता दें कि देर शाम महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किये. अधिकारी ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर बताया, ‘महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के खत्म होने के 15 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी कोई भी राजनीतिक दल राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं, ऐसे में राष्ट्रपति शासन ही एक बेहतर विकल्प है.’

एनसीपी- कांग्रेस की बेनतीजा बैठक

कांग्रेस और एनसीपी दोनों पार्टियों के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि शिवसेना को समर्थन देना है या नहीं इसपर हमारी बातचीत चल रही है.

मीडिया से बातचीत के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने यह साफ कहा कि हम महाराष्ट्र में ‘दुबारा चुनाव’ नहीं चाहते हैं. इस दौरान कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा, ‘महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की आलोचना करता हूं.’

उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल ने शिवसेना को न्योता भेजा, एनसीपी को न्योता भेजा लेकिन कांग्रेस पार्टी को न्योता नहीं भेजा गया हम इसकी निंदा करते हैं.


यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में कोविंद के हस्ताक्षर के बाद लगाया गया राष्ट्रपति शासन, सरकार बनाने के लिए एनसीपी-कांग्रेस कर रही है मंथन


अहमद पटेल ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं केंद्र सरकार गोआ सहित कई राज्यों में पिछले पांच वर्षों से मनमानी करती आई है और सुप्रीम कोर्ट के प्रेसिडेंट रूल को लेकर बनाए गए नियमों को भी ताक पर रख दिया है. यह संविधान का मज़ाक उड़ाने जैसा है.’

‘कल हमें शिवसेना का फोन आया था लेकिन हम बिना एनसीपी से बात किए किसी भी निर्णय पर पहुंचने वाले नहीं थे. आज हम दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की लेकिन हम किसी नतीजे पर पहुंच नहीं पाए हैं. अभी दोनों पार्टियों के बीच बैठक का और भी दौर चलेगा.’

नहीं चाहते राज्य में दुबारा चुनाव

इस मौके पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम दोबारा महाराष्ट्र में चुनाव नहीं चाहते हैं. अभी हमारी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बातचीत चल रही हैं.

पवार ने यह भी कहा, ‘हम किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं. कांग्रेस के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद शिवसेना को सपोर्ट किए जाने पर फैसला लेंगे.’

बैठक में दोनों पार्टियां यह तय नहीं कर पाई कि दोनों पार्टियां शिवसेना के साथ मिलकर अगर सरकार बनाती है तो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम क्या होगा.

आज दोनों पार्टियों की बैठक में शरद पवार के साथ कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल मौजूद थे.

ठाकरे बोले सरकार बनाने का दावा कायम

इसके ठीक बाद शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे दोनों ने मीडिया से बातचीत की. उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘हमारा आज भी सरकार बनाने का दावा कायम है.’

ठाकरे ने कहा, ‘गर्वनर ने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया लेकिन उन्होंने राज्य में सरकार बनाने से इनकार कर दिया. अगले दिन हमें न्योता दिया गया लेकिन सिर्फ 24 घंटे का समय दिया गया जबकि हमने गवर्नर से 48 घंटे का समय मांगा था. फिर हमने कांग्रेस और एनसीपी से सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा था और गवर्नर से इसके लिए 48 घंटे का समय भी मांगा था.राज्यपाल ने हमें समय नहीं दिया.

ठाकरे ने यह भी कहा कि शिवसेना-भाजपा का साथ बहुत पुराना है. ठाकरे ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हमारा साथ छोड़ा है हमने नहीं. लेकिन अब शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाएगी. हम दोनों पार्टियों से बातचीत चालू रखेंगे. इस दौरान उन्होंने पार्टी नेता अरविंद सावंत का भी धन्यवाद किया जिन्होंने पार्टी के लिए केंद्रीय मंत्रिपद से इस्तीफा दिया. ठाकरे ने कहा कि उन्हें उनपर गर्व है.

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