नीमच : मध्य प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तब भी गांधी सागर बांध था, लेकिन कभी कांग्रेस ने किसानों को उसका पानी नहीं दिया. कभी भी किसानों के कल्याण के लिए कोई योजना नहीं बनाई. और जब 2018 में कुछ दिनों के लिए कमल नाथ मुख्यमंत्री बने, तब भी उन्होंने किसानों को छलने का काम किया. एक तो कर्ज माफ नहीं किया, दूसरी ओर किसानों पर ब्याज की गठरी लाद दी. यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नीमच जिले के मनासा में कही.
वह यहां पर विकास पर्व के अवसर पर महिला सम्मेलन में संवाद कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों को विकास की कई सौगातें दीं. सीएम ने 36.76 करोड़ के 11 विकास कार्यों का लोकार्पण किया और 1245 करोड़ से अधिक के 13 कार्यों का भूमिपूजन किया.
नई परियोजना बदलेगी तकदीर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज मैंने रामपुरा मनासा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का भूमि पूजन किया है. इसके पानी से खेतों में ऐसी हरियाली आएगी कि नीमच के किसान पंजाब के किसानों को पीछे छोड़ देंगे. भाजपा सरकार में हर किसान के खेत में पानी पहुंचाया जाएगा.
कमल नाथ से सवाल पूछना
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमल नाथ ये बताएं, जब कांग्रेस की सरकार थी तब सड़क में गड्ढा था, या गड्ढे में सड़क, पता नहीं चलता था. भोपाल से नीमच पहुंचने में 10 घंटे लगते थे, आज भाजपा सरकार में 6 घंटे में पहुंच रहे हैं.
महिलाओं के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं
महिला सम्मलेन में संवाद करते हुए सीएम ने कहा कि बेटी बोझ न लगे, इसके लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की. अब प्रदेश की हर बेटी लखपति पैदा हो रही है. बहनों को सशक्त करने के लिए लाड़ली बहना योजना के तहत 1 हजार रुपये दे रहे हैं. जल्दी ही इसे 3 हजार महीने किया जाएगा. चुनाव में आरक्षण, संपत्ति की रजिस्ट्री में छूट भाजपा सरकार ही दे रही.
कर्जमाफी की झूठी घोषणा
सीएम शिवराज ने कहा कि कमल नाथ ने किसानों पर कर्जमाफी के नाम पर 2200 करोड़ का ब्याज चढ़ा दिया था. अब मेरी सरकार ने उस कर्ज को भरा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के बड़े बिल से मत डरना, उन सभी बिलों को खत्म कर दूंगा. अनुदान पर ट्रांसफर लगवाने की योजना फिर से शुरू की जाएगी. झूठी गारंटी देने आई है कांग्रेस, वह सिर्फ वादे करते हैं, उन्हें निभाते नहीं हैं. हमारी सरकार 13 अगस्त से मुख्यमंत्री सीखो, कमाओ योजना शुरू कर रही है, हमारे युवा काम सीखेंगे और उन्हें हर महीने 10 हजार रुपये तक मिलेंगे, काम सीखकर वे रोजगार हासिल कर पाएंगे.
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